Entertainment: 'मैं अपने सपनों से ही प्रेरित रहता हूं', कार्तिक आर्यन बोले- मुझे कभी खुद पर शक नहीं था
अभिनेता कार्तिक आर्यन ने कहा कि मैं खुद को लेकर अति आत्मविश्वासी रहा हूं। मैं यही सोचता था कि मैं कभी इनको (जिसने आडिशन से रिजेक्ट किया था) रिजेक्ट करूंगा। खैर यह ख्याल गुस्से में आ जाते थे लेकिन यह सच है कि मुझे कभी खुद पर शक नहीं था। मुझे पता था कि एक दिन मैं कहीं न कहीं पहुंच जाऊंगा।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। ऑडिशन की प्रक्रिया में कई बार सितारों को जब मौका नहीं मिलता है, तो वह उदास हो जाते हैं या तनाव में आ जाते हैं। हालांकि भूल भुलैया 3 अभिनेता कार्तिक आर्यन ऐसे किसी तनाव से नहीं गुजरे। वह कहते हैं कि जब मुझे कोई कहता था कि आप रोल के लिए फिट नहीं है या ऑडिशन के बाद भी काम नहीं मिलता था, तो मैं यही सोचता था कि उनका ही नुकसान है।
मुझे कभी खुद पर शक नहीं था
आगे बोले कि ढंग से मेरा आडिशन नहीं देखा होगा। मैं खुद को लेकर अति आत्मविश्वासी रहा हूं। मैं यही सोचता था कि मैं कभी इनको (जिसने आडिशन से रिजेक्ट किया था) रिजेक्ट करूंगा। खैर, यह ख्याल गुस्से में आ जाते थे, लेकिन यह सच है कि मुझे कभी खुद पर शक नहीं था। मुझे पता था कि एक दिन मैं कहीं न कहीं पहुंच जाऊंगा। प्यार का पंचनामा फिल्म से पहले भी एक फिल्म का ऑफर आया था। तब लगा था कि लॉटरी लग गई। फिल्म मिल गई, हीरो बन जाऊंगा। वह फिल्म बनी ही नहीं।
ऑडिशन मिलना कोयले की खदान में हीरा मिलने जैसा
उन्होंने बताया कि कई बार होता है, जब आप फाइनल स्टेज पर पहुंचते हैं, फिर वह काम नहीं मिलता। मैं अपने सपनों से ही प्रेरित रहता था कि मुझे फलां रोल मिलेगा, तो मैं ये करूंगा, वो करूंगा। वैसे भी विज्ञापनों के आडिशन का आसानी से पता चल जाता था, लेकिन फिल्म का ऑडिशन मिलना कोयले की खदान में हीरा मिलने जैसा था। एक बार एक फिल्म ऑडिशन मिला, उसी दिन मेरी परीक्षा थी। मैंने आडिशन को चुना, वह प्यार का पंचनामा फिल्म का ऑडिशन था। मैं मानता हूं कि यह प्रेरित करने वाली कहानी नहीं है, लेकिन कई बार कुछ चीजें होनी लिखी होती हैं। सही समय पर सही निर्णय लेना जरूरी होता है। कुछ निर्णय उस वक्त कठिन लगते है, लेकिन वह काम कर जाते हैं।सोनाक्षी को इंडस्ट्री में काम आई कालेज से सीखी ये बातें
जीवन में कुछ अनुभवों से ऐसी सीख मिलती है, जो आगे चलकर हमेशा काम आती है। यूं तो सिनमा इंडस्ट्री में अक्सर अभिनेत्रियों के पतलेपन और फिटनेस की बातें होती हैं, लेकिन दबंग और अकीरा फिल्मों की अभिनेत्री सोनाक्षी ने स्वयं पर इन मानकों का असर नहीं होने दिया। इस बात की सीख उन्हें कालेज के दिनों से ही मिल गई थी। फिल्म दबंग से सिनेमा जगत में कदम रखने वाली सोनाक्षी का वजन पहले काफी ज्यादा हुआ करता था।
हाल ही में एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया, ‘स्कूल और कालेज के दिनों में मेरा वजन बहुत ज्यादा हुआ करता था। लोग मेरे बारे में बहुत बातें करते थे पर मैं किसी की भी बातें न सुनकर बस यह सोचती थी कि सिर्फ मेरा वजन ही मुझे परिभाषित नहीं करता है। युवावस्था से ही यह सोच आ जाने से मुझे बहुत मदद मिली। जब मैंने दबंग फिल्म की, तो मैं बहुत फिट थी, इतनी पतली तो मैं कभी नहीं थी, फिर भी लोग मेरे बारे में बातें किया करते थे। तो मैंने सोचा कि जब मेरा वजन ज्यादा था, तब भी लोग बातें किया करते थे, अब इस साइज की हूं, तब भी बातें करते हैं। आप कुछ भी कर लो लोग तो बातें करेंगे ही। अपना काम करो, खुशी से करो, अच्छे से करो और आगे बढ़ो। स्कूल और कालेज में मेरे पास ऐसी कोई रोल माडल नहीं थी, जिसे मैं देखती और कहती ऐसा दिखना ही सही है।’