जब Tanuja से फ्लर्ट करने की कोशिश कर रहे थे Dharmendra, गुस्से में आकर एक्ट्रेस ने जड़ दिया था थप्पड़
बॉलीवुड के गलियारों में कई ऐसे किस्से हैं जिन्हें अक्सर जानकर भी हमें यकीन नहीं होता कि ऐसा भी हो सकता है। आज हम आपको तनुजा और धर्मेंद्र का ऐसा ही एक किस्सा सुनाएंगे जिसमें बात इतनी बढ़ गई थी कि तनुजा ने हीमैन को थप्पड़ जड़ दिया। हालांकि इसके बाद दोनों की दोस्ती खराब नहीं हुई और ये आज भी अच्छे दोस्त हैं।
एंटरटेनमेंट डेस्क,नई दिल्ली। फिल्मी दुनिया में कई ऐसे किस्से-कहानियां हैं जोकि आम लोगों को नहीं पता हैं। ये अगर हम आपसे शेयर करेंगे तो आप भी इनके बारे में जानकर हैरान रह जाएंगे। आज के कहानी सेशन में बात होगी काजोल की मां और जानी मानी अभिनेत्री तनुजा की।
9 साल की उम्र से करना शुरू कर दिया था काम
फिल्म निर्माता कुमारसेन समरथ और अभिनेत्री शोभना समरथ के घर जन्मीं तनुजा बचपन से ही बहुत गुणवान थीं। अपनी दादी रतन बाई, चाची नलिनी जयवंत और बहन नूतन के नक्शेकदम को फॉलो करते हुए उन्होंने बेबी तनुजा के तौर पर इंडस्ट्री में कदम रखा। उन्होंने ज्वेल थीफ,नई रोशनी,चांद और सूरज, मेरे जीवन साथी,अनुभव,हाथी मेरे साथी और कई अन्य फिल्मों में काम किया। एक्ट्रेस ने 1973 में फिल्म निर्माता शोमू मुखर्जी से शादी की। उनकी दो बेटियां काजोल और तनीषा हैं। आज आपको तनुजा और धर्मेंद्र का फिल्म चांद और सूजर से जुड़ा एक किस्सा सुनाएंगे।
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धर्मेंद्र को तनुजा ने क्यों मारा थप्पड़?
तनुजा और धर्मेंद्र साल 1965 में फिल्म 'चांद और सूरज' की शूटिंग कर रहे थे। इस दौरान एक दिन ही मैन धर्मेंद्र साहब तनुजा से फ्लर्ट करने लगे। ये सब देखकर एक्ट्रेस ने अपना आपा खो दिया और धर्मेंद्र को थप्पड़ जड़ दिया। एक्ट्रेस ने उन्हें बेशर्म कहा और बोली कि मैं तुम्हारी बीवी और बच्चों को जानती हूं और तुम मेरे साथ ही फ्लर्ट कर रहे हो? दरअसल एक्टर उस समय प्रकाश कौर के साथ शादीशुदा थे और तब सनी देओल पांच साल के थे। तनुजा ने फिल्मफेयर से बातचीत में बताया था कि वह और धर्मेंद्र एक साथ बैठकर शराब पीते थे। धर्मेंद्र ने उन्हें पत्नी प्रकाश कौर, बेटे सनी देओल और बेटी से भी मिलवाया था।
हालांकि इस घटना के बाद धरम पाजी ने उनसे माजी भी मांगी थी। धर्मेंद्र ने कहा था कि तनु मेरी मां मुझे माफ कर दे और अपना भाई बना ले। पहले तो तनुजा ने इसके लिए भी मना कर दिया लेकिन बाद में उन्होंने एक काला धागा बांधकर उन्हें अपना भाई स्वीकार किया। धर्मेंद और तनुजा आज भी बहुत अच्छे दोस्त हैं। स्क्रीन पर इनकी केमिस्ट्री को खूब पसंद किया जाता था। उन्होंने इज्जत (1968), दो चोर (1972), और बहारें फिर भी आएंगी (1966) जैसी फिल्मों में काम किया।