Azam Review: खराब निर्देशन ने किया अंडरवर्ल्ड की बेहतरीन कहानी का कबाड़ा, जिमी शेरगिल ने डगमगाती फिल्म सम्भाली
Azam Movie Review जिमी शेरगिल अभिनीत आजम अंडरवर्ल्ड के अंदर की राजनीति दिखाती है। जिमी शेरगिल इस कहानी के केंद्र में हैं। फिल्म में रजा मुराद अभिमन्यु सिंह और इंद्रनील सेनगुप्ता ने भी अहम भूमिकाएं निभायी हैं। यह दूसरी गैंगस्टर फिल्मों से अलग है।
By Manoj VashisthEdited By: Manoj VashisthUpdated: Fri, 26 May 2023 06:37 PM (IST)
प्रियंका सिंह, मुंबई। अंडरवर्ल्ड माफिया और गैंगवार पर बनी फिल्मों में 'कंपनी', 'वन्स अपॉन ए टाइम इन मुंबई', 'सत्या', 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' जैसी फिल्मों का नाम खासा प्रसिद्ध है। पिछले साल आलिया भट्ट अभिनीत 'गंगूबाई काठियावाड़ी' भी रिलीज हुई थी, लेकिन उसने अंडरवर्ल्ड की अंदरूनी दुनिया को उजागर नहीं किया था। 'आजम' फिल्म की कहानी माफिया की दुनिया की अंदरुनी राजनीति को दिखाती है।
क्या है आजम की कहानी?
मुंबई पर राज करने वाले माफिया डॉन नवाब खान (रजा मुराद) को कैंसर है। वह चंद दिनों का मेहमान है। गिरोह में उसके चार भागीदार हैं, जिनकी मदद से वह कभी डॉन की कुर्सी पर बैठा था। गृह मंत्री से लेकर पुलिस तक इस गिरोह के करीब है।
Photo- screenshot/YouTube trailer
नवाब की मौत के बाद उसका उत्तराधिकारी कौन होगा, इसको लेकर बाकी के चार सदस्यों की एक मीटिंग होती है, जिसमें नवाब के बेटे कादर (अभिमन्यु सिंह) की बजाय वह गिरोह के सदस्य प्रताप शेट्टी (गोविंद नामदेव) के बेटे अन्या शेट्टी (विवेक घमंडे) को कुर्सी पर बिठाने की योजना बनते हैं।
इस बातचीत का वीडियो कादर और नवाब के करीबी जावेद (जिमी शेरगिल) के पास होता है। वह कादर के साथ मिलकर गिरोह के चारों सदस्य और अन्या को रास्ते से हटाने की योजना बनाता है। कादर को यह नहीं पता कि वह जावेद के ही जाल में फंस रहा है। जावेद, नवाब की जगह लेना चाहता है। वह ऐसा क्यों कर रहा है? उसका नवाब से क्या रिश्ता है? इस पर कहानी आगे बढ़ती है।
Photo- screenshot/YouTube trailerआजम का अर्थ होता है, सबसे बड़ा और शक्तिशाली। श्रवण तिवारी की लिखी यह कहानी इस शीर्षक के साथ न्याय करती है। फिल्म का असली हीरो कहानी ही है। एक रात की इस कहानी में गिरोह के सदस्य की हत्या के बाद जैसे-जैसे उसके पीछे का रहस्य खुलता है, वह रोमांचक है।