आपने देखा क्या इस फिल्म का ट्रेलर, याद आ जाएंगे पद्म पुरस्कार वाले 104 साल के वायरल बाबा
ये फिल्म जब शूट करनी शुरू हुई जब नंद किशोर प्रुस्टी को पद्म पुरस्कार मिलने की घोषणा नहीं हुई थी। नवम्बर 2021 में वयोवृद्ध प्रुस्टी को राष्ट्रपति भवन में पद्म सम्मान दिया गया था। लगभग एक महीने बाद 7 दिसम्बर 2021 में उनका निधन हो गया था।
By Priti KushwahaEdited By: Updated: Thu, 09 Jun 2022 01:37 PM (IST)
अमित शर्मा। पिछले साल जब पद्म पुरस्कार दिए जा रहे थे तो टोपी वाले 104 साल के बाबा बड़े चर्चा में आए थे। राष्ट्रपति से पुरस्कार लेने के बाद आशीर्वाद देते हुए और प्रधानमंत्री का अभिवादन करते हुए उनके वीडियो पूरी दुनिया में चर्चा में आए थे। तब लोगों ने जाना था कि ये 104 साल का शख्स गरीब बच्चों आजीवन को पढ़ाता रहा, वो भी बिना पैसे लिए। ये याद इसलिए ताजा की, क्योंकि इस अजीमो शान शख्सियत पर अब फिल्म बनी है। ये डॉक्यूमेंट्री फिल्म है और इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म को ध्यान में रखते हुए इसे तैयार किया गया है। जून में ही फिल्म का ट्रेलर भी रिलीज हुआ है।
दिलचस्प बात ये है कि ये फिल्म जब शूट करनी शुरू हुई जब नंद किशोर प्रुस्टी को पद्म पुरस्कार मिलने की घोषणा नहीं हुई थी। नवम्बर 2021 में वयोवृद्ध प्रुस्टी को राष्ट्रपति भवन में पद्म सम्मान दिया गया था। लगभग एक महीने बाद 7 दिसम्बर, 2021 में उनका निधन हो गया था। 'नन्दा मास्टर नक्का चट्टसाली' नाम की ये फिल्म बताएगी कि कैसे एक इंसान बस पढ़ाता रहा.. पढ़ाता रहा, बिना किसी लालच के। निशुल्क शिक्षा ही उनका जीवन था। फिल्म बनने के दौरान ही उनके पद्म पुरस्कार से सम्मानित होने की घोषणा हुई। ऐसे में फिल्म के डायरेक्टर प्रणव आइची ने गृह मंत्रालय से विशेष अनुमति लेकर उनके दिल्ली आने, रुकने, राष्ट्रपति भवन में सम्मान तक के शॉट्स इस फिल्म के लिए कैमरे में कैद किए। प्रणव मूलत ओडिशा के ही रहने वाले हैं और दिल्ली की जामिया मिलिया से सिनेमेटोग्राफी का हुनर सीख चुके हैं। प्रणव की कई डॉक्यूमेंट्री अंतरराष्ट्रीय समारोह तक पहुंची हैं। 2009 में अभय को कान्स में बेस्ट फोटोग्राफी का अवॉर्ड भी मिला था।
फिल्म के प्रोड्यूसर प्रणव पाति टीवी पत्रकार रहें हैं। कई सालों पहले स्पेशल रिपोर्ट के सिलसिले में नंद प्रुस्टी पर स्टोरी कर चुके थे, तभी से जेहन में था कि इन पर एक फिल्म क्यों न बनाई जाए। स्टूडियो वाला फिल्म से बैनर तले बनी ये डॉक्यूमेंट्री पहले इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में भेजी जाएगी.. उसके बाद OTT पर रिलीज किया जाएगा। ओडिशा के जाजपुर में 70 सालों से बच्चों को पढ़ाते रहे नन्दा बाबा जब पद्म पुरस्कार लेने पहुंचे थे तो इनका नंगे पैर आना और आशीर्वाद देने का तरीका बहुत चर्चा में आया था। ऐसे बहुत से परिवार हैं जहां तीन पीढ़ियों को नन्दा बाबा ने शिक्षा दी।