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Box Office: क्वीन एलिजाबेथ के जमाने में हुई थी 'बॉक्स ऑफिस' की शुरुआत, शब्द से जुड़ा है ये रोचक इतिहास

जब भी कोई फिल्म रिलीज होती है तो हर दिन उसका नया कलेक्शन सामने आता है। अपने ही देश में यानी रीजनल लेवल पर फिल्म के हुए कलेक्शन को बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कहा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस शब्द का इस्तेमाल पहली बार कब किया गया था। बॉक्स ऑफिस की हिस्ट्री 20 या 30 साल नहीं बल्कि कई और साल पुरानी है।

By Karishma Lalwani Edited By: Karishma Lalwani Updated: Wed, 03 Apr 2024 05:06 PM (IST)
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क्या है 'बॉक्स ऑफिस' शब्द का इतिहास
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। किसी फिल्म के कलेक्शन से उसके हिट या फ्लॉप होने का अंदाजा लगाया जाता है, लेकिन आपने कभी सोचा है कि आखिर ये बॉक्स ऑफिस होता क्या है? बॉक्स ऑफिस कलेक्शन के मायने क्या हैं? नहीं तो, चलिए हम आपको समझाते हैं फिल्म कारोबार में प्रयोग होने वाले इस बेहद अहम शब्द का मतलब और बताते हैं इसका इतिहास।

किसी फिल्म की कमाई कई सोर्सेज से होती है। विभिन्न माध्यमों के लिए बेचे गये राइट्स इनमें शामिल हैं, मगर सबसे अहम जरिया है 'बॉक्स ऑफिस' कलेक्शन। ये शब्द बोलचाल में बहुत आम है। किसी फिल्म की टिकट बिक्री से होने वाली कमाई को बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कहा जाता है।  

कैसे शुरू हुआ 'बॉक्स ऑफिस' का चलन?

अधिकतर फिल्में शुक्रवार को रिलीज होती हैं। शनिवार को उसके पहले कलेक्शन के आंकड़े आ जाते हैं। अगर कमाई कम है, तो मतलब फिल्म टिकट विंडो पर पिट गई या औंधे मुंह गिर गई। अगर ज्यादा है, तो मतलब बॉक्स ऑफिस पर फलां फिल्म की नैया पार कर लग गई।

'बॉक्स ऑफिस' ये शब्द सुनने में जितना आम है, इसका इतिहास उतना ही दिलचस्प भी है। इस शब्द का इस्तेमाल क्वीन एलिजाबेथ (Queen Elizabeth) के समय से हो रहा है। दरअसल, इस शब्द की रचना ही उस जमाने में हुई थी।

'बॉक्स ऑफिस' से जुड़े हैं ये कारण

'बॉक्स ऑफिस' शब्द की शुरुआत के दो कारण सामने आए हैं। पहला कारण जुड़ा है क्वीन एलिजाबेथ के जमाने से, जब थिएटर्स में आम पब्लिक को जमीन में बैठते थे। उनके सामने एक बॉक्स घुमाया जाता था। इस बॉक्स में पैसे डालने होते थे।

हालांकि, यह जरूरी नहीं था कि हर कोई पैसे डाले, लेकिन अगर किसी की इच्छा हो, तो वह पैसे डाल सकता था। जो अमीर लोग हुआ करते थे, उनके लिए स्पेशल बॉक्स में सीटें रिजर्व रहा करती थीं। उन सीटों में बैठने के पैसे देने पड़ते थे। प्ले की कमाई उन्हीं सीटों के जरिये हुआ करती थीं। उस वक्त प्ले का कलेक्शन बॉक्स वाली सीटों से ही आता था। इसलिए उस वक्त की कमाई को बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कहा जाता था।

दूसरा कारण जो सामने आया है वह यह कि पुराने थिएटर्स में टिकट की बिक्री के लिए एंट्रेंस के पास एक छोटा सा कमरा होता था। जैसे आजकल के टिकटघर में होता है, वैसा कुछ। छोटे से बक्सेनुमा कमरे में दो लोग बैठते थे और वहीं से टिकट भी बेचते थे। इससे जो भी कमाई होती थी, पैसे को वहीं रखा जाता था। बॉक्स जैसे शेप की वजह से उसे 'बॉक्स ऑफिस' कलेक्शन का नाम दिया गया। शब्द का इस्तेमाल 1780 के आखिरी कुछ वर्षों में होना शुरू हुआ है।

ऐसे समझें बॉक्स ऑफिस

बॉक्स ऑफिस को टिकट खिड़की के जरिये समझा जा सकता है, जहां सिनेमा के टिकट बेचे जाते हैं। बुकिंग को देखते हुए किसी फिल्म की सक्सेस को बुकिंग का अनुमानित आंकड़ा लगाया जाता है।

कम्प्यूटर से कलेक्शन की शुरुआत 1960 में

कम्प्यूटर के जरिये बॉक्स ऑफिस कलेक्शन की शुरुआत 1960 में अमेरिका से हुई थी। 1960 के अंतिम दौर से यहां आईबीएम 360 कम्प्यूटर से फिल्मों की कमाई का हिस्सा रखा जाने लगा। अब कलेक्शन का यह जरिया एक कदम आगे बढ़ चुका है। आज ऐसी कई साइट्स हैं, जहां बॉक्स ऑफिस कलेक्शन का अपडेट दिया जाता है। फिल्मों की रिलीज से पहले तक लाइफटाइम कलेक्शन तक का आंकड़ा इन वेबसाइट से जाना जा सकता है। 

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