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Anil Sharma Interview: ...तो इसलिए अनिल शर्मा ने बनाई गदर-2, सनी और अमीषा को लेकर भी किए बड़े खुलासे

Anil Sharma Interview फ्रेंचाइज फिल्मों के दौर में गदर-2 भी 11 अगस्त को रिलीज के लिए तैयार है। यह फिल्म साल 2001 में रिलीज हुई फिल्म गदर एक प्रेम कथा की सीक्वल है। दोनों ही फिल्मों का निर्देशन अनिल शर्मा ने किया है। हालांकि अनिल ने कभी फिल्म के सीक्वल के बारे में सोचा नहीं था। इन्हीं बातों को लेकर प्रस्तुत हैं अनिल के संग साक्षात्कार के कुछ अंश

By Jagran News NetworkEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Mon, 07 Aug 2023 06:28 AM (IST)
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सनी को फिर तारा सिंह और अमीषा को सकीना के रोल में आए फिल्म डायरेक्टर अनिल
फ्रेंचाइज फिल्मों के दौर में गदर-2 भी 11 अगस्त को रिलीज के लिए तैयार है। यह फिल्म साल 2001 में रिलीज हुई फिल्म गदर: एक प्रेम कथा की सीक्वल है। दोनों ही फिल्मों का निर्देशन अनिल शर्मा ने किया है। कई साल पहले अनिल ने कहा था कि वह गदर की सीक्वल कभी नहीं बनाएंगे। फिर कुछ ऐसा हुआ कि उन्हें इसकी कहानी को आगे बढ़ाना पड़ा। कहां से हुई गदर-2 की शुरुआत, सनी देओल को फिर कैसे उन्होंने बनाया तारा सिंह, ऐसे कई मुद्दों पर अनिल से हुई बातचीत के अंश:

1. क्या गदर के मुकाबले गदर-2 की रिलीज को लेकर आत्मविश्वास ज्यादा है?

जब हमने गदर: एक प्रेम कथा बनाई थी, तब भी आत्मविश्वास था। बिना आत्मविश्वास के कोई निर्देशक फिल्म बना ही नहीं सकता है। निर्देशक के पास 100 कहानियां आती हैं, उनमें से अगर एक कहानी कोई बनाने के लिए चुनता है, तो उसमें यकीनन उसे विश्वास होगा। खुद पर भरोसा तब भी था, अब भी है।

गदर: एक प्रेम कथा फिल्म को हमने जब दोबारा पिछले दिनों रिलीज किया था, तब भी फिल्म ने ढाई से तीन करोड़ का बिजनेस कर लिया था। हमने केवल इसलिए फिल्म रिलीज की थी, ताकि कहानी को लेकर यादें ताजा हो जाएं। सोचा था फिल्म 50-75 लाख रुपये का बिजनेस कर लेगी, लेकिन इतनी अच्छी ओपनिंग मिलेगी पता नहीं था। यही वजह है कि मैं गदर-2 को लेकर नर्वस तो नहीं हूं, लेकिन जैसे-जैसे रिलीज का समय पास आ रहा है, एक चिंता है, क्योंकि फिल्म पब्लिक के बीच में जाने वाली है। उनके पास अच्छा काम ही पहुंचना चाहिए।

2. आपने कई साल पहले कहा था कि आप गदर की सीक्वल कभी नहीं बनाएंगे...

हां, यह बात सच है कि मैं गदर की कहानी को आगे नहीं बढ़ाना चाहता था। कभी सोचा नहीं था, न ही उस फिल्म का अंत ऐसा रखा था कि गदर-2 बनाऊं। साल 2001 में सीक्वल फिल्मों का बहुत ज्यादा चलन भी नहीं था। हालांकि, विदेश में सीक्वल फिल्में बना करती थीं। गदर की सीक्वल को लेकर मुझसे हर बार सवाल पूछा जाता था। जहां भी जाता था, कोई न कोई पूछ लेता था कि गदर-2 कब बना रहे हैं। मैं यही कहता था कि कहां से बनाऊं।

कोई कहानी भी तो होनी चाहिए। लोग कई साल से पूछ रहे हैं, लेकिन मैंने तय कर रखा था कि जब तक अलग कहानी नहीं मिलेगी, जो तारा सिंह, सकीना और जीते के किरदारों के साथ आगे बढ़ सके, तब तक नहीं बनाऊंगा। मुझे गदर नाम को कैश नहीं करना था। लेखक शक्तिमान (तलवार) जी गदर-2 का आइडिया लेकर आए। मुझे लगा कि फिल्म इन किरदारों के साथ आगे बढ़ रही है, इसलिए गदर-2 को बनाने के बारे में सोचा। अगर ऐसी कहानी नहीं मिलती, तो गदर-2 नहीं बनाते।

3. तारा सिंह के किरदार के लिए इतने वर्षों बाद सनी देओल को कैसे राजी किया?

जब हमने सनी सर से बात की, तो उन्होंने भी पहले यही कहा था कि शर्मा जी कहां गदर की कहानी को आगे बढ़ाएंगे। जिस दिन मुझे कहानी मिली और मैंने उन्हें सुनाई, पांच मिनट में ही उन्होंने कह दिया कि चलो बनाते हैं।

4. इस बार फिल्म में तकनीक का प्रयोग कितना किया है?

गदर: एक प्रेमकथा में हमने पचास हजार से ज्यादा लोगों की भीड़ भारत-पाकिस्तान विभाजन वाले दृश्य में जुटाई थी। तब विजुअल इफेक्ट्स (वीएफएक्स) का प्रयोग हमारी फिल्मों में कम होता था। तकनीक भी इतनी विकसित नहीं थी। आज इतने लोगों को इकठ्ठा करने की जरूरत नहीं है, तकनीक से सब संभव है। गदर-2 की बात करूं, तो 90 प्रतिशत फिल्म में वीएफएक्स नहीं हैं। जिन दृश्यों में जरूरत थी, केवल वहीं हमने तकनीक का प्रयोग किया है। मैंने एक्शन सीन के लिए 100 से ज्यादा वास्तविक विस्फोट किए हैं। 15-20 गाड़ियों और ट्रक्स को विस्फोट में उड़ाया है।

लोगों को आज फिल्मों में वीएफएक्स देखने की इतनी आदत हो गई है कि अगर रियल चीजें दिखाई जाएं, तो उन्हें यकीन नहीं होता है। यही वजह है कि हॉलीवुड अभिनेता टाम क्रूज को भी अपनी फिल्म मिशन: इम्पॉसिबल डेड रेकनिंग पार्ट वन में किए गए अपने वास्तविक स्टंट सीन के बारे में लोगों को सामने से आकर बताना पड़ा था।

5. क्या वास्तविक ब्लास्ट करना वीएफएक्स से ज्यादा खर्चीला रहा?

हां, बहुत ज्यादा खर्चीला और समय लेने वाली प्रक्रिया रही, लेकिन मुझे दृश्यों को वास्तविक दिखाना था। मुझे भी कई लोगों ने कहा था कि वीएफएक्स से फलां सीन में काम चल जाएगा। मैंने कहा कि नहीं, हम जैसे पारंपरिक तरीके से काम करते आए हैं, वैसे ही करेंगे, क्योंकि वास्तविक चीजों की बात ही अलग होती है। सनी सर ट्रेलर में जो हथौड़ा चला रहे हैं, वह भी असली है, इसलिए जब वह उससे जीप पर प्रहार करते हैं, तो उसका पावर दिखाई देता है।

6. क्या यह फिल्म भारत-पाकिस्तान के अलावा किसी और पृष्ठभूमि पर नहीं बन सकती थी?

गदर की कहानी का अहम हिस्सा भारत-पाकिस्तान विभाजन रहा है। इस फिल्म की कहानी पिता द्वारा अपने बेटे को घर वापस लेकर आने की है, जो किसी भी शहर में हो सकती थी। लेकिन गदर-2 होने की वजह से पृष्ठभूमि भारत-पाकिस्तान ही हो सकती थी, क्योंकि उस काल में वही सबसे बड़ी घटना थी। तारा, सकीना, जीते, वह काल और भारत-पाकिस्तान के बिना कहानी नहीं बन सकती थी।

7. स्वतंत्रता दिवस के आसपास फिल्म को रिलीज करने की कोई खास वजह है?

मेरे अंदर देशभक्ति का जज्बा भरा हुआ है। ऐसे में जब मैं कहानी बनाता हूं, तो उसमें देशभक्ति की भावना उभरकर आती है, जो पर्दे तक पहुंच जाती है। स्वतंत्रता दिवस के आसपास इस फिल्म को रिलीज करने का निर्णय मुझे सही लगा।