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ये काली-काली आंखें 2 एक्ट्रेस आंचल सिंह ने नेपोटिज्म पर जाहिर की प्रतिक्रिया, कहा- अपने बच्चों का...

क्राइम थ्रिलर वेब सीरीज अनदेखी और ये काली काली आंखें में अभिनय के लिए मिली प्रशंसा से उत्साहित आंचल सिंह कहती हैं कि उनका किरदार वास्तविक जीवन की झांकी दिखता है। ये काली काली आंखें सीजन 2 की उन्होंने हाल में शूटिंग पूरी की है। दोनों शो में आंचल ने ग्रे शेड पात्र निभाए हैं। जिसके बारे में हाल ही में आंचल ने खास बातचीत की।

By Jagran News Edited By: Tanya Arora Updated: Fri, 17 May 2024 10:09 AM (IST)
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ये काली-काली आंखें 2 एक्ट्रेस ने नेपोटिज्म पर जाहिर की प्रतिक्रिया/ Photo- Instagram
स्मिता श्रीवास्तव, मुंबई। ताहिर राज भसीन, श्वेता त्रिपाठी और आंचल सिंह स्टारर 'ये काली-काली आंखें साल 2022 में नेटफ्लिक्स पर आई थी। रोमांटिक क्राइम थ्रिलर इस वेब सीरीज की कहानी लोगों को खूब पसंद आई थी। सीरीज का बहुत ज्यादा प्रमोशन नहीं हुआ था, लेकिन इसके बावजूद इस वेब सीरीज ने खूब धमाका मचाया था।

सभी कलाकारों का काम दर्शकों को बेहद पसंद आया था। अब हाल ही में मेकर्स पहले सफल सीजन के बाद दूसरे की तैयारी में जुट गए हैं। ये काली-काली आंखें 2 में ग्रे शेड किरदार अदा कर रहीं आंचल सिंह ने हाल ही में नेपोटिज्म पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की।

परिवारवाद को लेकर बहस है गलत- आंचल सिंह

डिजिटल प्लेटफार्म ने आंचल को करियर में आगे बढ़ने का अवसर दिया। यहां उन्हें लोकप्रियता मिली ग्रे शेड पात्रों से। आंचल कहती हैं कि वास्तविक जीवन में भी आपका कोई एक रंग नहीं होता। अब मुझे वास्तविक पात्र निभाने हैं तो उनमें ग्रे शेड हमेशा रहेगा। गैर फिल्मी पृष्ठभूमि से आने वाली आंचल इंडस्ट्री में परिवारवाद को लेकर छिड़ी बहस को अनुचित मानती हैं।

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वह कहती हैं कि निजी तौर पर मुझे लगता है कि माता-पिता या परिवार अपने बच्चों को सहयोग नहीं करेंगे तो कौन करेगा। बाकी संघर्ष तो सभी के जीवन में होते हैं। मैं जब इंडस्ट्री में आई थी तो बहुत जुनूनी थी, काम का उत्साह आज भी है, लेकिन अब थोड़ा ठहराव आ गया है। यह सिर्फ एक्टिंग में नहीं जीवन में भी आवश्यक है।

मुंबई आपको बहुत कुछ सिखाता है- आंचल सिंह

आंचल आगे कहती हैं कि आज मैं जहां भी हूं उसमें डिजिटल प्लेटफार्म का काफी योगदान है। इससे पहले मैंने काफी विज्ञापन किए थे। एक दक्षिण भारतीय फिल्म की। मैं फिल्में करना चाह रही थी, लेकिन जिस तरह की भूमिकाएं मुझे चाहिए थीं, वैसे प्रस्ताव नहीं आ रहे थे।

मैं समझ नहीं पा रही थी कि करियर को किस तरह से आगे लेकर जाऊं। असमंजस की स्थिति से गुजर रही थी, उस समय ओटीटी का शानदार दौर आरंभ हुआ। अनदेखी सीजन एक मिला। वो मेरा पहला शो था। मुझे लगा कि यहां पर संभावनाएं हैं। मुंबई आपको सिखा देता है कि हर हाल में सकारात्मक रहना पड़ेगा। सीखते रहना मेरा स्वभाव है। मुझे दूसरे लोगों की कहानी जानने में दिलचस्पी रहती है। वे अनुभव भी बहुत कुछ सिखाते ही हैं।

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