Barbie Movie Review: जब इंसानों के बीच पहुंची बार्बी डॉल, मनोरंजक अंदाज में अहम मुद्दों पर हुई बात
Barbie Movie Review बार्बी डॉल पर पहले भी फिल्में बनती रही हैं मगर उनमें ज्यादातर एनिमेशन ही हैं। बार्बी की दुनिया पर लाइव-एक्शन फिल्म पहली दफा बनी है। इस कॉमेडी-फैंटेसी फिल्म का निर्देशन ग्रेटा गरविग ने किय है। फिल्म में मार्गो रॉबी और रायन गोसलिंग ने लीड रोल्स निभाये हैं। रायन केन के रोल में हैं। मार्गो फिल्म की सह-निर्माता भी हैं।
By Manoj VashisthEdited By: Manoj VashisthUpdated: Fri, 21 Jul 2023 05:39 PM (IST)
प्रियंका सिंह, मुंबई। बच्चों की पसंदीदा रही बार्बी और केन डॉल की दुनिया को उन पर बने खिलौने के जरिए जाना जाता है। बार्बी की दुनिया गुलाबी है। केन डॉल भी उसी दुनिया का हिस्सा है, लेकिन वह बार्बी जितना सक्षम नहीं है। गुड़िया पर फिल्म बनाने का आइडिया ही बेहद रचनात्मक है।
महिला प्रधान है बार्बी की दुनिया
इस दुनिया में सभी गुड़िया के नाम बार्बी और सभी गुड्डे के नाम केन हैं। फिल्म शुरू होती है बार्बीलैंड से, जहां स्त्रियों का राज है। वहां पर डॉक्टर, वकील, नेता जैसी पावरफुल पद वही संभाल रही हैं, जबकि केन अपना समय समुद्र किनारे मनोरंजक गतिविधियों में बिताते हैं।
एक दिन स्टीरियोटिपिकल (मार्गो रॉबी) को अपनी मृत्यु की चिंता होती है। वह जब अगले दिन सुबह उठती है तो उसे अहसास होता है कि उसकी दुनिया बदल रही है। हील्स पहनने वाली बार्बी के पैर से जूते निकालने के बाद उसकी एड़ियां हवा में नहीं, बल्कि जमीन पर आ जाती हैं। उसके शरीर पर चर्बी जमा हो रही है।
वियर्ड बार्बी (केट मैकिनन) उसे वास्तविक दुनिया में जाकर उस बच्ची को ढूंढने के लिए कहती है, जो उसके जैसी गुड़िया से खेल रही है। बार्बी, केन के साथ वास्तविक दुनिया के लिए निकल पड़ती है। वास्तविक दुनिया में आकर केन को पता चलता है कि यहां तो पितृसत्ता है, जहां पुरुष ताकतवर हैं।बार्बी, जब उस बच्ची शाशा (एरिआना ग्रीनब्लाट) से मिलती है, तो वह, बार्बी को खरीखोटी सुनाते हुए कहती है कि उसकी सुदंरता अवास्तविक है। उसकी वजह से दूसरी लड़कियों से भी बार्बी जैसा सुंदर बनने की उम्मीद की जाती है। बार्बी को बनाने वाली खिलौना कंपनी को जब पता चलता है कि बार्बी वास्तविक दुनिया में हैं तो वह उन्हें वापस भेजने के लिए पकड़ लेते हैं।
ग्लोरिया (अमेरिका फरेरा), जो शाशा की मां है और उस कंपनी की कर्मचारी है, वह बार्बी को बार्बीलैंड पहुंचाने में मदद करती है। बार्बीलैंड अब केनडम लैंड बन चुका है। वहां की दूसरी बार्बी डॉल घरेलू सहायक, गृहणी बनकर रह गई हैं। अब बार्बी क्या करेगी? इस पर कहानी आगे बढ़ती है।
असली दुनिया के सामने खड़ी की काल्पनिक दुनिया
ग्रेटा और उनके पति नोवा बौमबैक ने मिलकर फिल्म की कहानी लिखी है। ऐसे में उन्होंने बड़ी ही चतुराई से गुड़िया के जरिए वास्तविक दुनिया, जो पुरुष प्रधान है, उसके सामने ऐसी काल्पनिक दुनिया खड़ी की है, जैसा महिलाएं खुद के लिए चाहती हैं। बार्बीलैंड की दुनिया को खूबसूरत बनाने में सेट डिजाइन और डेकोरेटर सारा ग्रीनवुड और कैटी स्पेंसर ने कोई कमी नहीं रखी है। बार्बी का घर, बेड, कप, जूते, कार वह हर खिलौना है, जो बार्बी के पैकेट में देखा होगा। उसे इस दुनिया का हिस्सा बनाया गया है।वास्तविक दुनिया में महिलाओं की स्थिति पर ग्लोरिया का मोनोलॉग सोचने पर मजबूर करता है। हालांकि, अपना अस्तित्व पाने के लिए पुरुषों को आपस में लड़ाने वाला दृश्य उस बात को हवा देता है, जहां महिलाओं पर व्यंग कसा जाता है कि वह पुरुषों को आपस में लड़ने का कारण बन सकती हैं। हालांकि, अंत में ग्रेटा ने केन की भूमिका के जरिए इस सोच से निकलने कर उन्हें सहयोगी बनाने की बात की है। उन्होंने गुड़िया बनाने वाली खिलौना कंपनी के लोगों पर उनके प्रतिगामी व्यावसायिक निर्णयों की भी आलोचना की है।