Movie Reboot vs Remake: क्या होती हैं रीबूट फिल्में, रीमेक मूवी से कैसे होती हैं अलग, जानिए फुल डिटेल्स?
Reboot Movies फिल्मी जगत में आधुनिक दौर के साथ कई बदलाव देखे गए हैं। जिनमें सीक्वल रीमेक यूनीवर्स फ्रेंचाइजी और रीबूट फिल्मों का चलन काफी हद तक पढ़ गया है। बढ़ते ट्रेंड के साथ सीक्वल रीबूट और रीमेक को लेकर कई अलग-अलग विचारधाराएं हैं। ऐसे में आज इस लिख में हम आपको रीबूट फिल्मों के बारे में डिटेल्स में जानकारी देने जा रहे हैं आखिर ये क्या होती हैं।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। Reboot movies And Movie Remakes Difference: बदलते वक्त के साथ सिनेमा जगत में भी कई बदलाव देखने को मिले हैं। ब्लैक एंड व्हाइट से कलर फिल्मों का दौरा आया, तीन घंटे से फिल्में 2 घंटे की बनने लगीं, बड़े पर्दे के साथ-साथ ओटीटी भी दर्शकों के मनोरंजन का माध्यम बन गया है।
इसके साथ ही आज के समय में बॉलीवुड में सीक्वल, रीमेक, यूनिवर्स, रीबूट और फ्रेंचाइजी जैसे ट्रेंड को भी काफी बढ़ावा दिया गया जा रहा है। ऐसे में आज हम आपको रीबूट फिल्मों के बारे में विस्तार से जानकारी देने जा रहे हैं, आखिर इस कैटेगरी में कौन सी मूवीज आती हैं और रीमेक से ये कैसे अलग होती हैं।
क्या होती रीबूट फिल्में
रीबूट फिल्मों को लेकर कई अलग-अलग तरह की विचारधाराएं बनी हुई हैं। कई लोगों का मानना है कि ये फिल्मों की रीमेक होती हैं, तो कई के मत हैं ये रीमेक से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं रखती हैं। गौर करें रीबूट फिल्मों की असली परिभाषा के बारे में तो ये उस तरह की मूवी होती हैं, जो सेम टाइटल के जरिए बदलते दौर के साथ बनाई जाती हैं।
पुराने दौर में बनाई गई फिल्म को नए दौर में बनाना, जिसके कथानक और स्टार कास्ट को वक्त के साथ ऑडियंस की डिमांड के आधार पर परिवर्तित करके बनाया जाता है। हालांकि कई मामलों में फिल्मों के नाम चेंज भी हो सकते हैं।
उदाहरण के तौर पर आप साल 1978 में आई अमिताभ बच्चन की डॉन और 2006 में फरहान अख्तर के डायरेक्शन में बनी शाह रुख खान स्टारर डॉन मूवी का नाम ले सकते हैं। इन फिल्मों का नाम एक ही था, लगभग कहानी भी उसी प्लॉट पर थी, लेकिन क्लाईमैक्स सीन में नई डॉन में काफी फेरबदल देखने को मिला।
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बॉलीवुड की टॉप रीबूट फिल्में-
ओरिजनल | रीबूट
|
डॉन (1978) | डॉन (2006 |
अग्निपथ (1990) | अग्निपथ (2012) |
कर्ज (1980) | कर्ज (2008) |
जंजीर (1973) | जंजीर (2013) |
गोलमाल (1979) | बोल बच्चन (2012) |
रीबूट और रीमेक फिल्मों में अंतर
फिल्मी जगत में रीबूट और रीमेक मूवीज सुनने में बेशक एक जैसे लगते हैं, लेकिन इनका मतलब काफी अलग है। रीबूट और रीमेक फिल्मों के बीच का सबसे बड़ा अतंर कहानी होती है। दरअसल रीबूट फिल्मों की तुलना में रीमेक वह होती हैं, जो किसी ऑरिजन फिल्म की कहानी को पूरी तरह से कॉपी कर दोबारा से प्रदर्शित की जाती हैं।
इसमें फिल्मी के कई सीन्स भी ऐसे होते हैं, जिन्हें देखकर आपको लगता है कि ये पहले भी देखने को मिला है। हालांकि कई बार इनके टाइटल अलग-अलग हो सकते हैं। बॉलीवुड में साउथ फिल्मों के हिंदी रीमेक को लेकर काफी ट्रेंड चला आ रहा है।
फेमस रीमेक फिल्में-
ओरिजनल | रीमेक |
पोकिरी (2006) | वॉन्टेड (2009) |
अर्जुन रेड्डी (2017) | कबीर सिंह (2019) |
गजनी (2005) | गजनी (2008) |
विक्रम-वेधा (2017) | विक्रम-वेधा (2022) |
सिंघम (2010) | सिंघम (2011) |
आने वाली रीबूट और रीमेक मूवीज
हिंदी सिनेमा जगत में रीबूट और रीमेक फिल्मों का सिलसिला आने वाले समय में भी चलता रहेगा। आधिकारिक घोषणा के आधार पर शाहिद कपूर स्टारर फिल्म इश्क-विश्क का रीबूट यानी इश्क-विश्क रिबाउंड को इसी साल 28 जून को सिनेमाघरों में रिलीज किया जाएगा।
जबकि अक्षय कुमार साउथ सुपरस्टार सूर्या की फिल्म सोरारई पोटरू का ऑफिशियल हिंदी रीमेक सिरफिरा लेकर आ रहे हैं, जिसे 12 जुलाई 2024 को बड़े पर्दे पर रिलीज किया जाएगा।
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