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Mission Raniganj Collection Day 1: मोटे बजट में बनी अक्षय कुमार की 'मिशन रानीगंज', ओपनिंग डे पर छापे इतने नोट

Mission Raniganj Collection Day 1 टीनू सुरेश देसाई के डायरेक्शन में बनी फिल्म मिशन रानीगंज अक्षय कुमार की अब तक की फिल्मों से कुछ अलग है। इस मूवी की कहानी रियल लाइफ इंसीडेंट पर बनी है जिसमें अक्षय कुमार ने जसवंत सिंह गिल की भूमिका निभाई है। फिल्म को लेकर सोशल मीडिया पर काफी हाईप रही थी। यह देखना दिलचस्बॉप होगा कि बॉक्स ऑफिस पर मूवी ने कितना कमाल दिखाया।

By Karishma Lalwani Edited By: Karishma Lalwani Updated: Sat, 07 Oct 2023 10:46 AM (IST)
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Akshay Kumar Film Mission Raniganj Box Office Collection Day 1
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। Mission Rani Collection Day 1: अक्षय कुमार ने इस साल फिल्म 'ओएमजी 2' के जरिये लोगों को एक सीख देने की कोशिश की। उन्हें शिव के दूत के किरदार में काफी पसंद किया गया। इस फिल्म के बाद वह 1989 की कोयला खदान स्टोरी 'मिशन रानीगंज' बड़े पर्दे पर लेकर आए हैं। उन्होंने जसवंत सिंह गिल का रोल प्ले किया है, जिसने एक साथ छह दर्जन से ज्यादा मजदूरों की जान बचाई।

कोयला खदान हादसे पर आधारित है मूवी

'मिशन राजीनंग' सच्ची घटना पर आधारित फिल्म है। इसे ऑडियंस और क्रिटिक्स से मिक्स रिव्यू मिला है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (ट्विटर) पर फिल्म को अधिकतर अच्छे रिस्पांस मिले हैं। हालांकि, यह मूवी भूमि पेडनेकर की 'थैंक्यू फॉर कमिंग' और राजवीर देओल की 'दोनों' के साथ रिलीज हुई है। ऐसे मे इसे बॉक्स ऑफिस पर कड़ी टक्कर मिली है। पहले दिन 'मिशन रानीगंज' ने कितना कलेक्शन किया, पढ़िये ये रिपोर्ट।

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पहले दिन कर पाई बस इतनी कमाई

पूजा एंटरटेनमेंट प्रोजक्शन के बैनर तले बनी 'मिशन रानीगंज' को लेकर जिस तरह की हाईप थी, उसे देख लगा था कि फिल्म डबल डिजिट्स में ओपनिंग ले सकती है। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सैकनिल्क की रिपोर्ट के अनुसार, अक्षय कुमार की इस मूवी ने 2.8 करोड़ की कमाई की है। यह आंकड़े उम्मीद से भी कम हैं। करीब 2500 स्क्रीन्स पर रिलीज हुई फिल्म ने पहले ही दिन मुट्ठी भर कमाई की है। 

क्या है कोयला खदान हादसा?

कोयला खदान हादसा वेस्ट बंगाल में हादसा हुआ था। 13 नवंबर, 1989 को रानीगंज के महाबीर खदान (पश्चिम बंगाल) में कोयले की खदानों का ब्लास्ट कर तोड़े जाने के दौरान वॉटर टेबल की दीवार में क्रैक आ गया। पानी तेजी से इन दरारों में बहने लगा। इस कारण वहां काम कर रहे 220 लोगों में से छह की मौके पर मौत हो गई। जो लिफ्ट के पास थे, उन्हें जल्दी से बाहर खींचा गया। फिर भी 65 मजदूर फंसे रह गए थे।

इस हादसे के वक्त जसवंत सिंह गिल बतौर एडीशनल चीफ माइनिंग डायरेक्टर वहां पोस्टेड थे। उन्होंने सभी 65 मजदूरों की जान बचाई। जहां खदान में मजदूर फंसे थे, उन्होंने वहां कई बोर खोदे और उनके सकुशल बाहर निकलने तक खाना-पीना तक पहुंचाया। एक लंबे अंतराल के बाद उन्होंने सभी 65 मजदूरों की जान बचाई और उन्हें बाहर निकाला। बहादुरी के इस काम के लिए जसवंत सिह गिल को 1991 में इंडियन गवर्मेंट की तरफ से प्रेसिंडेट रामास्वामी वेंकटरमन के हाथों सिविलियन गेलेन्ट्री अवार्ड 'सर्वोंत्तम जीवन रक्षक पदक' दिया गया।