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Coldplay के को-फाउंडर क्रिस मार्टिन को बचपन से है Tinnitus की बीमारी, स्टेज पर आने से पहले करते हैं ये काम

कोल्डप्ले बैंड की इंडिया में भी एक अच्छी खासी प्रशंसकों की लिस्ट है। येलो जैसे सुपरहिट गाने देने वाला कोल्डप्ले (Coldplay Band) अगले साल भारत में अपना टूर करने वाला है जिसकी टिकट अभी से ही धड़ाधड़ बिक रही हैं। इस बैंड की शुरुआत साल 1996 में क्रिस मार्टिन ने की थी जो 12 साल की उम्र से टिनाइटस की बीमारी से जूझ रहे हैं।

By Tanya Arora Edited By: Tanya Arora Updated: Fri, 27 Sep 2024 03:09 PM (IST)
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Coldplay Band के क्रिस मार्टिन को है टिनिटस/ फोटो- Jagran Graphics

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। ब्रिटिश कोल्ड प्ले आज दुनियाभर में फेमस हो चुका है। साल 1996 में इस बैंड की शुरुआत क्रिस मार्टिन ने की थी। किसी भी आम इंसान की तरह इस रॉक प्ले बैंड की जर्नी भी काफी रोचक रही है। इस वक्त कोल्डप्ले बैंड लगातार चर्चा में बना हुआ है।

वह नए साल के साथ ही साल 2025 में 'म्यूजिक ऑफ द स्पेयर्स' करने वाले हैं। जिसकी टिकट बिक्री ऑनलाइन शुरू हो चुकी है। इस बैंड की शुरुआत करने वाले क्रिस मार्टिन की जिंदगी का सफर बेहद ही दिलचस्प रहा है।

कैफे में गाने से लेकर ग्रैमी अवॉर्ड्स के मंच तक पहुंचने के लिए इस बैंड ने काफी मेहनत की है। क्या है इस बैंड की हिस्ट्री और क्या है 'टिनाइटस' बीमारी जिससे जूझ रहे हैं क्रिस मार्टिन चलिए जानते हैं पूरी कहानी-

क्या है टिनाइटस बीमारी जिससे बचपन से जूझ रहे हैं क्रिस मार्टिन? 

कोल्ड प्ले बैंड को शुरू करने वाले सदस्य क्रिस मार्टिन का जन्म एक मिडिल क्लास फैमिली में हुआ था। उनके पिता अकाउंटेंट और मां संगीत की टीचर थीं। क्रिस का पूरा नाम क्रिस्टोफर एंथोनी जॉन मार्टिन है। बचपन से ही शर्मीले स्वभाव के रहे क्रिस को न तो खेल-कूद का ज्यादा शौक था और न ही किसी अन्य एक्टिविटी का, वह शौकीन थे, तो बस पियानो के, जिसे वह हमेशा अपने साथ रखते थे।

क्रिस जब महज 12 साल के थे, तो उन्हें कान से जुड़ी बीमारी 'टिनाइटस' हो गई थी। इस बीमारी में व्यक्ति को कानों में अचानक ही टन्न और सांय-सांय जैसी आवाज सुनाई देती है।

Chris Martin

क्रिस ने कुछ सालों पहले अपनी इस बीमारी के बारे में बात करते हुए बताया था कि ये अधिक संगीत सुनने (Earphones) की वजह से हुआ था, जिसकी वजह से उन्हें कानों में परफॉर्म करते हुए फिल्टर करने वाले इयरप्लग्स लगाने पड़ते हैं।

कैसे शुरू हुआ था उनका कोल्ड प्ले बैंड

साल 1996 में क्रिस जब अपने कॉलेज में जॉनी बकलैंड, गाय बेरीमैन के साथ बैठे हुए गिटार बजा रहे थे, उस दौरान ही उन्हें खुद का बैंड बनाने का ख्याल आया। कोल्ड प्ले नाम रखने के पीछे भी एक दिलचस्प किस्सा छुपा हुआ है। दरअसल, क्रिस मार्टिन के बैंड का पहले नाम पेक्टोराल्ज और फिर स्टारफिश रखा गया था।

कोल्ड प्ले उनका नहीं, बल्कि उनके दोस्त के बैंड का नाम था। जैसे ही उनके दोस्त ने उन्हें बताया कि वह अपना बैंड बंद कर रहे हैं, तुरंत ही उन्होंने इस मौके का फायदा उठाया। उन्हें कोल्ड प्ले नाम थोड़ा कूल लगा और उन्होंने अपने बैंड का नाम वही रख लिया।

कैफे-पब से लेकर ग्रैमी तक का सफर था मुश्किल

जब क्रिस मार्टिन ने अपने बैंड की शुरुआत की थी, उस वक्त वह कैफे और पब में गाते थे। साल 1998 में उन्होंने अपना पहले एल्बम निकाला। ये बैंड फेमस होने से पहले लंदन के ही छोटे-मोटे कैफे और पब में परफॉर्म करता था। साल 1998 में उन्होंने पहला एल्बम निकाला, जिसकी सिर्फ 500 कॉपी बिकी।

उनके बैंड के करियर में जो टर्निंग प्वाइंट बना वह साल 2000 में रिलीज हुआ 'पैराशूट' एल्बम था, जिसका गाना 'येलो' इतना लोकप्रिय हुआ कि उन्होंने उन्हें ग्रैमी अवॉर्ड्स के मंच पर पहुंचा दिया। ये फेमस बैंड अब तक साथ ग्रेमी अवॉर्ड जीत चुका है।

आपको बता दें कि साल 2016 में इंडियन संस्कृति से प्रभावित होकर कोल्ड प्ले बैंड ने 2016 में 'हाइम फॉर द वीकेंड' नामक गाना रिलीज किया था, जिसमें उन्होंने इंडिया की खूबसूरती को दिखाया था। ये बैंड अब साल 2025 में फिर इंडिया में धमाल मचाने आ रहा है। जनवरी में ये बैंड डीवाय पाटील स्टेडियम में परफॉर्म करने वाला है।