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जब तवायफ बन Zeenat Aman ने तोड़ीं सारी परंपराएं, फिल्म पर मचा बवाल, बोलीं- 'जीने के लिए 70 का दशक...'

70 के दशक में रिलीज हुई जीनत अमान और संजीव कुमार की फिल्म मनोरंजन (Manoranjan Movie) बतौर निर्देशक शम्मी कपूर की पहली फिल्म थी। यह फिल्म जितनी विवादों में रही जीनत अमान को भी बोल्डनेस के लिए काफी जज किया गया। अब अभिनेत्री ने सोशल मीडिया पर एक लम्बा-चौड़ा पोस्ट कर फिल्म से जुड़ी कहानी शेयर की है और इस कैरेक्टर को जस्टिफाई किया है।

By Rinki Tiwari Edited By: Rinki Tiwari Updated: Mon, 10 Jun 2024 01:05 PM (IST)
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जीनत अमान ने 50 साल पहले आई फिल्म मनोरंजन को लेकर की बात। फोटो क्रेडिट- इंस्टाग्राम
 एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। जीनत अमान (Zeenat Aman) अपनी बोल्डनेस और बेबाक अंदाज के लिए जानी जाती हैं। जिस समय लोग बोल्ड सीन देने से कतराते थे, उस वक्त जीनत बेबाकी से हर सीक्वेंस कर लिया करती थीं। 50 साल पहले आई फिल्म 'मनोरंजन' में भी उन्होंने कुछ ऐसा ही किरदार निभाया था, जो खूब चर्चा में रहा।

शम्मी कपूर ने बतौर निर्देशक पहली फिल्म बनाई और वो भी तवायफ के इर्द-गिर्द। फिल्म को लेकर विवाद भी हुआ। वेश्यावृत्ति को नैतिकता के बिना मजेदार एक्टिविट के रूप में दिखाने के चलते फिल्म विवादों में छाई रही। अब सालों बाद जीनत अमान ने मनोरंजन पर बात की है और जज करने वालों को अपना पर्मानेंट साथी बताया है।

जीनत अमान को याद आये मनोरंजन के दिन

जीनत ने इंस्टाग्राम अकाउंट पर 'मनोरंजन' की तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा, "अगर मेरे करियर में कोई स्थायी साथी रहा है तो वह मोरल पुलिस (जजमेंट करने वाले लोग) ही रहा है। हे भगवान, क्या उनके पास इसके साथ कोई मैदान था? मनोरंजन (Manoranjan Movie 1974) ने उस वक्त मौजूदा परंपराओं को चुनौती दी थी। यह 1963 की शानदार अमेरिकी कॉमेडी ‘इरमा ले डूस’ का हिंदी वर्जन थी और मैंने इसमें निशा का किरदार निभाया था। एक वेश्या जिसके पास गरिमा, आजादी और ह्यूमर की भावना है।"

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मुंबई में हुई थी पूरी शूटिंग

जीनत ने बताया, "मनोरंजन की शूटिंग ‘जल्दबाजी, खेलते-खेलते’ वाली थी। यह शम्मी कपूर की बतौर निर्देशक पहली फिल्म थी, जिसमें संगीत निर्देशक की भूमिका में आर.डी. बर्मन थे और मुख्य भूमिका में संजीव कुमार थे। निर्माता एफ.सी. मेहरा हमारे पारिवारिक मित्र थे। हमने पूरी फिल्म मुंबई के स्टूडियो में शूट की और यह 1974 में रिलीज हुई। प्रोड्यूसर एफसी मेहरा फैमिली फ्रेंड थे। हमने फिल्म की सारी शूटिंग मुंबई के स्टूडियो में की और यह 1974 में रिलीज हुई।"

manoranjan Movie

तवायफ के किरदार को जीनत अमान ने जीया

अपने कैरेक्टर के बारे में जीनत बोलीं, "निशा कोई ऐसी लड़की नहीं थी, जो संकट में फंसी हुई हो। उसके कपड़े आकर्षक और सेक्सी थे, लेकिन सबसे अहम बात वह जिस तरह जीती थी, उसके लिए बेबाक थी। यह एक ऐसा कैरेक्टर था, जिसे मैंने एन्जॉय किया। वह यौन रूप से मुक्त, आर्थिक रूप से स्वतंत्र और किसी भी पुरुष के साथ झगड़ा करने और उसे ठुकराने में पूरी तरह सक्षम।"

Zeenat Aman

मंगेशकर बहनों ने गाये गाने

उन्होंने कहा, "मैंने हमेशा कहा है कि मैं एक ‘निर्देशक की अभिनेत्री’ हूं और मुझे लगता है कि शम्मी जी ने इस फिल्म में मुझसे बेहतरीन अभिनय करवाया है। गाने और कॉस्ट्यूम भी बहुत शानदार थे। ‘आया हूं मैं तुझ को ले जाऊंगा’ में हमने बड़े-बड़े वाद्य यंत्रों पर नाचा, ‘चोरी चोरी सोलह सिंगार’ (आशा जी द्वारा गाया गया) में एक उत्तेजक शॉवर सीक्वेंस है और ‘दुल्हन मायके चली’ पूरी तरह से तवायफों से भरी पुलिस वैन में पुलिस स्टेशन ले जाया जा रहा है और इसे तीनों मंगेशकर बहनों ने गाया है। अगर आपको यह देखने में दिलचस्पी है तो आप इसे YouTube पर देख सकते हैं।"

Zeenat Aman On Manoranjan

जीनत अमान ने 70 के दशक को बताया खूबसूरत

जीनत ने आखिर में कहा, "जीने के लिए 70 का दशक बहुत खूबसूरत था। मोरल पुलिस (जो हमेशा आसपास रहती है) के बावजूद एक्सपेरिमेंट, फ्रीडम और फैशन का माहौल बेजोड़ था। मुझे हैरानी है कि मेरे पुराने फॉलोअर्स को यह फिल्म याद है? मुझे इसे देखने से जुड़ी आपकी यादें या इससे उत्पन्न हुई किसी चर्चा के बारे में जानना अच्छा लगेगा।"

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