Zeenat Aman: सालों बाद छलका जीनत अमान का दर्द, बताया कैसे खराब हुई एक्ट्रेस की इमेज
बॉलीवुड की पुरानी अभिनेत्रियों में मशहूर जीनत अमान ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट किया है। उस पोस्ट में उन्होंने बताया है कि कैसे टैब्लॉयड अखबारों ने उनके बारे में फेक स्टोरी लगाकर उनकी इमेज को खराब किया। इस पोस्ट में उन्होंने अपना दर्द बयान किया है। बता दें जीनत ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत 1970 से की थी।
By Rajshree VermaEdited By: Rajshree VermaUpdated: Sat, 02 Sep 2023 03:03 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। फिल्म इंडस्ट्री में काफी बदलाव देखने को मिल रहे हैं। आजकल ज्यादातर बॉलीवुड स्टार आपको सोशल मीडिया पर नजर आ जाएंगे। ऐसे में अब अनुभवी अभिनेत्री जीनत अमान और सायरा बानो भी इंस्टाग्राम से जुड़ गई हैं। यह बात जानने के बाद उनके फैंस काफी खुश हैं।
हाल ही में, अभिनेत्री जीनत अमान ने शनिवार को अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर कुछ पुरानी यादों को ताजा किया। उन्होंने 1970 के दशक से लेकर 1990 तक के दशक की मैगजीन, जिसमें उनके बारे में बातें लिखी थी, उनको शेयर किया।
जीनत ने इंस्टाग्राम पर पुरानी मैगजीन कवर की एक सीरीज पोस्ट की। इसके साथ ही उन्होंने पोस्ट में अपने फैंस और फॉलोअर्स के साथ यह भी शेयर किया कि उस समय उन पर क्या आरोप लगाए गए थे।
इंस्टाग्राम पर किया लंबा-चौड़ा पोस्ट
एक मैगजीन का कवर पेज पोस्ट करते हुए जीनत ने उसके कैप्शन में लिखा कि 'अगर सुर्खियों पर विश्वास किया जाए, तो 1979 में मैंने खुद को कोसा था, 1982 में मुझे चुना जा रहा था, 1984 में मैं तालमेल से बाहर थी, 1985 में मैं आत्म-विनाश की ओर बढ़ रही थी और 1998 में मैं टूट गई थी'।
इसके आगे उन्होंने लिखा कि एक समय था जब मैंने ग्लॉसी और टैब्लॉयड की सदस्यता ली थी, लेकिन 'शातिर' शीर्षक के बाद उन्होंने इसे छोड़ दिया। गुजरे जमाने की अभिनेत्री ने कहा कि कहानियां ज्यादातर झूठ से भरी होती थी। जब वे सही थे, तो यह गोपनीयता का उल्लंघन था।
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एक उदाहरण में, उनका सामना एक पत्रिका संपादक से हुआ, जो उन्हें बहाने देता रहा और माफी नहीं मांगी। आखिरकार, इन चीजों ने उन पर अपना असर डाला और वह चिंता और दुख के दौर से गुजरी।
अभिनेत्री ने कहा कि उनकी 'त्वचा सख्त हो गई' और उन्हें एहसास हुआ कि उन्हें इसे व्यक्तिगत रूप से नहीं लेना चाहिए। उन्होंने पोस्ट के अंत में लिखा, 'यह सब सिर्फ कहने के लिए है, लोग हमेशा बात करने का कारण ढूंढ लेंगे और इसलिए शायद यह सबसे अच्छा है कि उनकी राय या धारणा को अपने जीवन को परिभाषित करने की अनुमति न दें।'