Upcoming Sequels: बॉलीवुड की नैया पार लगाएंगी 'फ्रेंचाइजी फिल्में', मस्ती-हाउसफुल और 'गोलमाल' पर काम शुरू
बॉलीवुड में पिछले कुछ सालों से फ्रेंचाइजी फिल्मों को आगे बढ़ाया जा रहा है। इन फ्रेंचाइजी फिल्मों में कुछ कलाकार नए नजर आते हैं तो वहीं कुछ पुराने भी शामिल होते हैं। वेलकम फ्रेंचाइजी की दो फिल्मों में परेश रावल घुंघरू मामा की भूमिका में नजर आए। इसकी निर्माणाधीन तीसरी किस्त वेलकम टू द जंगल में भी वह नजर आएंगे।
इन फ्रेंचाइजी फिल्मों में बदले कलाकार
धूम, कृष, सिंघम, हेरा-फेरी, धमाल, गोलमाल, मस्ती, हाउसफुल जैसी कई फिल्मों की फ्रेंचाइजी को लगातार आगे बढ़ाया जा रहा है। फ्रेंचाइजी की दुनिया बदली, लीड कलाकार और निर्देशक बदले, लेकिन कुछ कलाकार नई भूमिका या मूल पात्र के साथ फ्रेंचाइजी फिल्म में लगातार बने रहे।पात्र और कलाकार बन जाते हैं पहचान
मस्ती फिल्म की फ्रेंचाइजी में रितेश देशमुख, आफताब शिवदासानी और विवेक ओबेराय की तिकड़ी कायम रही। अब इसकी चौथी फिल्म पर काम चल रहा है। मस्ती 4 के निर्देशक मिलाप जावेरी कहते हैं-कुछ फिल्मों में उनके पात्र इतने लोकप्रिय हो जाते हैं कि वही चेहरे फ्रेंचाइजी की पहचान बन जाते हैं।फिल्म निर्माता और बिजनेस एक्सपर्ट गिरीश जौहर का कहना है कि फ्रेंचाइजी फिल्मों में भले ही फिल्म का नायक और कहानी बदल जाए, लेकिन कुछ भूमिकाओं और कलाकारों की वजह से फ्रेंचाइजी की दुनिया जानी-पहचानी लगने लगती है। भूल भुलैया 3 में छोटा पंडित के रूप में वापसी को लेकर उत्साहित राजपाल यादव कहते हैं-रितेश, विवेक और आफताब के बिना मस्ती 4 नहीं बन सकती है। शुरुआती तीन फिल्मों के निर्देशक इंद्र कुमार और मैं इस बात को लेकर आश्वस्त थे कि तीनों के साथ ही मस्ती बननी चाहिए। तीनों कलाकार भी जानते हैं कि उनकी भूमिकाओं के बिना मस्ती का मजा अधूरा है। इसी तरह हाउसफुल फ्रेंचाइजी को अक्षय सर के बगैर सोचा भी नहीं जा सकता है। धमाल रितेश, अरशद और जावेद जाफरी के बिना बन ही नहीं सकती है।
भूल भुलैया फ्रेंचाइजी का अहम हिस्सा है छोटा पंडित का पात्र। उसकी उपस्थिति मुस्कान ले आती है, इसलिए उसका रहना आवश्यक है। उस पात्र के दो रंग दर्शकों ने देखे हैं। आगामी किस्तों में नए रंग दिखेंगे।
स्वभाव की समझ
लेखकों के लिए भी फ्रेंचाइजी फिल्मों में सतत उपस्थिति वाले कलाकारों की भूमिकाएं लिखना आसान नहीं होता है। इसके लिए उन्हें पात्र के स्वभाव को समझना पड़ता है। लेखक रजत अरोड़ा बताते हैं- यह भी पढ़ें: No Entry के सीक्वल में सलमान, अनिल और फरदीन की जगह लेंगे ये यंग एक्टर्स, पंजाब का सुपरस्टार भी फिल्म में शामिलअगर फ्रेंचाइजी की सभी फिल्मों को एक ही लेखक लिखता है तो उसे पता होता है कि हर पात्र का दृष्टिकोण और स्वभाव कैसा है। अगली फिल्म में कोई नया कलाकार आता है तो मूल फिल्म के पात्र के साथ उसकी तारतम्यता को कैसे जोड़ना है। हालांकि, इसका कोई तय नियम नहीं है। नए लेखक के पास फ्रेंचाइजी को लेकर बेहतर आइडिया और समझ है तो वह भी लिख सकता है। नए पात्रों के साथ नई कहानी दिखाते हैं। कुछ में कहानी आगे बढ़ती है तो पुराने पात्रों के साथ कुछ नए पात्र जुड़ जाते हैं।
सिर्फ नाम नहीं, कहानी भी जरूरी
किसी सफल फिल्म के शीर्षक, उसके लोकप्रिय पात्रों और कलाकारों के साथ फिल्म बना देने से ही फ्रेंचाइजी हिट नहीं होती है। मूल फिल्म की पृष्ठभूमि से जोड़ते हुए कहानी भी अच्छी होना आवश्यक है।परेश रावल वेलकम और धमाल दोनों ही फ्रेंचाइजी की सभी फिल्मों का हिस्सा रहे हैं। उनका कहना है-किसी फ्रेंचाइजी फिल्म में अगर कहानी अच्छी नहीं है तो उसका असर शीघ्र खत्म हो जाता है। हंगामा एक अच्छी फ्रेंचाइजी थी, लेकिन हंगामा 2 ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। जब आपके पास कोई लोकप्रिय पात्र या फिल्म हो तो आपको कुछ अलग करने की कोशिश करनी चाहिए।