अमोल पालेकर ने की सरकार की आलोचना, बीच में रोका गया भाषण, अब मचा है हंगामा
मुंबई के नेशनल गैलरी ऑफ़ मॉडर्न आर्ट (NGMA) में कलाकार प्रभाकर बर्वे की कला पर विमर्श करने के लिए इनसाइड द एम्प्टी बॉक्स कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।
By Manoj VashisthEdited By: Updated: Tue, 12 Feb 2019 07:15 AM (IST)
मुंबई। वेटरन एक्टर और फ़िल्मकार अमोल पालेकर को एक कार्यक्रम में स्पीच देने से रोक दिया गया, क्योंकि वो केंद्र सरकार की कल्चर मिनिस्ट्री के एक फ़ैसले की आलोचना कर रहे थे। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया है और एक बार फिर अभिव्यक्ति की आज़ादी का मुद्दा गर्मा गया है।
मुंबई के नेशनल गैलरी ऑफ़ मॉडर्न आर्ट (NGMA) में कलाकार प्रभाकर बर्वे की कला पर विमर्श करने के लिए इनसाइड द एम्प्टी बॉक्स कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें अमोल पालेकर को आमंत्रित किया गया था। मिनिस्ट्री ऑफ़ कल्चर ने मुंबई और बेंगलुरु की नेशनल गैलरी ऑफ़ मॉडर्न आर्ट में लगने वाली प्रदर्शनियों को लेकर नियम में बदलाव किया है। नये नियम के मुताबिक़, इन गैलरीज़ में प्रदर्शनी के विषय और कंटेंट को चुनने का एकाधिकार अब मिनिस्ट्री ऑफ़ कल्चर के पास होगा, जबकि पहले स्थानीय कलाकारों की एक सलाहकार समिति को भी इस फ़ैसले में शामिल किया जाता था। अपने भाषण में जैसे ही अमोल पालेकर ने मिनिस्ट्री ऑफ़ कल्चर के इस नये फ़ैसले की आलोचना शुरू की, उन्हें टोका जाने लगा। अमोल ने कहा- ''एनजीएमए पर यह नियंत्रण, जो कलात्मक अभिव्यक्ति और विभिन्न कलाओं के प्रदर्शन की जगह है, एक तरह से मानवता के ख़िलाफ़ जंग में ताज़ा दुर्घटना है। मैं बहुत परेशान हूं। इससे अफ़सोस की बात यह है कि जिन पर इस फ़ैसले का असर पड़ता है, वो ना बोलते हैं, ना विरोध करते हैं और सवाल तक नहीं उठाते।'' सबसे पहले सलाहकार समिति के पूर्व अध्यक्ष और आर्टिस्ट सुहास बहुलकर ने अमोल को बर्वे और उनकी आर्ट पर ही बोलने के लिए कहा।
जब शो की क्यूरेटर जेसल ठाकर ने, अमोल पालेकर को टोका, तो वेटरन एक्टर ने कहा कि उन्हें लेखक नयनतारा सहगल का निमंत्रण याद आ रहा है। एक मराठी साहत्यिक समारोह में उनका नाम आख़िरी वक़्त में इसलिए हटा दिया गया था, क्योंकि वो अपने भाषण में मौजूदा राजनीतिक वातावरण की आलोचना करने वाली थीं। आख़िरकार अमोल पालेकर को पूरी स्पीच नहीं देने दी गयी और उन्होंने इसे वक़्त से पहले ख़त्म कर दिया। इस कार्यक्रम का वीडियो वायरल होते ही सोशल मीडिया में हंगामा मच गया।
ज़्यादातर लोग हिंदी और मराठी सिनेमा के दिग्गज कलाकार को इस तरह बीच में रोक देने के लिए आयोजकों की आलोचना कर रहे हैं, वहीं कुछ इसका समर्थन भी करते दिखायी दे रहे हैं। आलोचना करने वाले अभिव्यक्ति की आज़ादी का मुद्दा उठाते हुए मौजूदा राजनीतिक माहौल पर सवाल खड़े कर रहे हैं तो समर्थक कह रहे हैं कि अमोल पालेकर को इस मंच का इस्तेमाल आलोचना करने के लिए नहीं करना चाहिए था।Veteran Actor and Film Maker Amol Palekar being rudely cut off and asked to shut up just because he was mildly critical of Ministry of Culture. There is no Intolerance. Only sycophancy is tolerated pic.twitter.com/pFN6rhQ1g9
— Joy (@Joydas) February 9, 2019
उधर, अमोल पालेकर ने रविवार को इस मुद्दे पर मीडिया से बातचीत की। उन्होंने आयोजकों के रूखे बर्ताव के बारे में बताते हुए कहा, मैंने उनसे कहा कि मैं इस बड़े स्तर पर प्रदर्शनी करवाने के लिए संस्कृति मंत्रालय को धन्यवाद कहना चाहता हूं। मगर वो यह कहते हुए चली गयीं कि बाद में उन्हें इस तरह के कॉम्पलीमेंट नहीं चाहिए। अमोल ने यह भी बताया कि वो चाहती थीं कि बोलने से पहले वो उनकी स्पीच को देखें, इस पर अमोल ने कहा था कि वो उनकी स्पीच सेंसर करना चाहती हैं।
Amol Palekar on being asked to cut short his speech at National Gallery of Modern Art, Mumbai: I even told them that I wanted to thank Ministry of Culture for the magnanimity of culture for showing this exhibition.She said she doesn't want any backhand compliment like this & left https://t.co/w1ZnDMSvbS
— ANI (@ANI) February 10, 2019