Kangana Ranaut As Noti Binodini नोटी बिनोदिनी बंगाल के कला जगत का दिग्गज नाम है जिन्होंने बंगाली थिएटर को एक नया मुकाम दिया था। यह बात तब की है जब भारत पर ब्रिटिश राज करते थे और थिएटर पर बिनोदिनी।
By Manoj VashisthEdited By: Updated: Thu, 20 Oct 2022 06:32 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। कंगना रनोट नटी बिनोदिनी का किरदार निभाने जा रही हैं। बुधवार को एक्ट्रेस ने इसकी जानकारी इंस्टाग्राम के जरिए दी। इस बायोपिक फिल्म का निर्देशन प्रदीप सरकार कर रहे हैं, जिन्हें परिणीता और मर्दानी जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता है।
नटी बिनोदिनी कौन हैं? कंगना ने अपनी पोस्ट में इस सवाल का जवाब भी दिया। पोस्ट में बताया गया कि नटी बिनोदिनी ब्रिटिश भारत की पहली महिला अदाकार थीं। कामयाबी के शिखर पर पहुंचने के बाद उन्होंने एक दिन सब कुछ त्याग दिया और संत बन गयीं। मगर, कहानी यहीं नहीं रुकती। संघर्ष, कला, हुनर और जज्बे के सारे रंग इस कहानी के अहम तत्व हैं।
बदनाम गलियों से रंगमंच की शान
नटी बिनोदिनी या बिनोदिनी दासी का जन्म 1863 में कलकत्ता (कोलकाता) की बदनाम गलियों में हुआ था। एक तवायफ के तौर पर बहुत कम उम्र में ही उनका करियर शुरू हो गया था, मगर नर्तकी के तौर पर साज और संगीत से जो नाता जुड़ा, उसने बिनोदिनी के करियर की दिशा बदल दी। 12 साल की उम्र में उनका जुड़ाव रंगमंच से हुआ। 1874 में कलकत्ता के नेशनल थिएटर में उन्होंने अपना पहला रोल निभाया।
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Bhediya Trailer देख 'आदिपुरुष' एक्टर प्रभास के उड़े होश, जानिए- क्या बोले 'जवान' के निर्देशक एटलीइस थिएटर की स्थापना गिरीश चंद्र घोष ने की थी, जो एक जाने-माने कलाकार, लेखक और निर्देशक थे। 11 साल के करियर में नटी बिनोदिनी ने लगभग 80 भूमिकाएं निभायीं। यह वो दौर था, जब बंगाली थिएटर पर यूरोप का प्रभाव बढ़ रहा था। बिनोदिनी ने सीता, द्रौपदी, राधा, आएशा, कैकेयी, मोतीबीबी और कपालकुंडला के किरदार निभाये।
परमहंस ने देखा बिनोदिनी का नाटक
नटी बिनोदिनी के नाटकों की लोकप्रियता समाज के हर वर्ग पर अपना असर दिखा रही थी। उस समय बंगाल के आध्यात्मिक समाज के सबसे सम्मानजनक संत स्वामी रामकृष्ण परमहंस 1884 में नटी बिनोदिनी का नाटक देखने गये थे।उनके बारे में प्रचलित है कि नटी बिनोदिनी को कृष्ण की भूमिका में देखने के बाद परमहंस उनसे बेहद प्रभावित हुए थे। नटी बिनोदिनी सिर्फ मंच की कलाकार नहीं, बल्कि तकनीक के मामले में भी काफी एडवांस थीं। उन्होंने बंगाली थिएटर में मेकअप की समकालीन तकनीकों को जोड़ा, साथ ही यूरोपियन स्टाइल का भी समावेश किया।
नटी बिनोदिनी ने 23 साल की उम्र में अपने करियर को अलविदा कह दिया। उन्होंने अमर कथा शीर्षक से अपनी आत्मकथा भी लिखी है।
ये एक्ट्रेसेज निभा चुकी हैं नटी बिनोदिनी का रोल
नटी बिनोदिनी की कहानी पर पहले भी नाटक और फिल्में आती रही हैं। 1994 में आयी दिनेश गुप्ता की फिल्म नटी बिनोदिनी में देबाश्री रॉय ने यह रोल निभाया था। 1995 में नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा ने उनकी बायोपिक पर 1995 में पहली बार प्ले पेश किया, जिसमें सीमा बिस्वास ने लीड रोल निभाया था। 2006 में विख्यात थिएटर निर्देशक अमाल अल्लाना ने इसी नाम से एक नाटक निर्देशित किया था, जिसका प्रदर्शन दिल्ली में हुआ।
दीया मुखर्जी और रुक्मिणी मैत्रा। (फोटो- इंस्टाग्राम)ऋतुपर्णाे घोष के प्ले आबहमान में बिनोदिनी का किरदार अनन्या चटर्जी ने निभाया। नटी बिनोदिनी पर एक धारावाहिक प्रोथम काम्बिनी पिछले साल प्रसारित किया गया था, जिसमें दिया मुखर्जी ने उनका किरदार निभाया। उन पर डॉक्यूमेंट्री फिल्म अमर कथा- स्टोरी ऑफ बिनोदिनी आ चुकी है, जिसका निर्देशन तुहीनाभा मजूमदार ने किया था।
राम कमल मुखर्जी भी बिनोदिनी पर बायोपिक फिल्म बिनोदिनी-एक्ति नातिर उपाख्यान का एलान कर चुके हैं, जिसमें रुक्मिणी मैत्रा टाइटल रोल में नजर आएंगी। रुक्मिणी ने विद्युत जाम्वाल के साथ सनक फिल्म से बॉलीवुड डेब्यू किया था। यह फिल्म सीधे ओटीटी पर रिलीज हुई थी।
कतार में थीं दीपिका, एश्वर्या, विद्या
2019 में रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि नटी बिनोदिनी के किरदार के लिए प्रदीप सरकार ने दीपिका पादुकोण को फाइनल कर लिया है। कहा यह भी गया था कि इस किरदार के लिए विद्या बालन भी कतार में थीं। दोनों ही एक्ट्रेसेज प्रदीप सरकार के साथ फिल्में कर चुकी हैं। दीपिका ने प्रदीप की लफंगे परिंदे में फीमेल लीड रोल निभाया था, वहीं विद्या ने उनके साथ परिणीता की थी। 2020 में ऐसी खबरें आयीं कि ऐश्वर्या राय बच्चन इस किरदार को निभा सकती हैं।
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