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मानें या ना मानें... हिंदी सिनेमा की ये 5 क्लासिक फ़िल्में रिलीज़ के वक़्त रही थीं फ्लॉप

आज ये कल्पना करना मुश्किल है कि आमिर-सलमान साथ आएं और फ़िल्म फ्लॉप हो जाए, मगर अंदाज़ अपना-अपना फ्लॉप फ़िल्मों में गिनी जाती है।

By मनोज वशिष्ठEdited By: Updated: Thu, 27 Jul 2017 05:54 AM (IST)
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मानें या ना मानें... हिंदी सिनेमा की ये 5 क्लासिक फ़िल्में रिलीज़ के वक़्त रही थीं फ्लॉप
मुंबई। हिंदी सिनेमा में ऐसी कई फ़िल्में आई हैं, जिन्हें देखते हुए आप आज भी बोर नहीं होते। इन फ़िल्मों को आप कल्ट कहते हैं, क्लासिक कहते हैं। मगर आपको ये जानकर हैरानी होगी कि आज कल्ट-क्लासिक कही जाने वाली ये फ़िल्में बॉक्स ऑफ़िस के हिसाब से फ्लॉप रही थीं। आइए, जानते हैं ऐसी ही कुछ फ़िल्मों के बारे में...

सत्तर और अस्सी के दशक में अमिताभ बच्चन ने कई ऐसी फ़िल्मों में काम किया है, जिन्हें क्लासिक फ़िल्मों की लिस्ट में शामिल माना जाता है। इन्हीं में एक फ़िल्म है 'शान'। इस मल्टीस्टारर में अमिताभ के साथ शत्रुघ्न सिन्हा और शशि कपूर ने लीड रोल्स निभाए थे, जबकि कुलभूषण खरबंदा ने बॉल्ड शाकाल का निगेटिव रोल निभाया था। एक हिट मसाला फ़िल्म के सारे तत्व होते हुए भी शान बॉक्स ऑफ़िस पर नहीं चली थी।

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अस्सी के दशक में जब सिनेमा की दुनिया एक्शन फ़िल्मों के इर्द-गिर्द रहती थी, एक सेटायर फ़िल्म 'जाने भी दो यारों' आई। सिस्टम के करप्शन पर गहरी चोट करने वाली फ़िल्म में नसीरूद्दीन शाह, रवि वासवानी, पंकज कपूर, ओम पुरी और सतीश शाह ने मुख्य किरदार निभाए। आज ये कॉमेडी फ़िल्म भले ही आपको हंसा-हंसाकर लोट-पोट कर देती हो, मगर सिनेमाघरों में इसे दर्शक नहीं मिले थे। कुंदन शाह निर्देशित 'जाने भी दो यारों' की टाइमलेस कहानी और अदाकारी की वजह से फ़िल्म आज भी पसंद की जाती है।

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राजकुमार संतोषी की कॉमेडी फ़िल्म 'अंदाज़ अपना-अपना' आज भी दर्शकों को गुदगुदाने में कामयाब रहती है। ये अकेली फ़िल्म है, जिसमें आमिर ख़ान और सलमान ख़ान साथ आए थे। आज ये कल्पना करना मुश्किल है कि आमिर-सलमान साथ आएं और फ़िल्म फ्लॉप हो जाए, मगर 'अंदाज़ अपना-अपना' फ्लॉप फ़िल्म है। हालांकि आमिर-सलमान के बीच नोक-झोंक ने दर्शकों के दिल में जगह बना ली और जैसे-जैसे वक़्त गुज़रा, 'अंदाज़ अपना-अपना' कल्ट बन गई।

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विजय दीना नाथ चौहान... 'अग्निपथ' का ये किरदार अमिताभ बच्चन की यादगार भूमिकाओं में शामिल है। ख़ासकर उनके बोलने का अंदाज़। कहा गया कि बच्चन ने द गॉडफादर के मार्लो ब्रेंडो को फॉलो किया था। फ़िल्म क्रिटिकली और कमर्शियली फ्लॉप रही थी, मगर जब बिग बी को इसके लिए नेशनल अवॉर्ड मिला, तो 'अग्निपथ' को लेकर राय बदल गई। मिथुन चक्रवर्ती को भी इस फ़िल्म के लिए नेशनल अवॉर्ड से नवाज़ गया था। मज़ेदार पहलू ये है कि करण जौहर ने जब रितिक रोशन को लेकर इसे रीमेक किया, तो फ़िल्म इंस्टेंट हिट रही।

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शोमैन राज कपूर की फ़िल्म 'मेरा नाम जोकर' को आज हिंदी सिनेमा की क्लासिक फ़िल्मों में गिना जाता है, मगर सन् सत्तर में रिलीज़ हुई ये फ़िल्म इतनी बड़ी फ्लॉप रही कि राज कपूर की माली हालत काफी ख़राब हो गई थी। सर्कस के जोकर की ज़िंदगी को दर्शाती दार्शनिक मिज़ाज वाली इस फ़िल्म को बनाने में राज कपूर को 6 साल लगे थे। लगभग सवा चार घंटे की फ़िल्म का संगीत हिट रहा था। धर्मेंद्र, मनोज कुमार और राजेंद्र कुमार जैसे बड़े स्टार्स को केमियो भी फ़िल्म को बचा नहीं सका। मगर, इसकी सिनेमेटिक वैल्यू की वजह से फ़िल्म कल्ट-क्लासिक मानी जाती है।

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