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Filmfare में 7 नॉमिनेशन मिलने के बाद भी विवेक अग्निहोत्री ने किया बायकॉट, कहा- आग कहीं भी हो, लेकिन जलनी चाहिए

Vivek Agnihotri Refuses Filmfare Awards Despite Nomination In 7 Category द कश्मीर फाइल्स के लिए विवेक अग्निहोत्री को फिल्मफेयर अवॉर्ड्स 2023 में सात अलग-अलग कैटेगरी में नॉमिनेशन मिले हैं। बावजूद इसके उन्होंने शो का बहिष्कार कर दिया है।

By Vaishali ChandraEdited By: Vaishali ChandraUpdated: Thu, 27 Apr 2023 02:01 PM (IST)
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Vivek Agnihotri Refuses Filmfare Awards Despite Nomination In 7 Category, Tweet
नई दिल्ली, जेएनएन। Vivek Agnihotri Refuses Filmfare Awards Despite Nomination In 7 Category: द कश्मीर फाइल्स के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री अपनी बयानबाजी को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं। अब उन्होंने फिल्मफेयर अवॉर्ड्स की घोषणा से कुछ घंटे पहले शो का बहिष्कार कर दिया है। 27 अप्रैल की रात को फिल्मफेयर अवॉर्ड्स की घोषणाएं होने वाली है, जिसके चंद घंटों पहले विवेक ने फिल्मफेयर को लेकर एक लंबा-चौड़ा ट्वीट शेयर किया है। जिसे लेकर डायरेक्टर एक बार फिर सुर्खियों में छाए हुए हैं।

सात कैटेगरी में नॉमिनेट हुई द कश्मीर फाइल्स

फिल्मफेयर 2023 में विवेक अग्निहोत्री की फिल्म द कश्मीर फाइल्स को सात कैटेगरी में नॉमिनेशन मिला है। ये बात जैसे ही विवेक को पता चली उन्होंने पूरी विनम्रता के साथ इस अवॉर्ड शो का हिस्सा बनने से इंकार कर दिया है और इसके पीछे की वजह बताते हुए एक लंबा नोट लिखा, जिसमें उन्होंने अवॉर्ड शो की धज्जियां उड़ाकर रख दी है।

फिल्मफेयर को किया बायकॉट

विवेक अग्निहोत्री ने लिखा, "मीडिया से मुझे पता चला कि द कश्मीर फाइल्स को 68वें फिल्मफेयर अवॉर्ड्स के लिए सात कैटेगरी में नॉमिनेट किया गया है, लेकिन मैं शांति के साथ इन अनैतिक और सिनेमा विरोधी अवॉर्ड शोज का हिस्सा बनने से इनकार करता हूं। यहां बताता हूं आखिर क्यों:

फिल्मफेयर के मुताबिक स्टार्स के अलावा किसी का कोई चेहरा नहीं है। किसी के होने या ना होने से कोई फर्क नहीं पड़ता इन्हें। इसलिए फिल्मफेयर की चापलूस और अनएथिकल दुनिया में संजय भंसाली या सूरज बड़जात्या जैसे मास्टर डायरेक्टर्स का कोई चेहरा ही नहीं है। इन्हें संजय भंसाली आलिया भट्ट की तरह, सूरज मिस्टर बच्चन की तरह और अनीस बज्मी कार्तिक आर्यन की तरह दिखते हैं।

ऐसा नहीं है कि एक फिल्म निर्माता की गरिमा फिल्मफेयर अवॉर्ड्स से आती है, लेकिन इस अपमानजनक व्यवस्था का अंत होना चाहिए। इसलिए, बॉलीवुड के एक भ्रष्ट, अनैतिक और चापलूस प्रतिष्ठान के खिलाफ ये मेरा विरोध है, जिसे मैं ऐसे अवॉर्ड्स को अस्वीकार करके जाहिर कर रहा हूं।"

दमनकारी है बॉलीवुड का सिस्टम

उन्होंने आगे लिखा, "मैं किसी भी दमनकारी और करप्ट सिस्टम या अवॉर्ड शो का हिस्सा बनने से इनकार करता हूं जो लेखकों, निर्देशकों और फिल्म के अन्य एचओडी और क्रू मेंबर्स को स्टार्स के नीचे या नौकर की तरह समझता है। जीतने वाले सभी लोगों को मेरी बधाई और जो नहीं जीत पाते उन्हें और भी बहुत कुछ।"

हंगामा खड़ा नहीं करना चाहते विवेक

दुष्यंत कुमार की कुछ लाइने लिखते हुए विवेक ने अंत में कहा, "अच्छी बात ये है कि मैं अकेला नहीं हूं। धीरे-धीरे ही सही, लेकिन एक पैरलल फिल्म इंडस्ट्री उभर रही है। तब तक के लिए...

सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं,

मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए।

मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही,

हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए।"