Throwback Thursday: क्यों राजेश खन्ना के पीठ पीछे सेट पर होती थी उनकी बुराई, प्रेम चोपड़ा ने खोला अनसुना राज
अपने जमाने के मशहूर अभिनेता राजेश खन्ना ने एक से बढ़कर एक सुपरहिट फिल्में दीं। आनंद एक्टर की फिल्में आज भी उनके चाहने वाले बड़े चाव से देखते हैं। हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार के वैसे तो लाखों चाहने वाले थे लेकिन जब वह सेट पर नहीं होते थे तो अक्सर लोग उनकी बुराई करते थे। ऐसा क्यों होता था इसकी वजह प्रेम चोपड़ा ने बताई।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। राजेश खन्ना हिंदी सिनेमा के एक ऐसे अभिनेता थे, जिनकी फिल्में आज भी दर्शकों के दिलों को 'आनंद' से भर देती हैं। साल 1966 में फिल्म 'आखिरी खत' से अपनी शुरुआत करने वाले राजेश खन्ना ने स्टारडम के उस मुकाम को छुआ, जिसे पाने के लिए कई सितारे तरस गए।
वह इंडियन फिल्म इंडस्ट्री के पहले सुपरस्टार बने। राजेश खन्ना को प्यार करने वालों में महिलाओं की लिस्ट काफी लंबी थी। ऐसा कहा जाता है कि लड़कियां उनके पीछे इतनी दीवानी थी कि वह खून से उन्हें लेटर लिखा करती थी। हालांकि, सफलता जब सिर पर चढ़ जाए तो वह आपके लिए मुश्किलें भी खड़ी कर सकती है।
कुछ ऐसा ही हुआ था राजेश खन्ना के साथ, जब उनके सामने तो लोग हंसकर बात करते थे, लेकिन जैसे ही वह पीठ करते उनके बारे में गलत बातें होना स्टार्ट हो जाती। बॉलीवुड के विलेन प्रेम चोपड़ा ने हाल ही में बताया कि आखिर किस आदत की वजह से पीठ पीछे लोग राजेश खन्ना की बुराई करते थे।
राजेश खन्ना की इस आदत से परेशान थे लोग
प्रेम चोपड़ा और राजेश खन्ना ने भी कई फिल्में साथ में की। उस समय पर हीरो और विलेन की ये जोड़ी काफी हिट रही। हाल ही में प्रेम चोपड़ा जब अरबाज खान के शो 'द इंविसिबल' में खास मेहमान बनकर पहुंचे तो उन्होंने उनके और अमिताभ बच्चन के साथ कुछ पुरानी यादें ताजा की।
यह भी पढ़ें: Rajesh Khanna के स्टारडम की आंधी में उड़ गये थे सब दिग्गज, बस एक ने नहीं मानी हार, जानिए कौन था वो सुपरस्टार?प्रेम चोपड़ा ने बताया राजेश खन्ना वैसे तो बहुत ही उम्दा एक्टर थे, लेकिन उनकी एक आदत लोगों को बिल्कुल पसंद नहीं आती थी। काका की उस बुरी आदत के बारे में बात करते हुए प्रेम चोपड़ा ने कहा,
"हमारी सुबह 9 बजे की शिफ्ट होती थी और वह 12 के बाद आते थे। सब चीजें तैयार होती थी। जब वो सेट पर नहीं होते थे तो लोग गुस्से में बोलते थे कि क्या है यार इतना इंतजार, सब कुछ रेडी है। जैसे ही वह आते थे तो सब मुस्कुरा कर कहते थे राजेश साहब आइए..आइए। वह काका को पूछते थे कि लंच के बाद काम करे, काका बोलते थे अब कर लो। तो उनके सामने अच्छे बनते थे लेकिन पीठ पीछे परेशान होकर उनकी बुराई करते थे।