Coldplay के को-फाउंडर क्रिस मार्टिन को बचपन से है Tinnitus की बीमारी, स्टेज पर आने से पहले करते हैं ये काम
कोल्डप्ले बैंड की इंडिया में भी एक अच्छी खासी प्रशंसकों की लिस्ट है। येलो जैसे सुपरहिट गाने देने वाला कोल्डप्ले (Coldplay Band) अगले साल भारत में अपना टूर करने वाला है जिसकी टिकट अभी से ही धड़ाधड़ बिक रही हैं। इस बैंड की शुरुआत साल 1996 में क्रिस मार्टिन ने की थी जो 12 साल की उम्र से टिनाइटस की बीमारी से जूझ रहे हैं।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। ब्रिटिश कोल्ड प्ले आज दुनियाभर में फेमस हो चुका है। साल 1996 में इस बैंड की शुरुआत क्रिस मार्टिन ने की थी। किसी भी आम इंसान की तरह इस रॉक प्ले बैंड की जर्नी भी काफी रोचक रही है। इस वक्त कोल्डप्ले बैंड लगातार चर्चा में बना हुआ है।
वह नए साल के साथ ही साल 2025 में 'म्यूजिक ऑफ द स्पेयर्स' करने वाले हैं। जिसकी टिकट बिक्री ऑनलाइन शुरू हो चुकी है। इस बैंड की शुरुआत करने वाले क्रिस मार्टिन की जिंदगी का सफर बेहद ही दिलचस्प रहा है।
कैफे में गाने से लेकर ग्रैमी अवॉर्ड्स के मंच तक पहुंचने के लिए इस बैंड ने काफी मेहनत की है। क्या है इस बैंड की हिस्ट्री और क्या है 'टिनाइटस' बीमारी जिससे जूझ रहे हैं क्रिस मार्टिन चलिए जानते हैं पूरी कहानी-
क्या है टिनाइटस बीमारी जिससे बचपन से जूझ रहे हैं क्रिस मार्टिन?
कोल्ड प्ले बैंड को शुरू करने वाले सदस्य क्रिस मार्टिन का जन्म एक मिडिल क्लास फैमिली में हुआ था। उनके पिता अकाउंटेंट और मां संगीत की टीचर थीं। क्रिस का पूरा नाम क्रिस्टोफर एंथोनी जॉन मार्टिन है। बचपन से ही शर्मीले स्वभाव के रहे क्रिस को न तो खेल-कूद का ज्यादा शौक था और न ही किसी अन्य एक्टिविटी का, वह शौकीन थे, तो बस पियानो के, जिसे वह हमेशा अपने साथ रखते थे।
क्रिस जब महज 12 साल के थे, तो उन्हें कान से जुड़ी बीमारी 'टिनाइटस' हो गई थी। इस बीमारी में व्यक्ति को कानों में अचानक ही टन्न और सांय-सांय जैसी आवाज सुनाई देती है।
क्रिस ने कुछ सालों पहले अपनी इस बीमारी के बारे में बात करते हुए बताया था कि ये अधिक संगीत सुनने (Earphones) की वजह से हुआ था, जिसकी वजह से उन्हें कानों में परफॉर्म करते हुए फिल्टर करने वाले इयरप्लग्स लगाने पड़ते हैं।