एकता कपूर को सुप्रीम कोर्ट से लगी फटकार, अदालत ने कहा- 'आप देश के युवाओं का दिमाग दूषित कर रही हैं'
XXX Web Series Case एकता कपूर की मुसीबतें थमने का नाम ही नहीं ले रही हैं। एकता कपूर ने उनकी सीरीज XXX के सीजन 2 में आपत्तिजनक् सीन्स के खिलाफ वॉरंट को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसमें कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाई।
By Tanya AroraEdited By: Updated: Fri, 14 Oct 2022 08:57 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। XXX Web Series Case: निर्माता एकता कपूर और उनकी मां शोभा कपूर पिछले काफी समय से लगातार चर्चा में हैं। उनकी ऑल्ट बालाजी पर प्रसारित हुई वेब सीरीज 'XXX सीजन 2' को लेकर लंबे समय से कोर्ट में मामला चल रहा है।
अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एकता कपूर को उनकी वेब सीरीज में आपत्तिजनक सीन्स दर्शाने को लेकर कड़ी फटकार लगाई है और साथ ही फिल्ममेकर को इस बात के लिए भी वॉर्न किया है कि अगर अब कोई और दलील उनके पास आती है , तो उनसे एक लागत वसूल की जाएगी। एकता कपूर ने उनके खिलाफ जारी किए गए अरेस्ट वारंट को चैलेंज करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी।
क्या है ये पूरा मामला
आपको बता दें कि साल 2020 में पूर्व सैनिक शंभू कुमार की शिकायत के बाद बेगूसराय की ट्रायल कोर्ट ने एकता कपूर और उनकी मां शोभा कपूर के खिलाफ वारंट जारी किया था। उनका कहना था कि एकता कपूर ने ऑल्ट बालाजी की XXX वेब सीरीज के दूसरे सीजन में एक सैनिक की पत्नी के साथ आपत्तिजनक दृश्य दिखाए गए थे।इतना ही नहीं पूर्व सैनिक ने अपनी इस याचिका में फिल्म मेकर पर ये भी आरोप लगाया था कि उन्होंने इस सीरीज के कंटेंट के जरिए कथित रूप से सैनिकों और उनके परिवार की भावनाओं को आहत किया है। इसी मामले में एकता कपूर द्वारा याचिका पर कोर्ट सुनवाई कर रहा था।
एकता कपूर के वकील ने उन्हें सुरक्षा देने की गुजारिश की
पीटीआई में छपी रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीनियर वकील मुकुल रोहतगी एकता कपूर की तरफ से पेश हुए और उन्होंने कोर्ट से उन्हें सुरक्षा प्रदान करने की बात कही। उन्होंने ये भी कहा कि इस मामले में पहले भी उन्हें अनुमति दे दी गई थी।
रोहतगी ने कोर्ट में एकता कपूर का पक्ष रखते हुए ये भी कहा कि सब्सक्रिप्शन के बाद ही वेब सीरीज को देखा जा सकता है और साथ ही हर किसी को अपनी स्वेच्छा से कुछ देखने की स्वतंत्रता है। न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार ने एकता कपूर की तब आलोचना की जब ये कहा गया कि इस मामले में पहले पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी, लेकिन इस बात की कोई उम्मीद नहीं थी कि वह इस मामले की जल्द सुनवाई होगी।