Move to Jagran APP

जब मिथुन चक्रवर्ती ने अपने संघर्ष के दिनों को याद करके कहा 'इंडस्ट्री कभी हारे हुए लोगों को याद नहीं करता है'

Mithun Chakraborty Birthday मिथुन चक्रवर्ती के बर्थडे पर आइए उस समय को याद करते हैं जब उन्होंने मुंबई में अपने संघर्ष के दिनों के बारे में बात की थी। उन्होंने कहा कि वह जहां पहुंचे हैं उसके लिए उन्हें संघर्ष करना पड़ा है।

By Ruchi VajpayeeEdited By: Ruchi VajpayeeUpdated: Fri, 16 Jun 2023 09:51 AM (IST)
Hero Image
Mithun Chakraborty Birthday, Mithun Chakraborty Films (Image- Mid Day)
नई दिल्ली, जेएनएन।  मिथुन चक्रवर्ती फिल्म इंडस्ट्री के उन बड़े नामों में से हैं जिन्होंने कड़ी मेहनत से अपना मुकाम बनाया है। 80 के दशक में फिल्में, मिथुन के नाम पर चल जाया करती थीं। उनकी पॉपुलैरिटी का ये आलम था कि लड़कियां के जुबां पर एक ही नाम रहा था 'जिम्मी'। हालांकि इस ऊंचाई को छूने के लिए उन्होंने काफी संघर्ष भी किया है।उन्होंने एक बार बताया था कि कैसे उनकी यात्रा गुलाबों से भरा बिस्तर नहीं, बल्कि चुनौतियों से भरी थी।

मिथुन चक्रवर्ती के संघर्ष की कहानी

दिग्गज अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने अपने अभिनय की शुरुआत मृगया (1976) से की, जिसने उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार दिलाया। उनकी कुछ ब्लॉकबस्टर फिल्में डिस्को डांसर, सुरक्षा, सहस, वारदात, वांटेड, बॉक्सर, प्यार झुकता नहीं, प्यारी बहना, अविनाश, डांस डांस, प्रेम प्रतिज्ञा, मुजरिम, युगंधर, द डॉन, जल्लाद और अग्निपथ हैं। उन्हें आखिरी बार बंगाली फिल्म प्रजापति में देखा गया था। आज मिथुन अपना 73वां बर्थडे मना रहे हैं।

मुश्किलों भरा था सफर

जब मिथुन पहली बार मुंबई आए तो उनके पास रहने के लिए कोई जगह नहीं थी और पैसे भी नहीं थे। अपनी जर्नी को याद करते हुए, एक्टर ने 2022 में मैन्स वर्ल्ड इंडिया को बताया, “मेरी यात्रा गुलाबों का बिस्तर नहीं रही है। मेरी यात्रा चुनौतियों और मंजिल के बारे में थी। मैं दर्द, संघर्ष से गुजरकर यहां तक पहुंचा, लेकिन मैं इससे उबरने के लिए हर दिन संघर्ष करता रहा। मैं बस लोगों को बताना चाहता हूं कि अगर मैं यह कर सकता हूं तो आप भी कर सकते हैं।"

"मुझे कुछ नहीं पता था"

अभिनेता ने आगे कहा," फिल्म उद्योग कभी भी हारे हुए लोगों को याद नहीं रखता है, आप तभी जीवित रह सकते हैं जब आप अच्छे होंगे। मैं जहां हूं वहां तक पहुंचने के लिए मुझे संघर्ष करना पड़ा।” इंटरव्यू में उन्होंने आगे कहा, "मैं अभिनेता बनने के लिए मुंबई नहीं आया था। सपनों के शहर में मेरा पहला दिन भ्रमित करने वाला था क्योंकि मुझे नहीं पता था कि कहां जाना है और कैसे जाना है ... माटुंगा को खोजने के लिए मैंने समुद्र तट पर 45 मिनट का चक्कर लगाया लेकिन जल्द ही मुझे एहसास हुआ कि मैं सही दिशा में नहीं जा रहा हूं।'

फर्श पर सोना पड़ता था

"मैं सनी साइड बिल्डिंग में 75 में रहता था और मुझे फर्श पर सोना पड़ता था। मैं सड़कों पर खाना खाता था और माटुंगा जिमखाना का सदस्य बन गया था, क्योंकि मैं वहां नहा सकता था। यह आसान नहीं रहा, लेकिन मुझे कोई शिकायत नहीं है। हर कोई मुझे दिग्गज सुपरस्टार कहता है, मैं और क्या मांग सकता हूं।