Bhaiyya Ji Review: संवादों में सिमटकर रह गया 'भैया जी' का भौकाल, इस बार एक बंदा नहीं रहा काफी
मनोज बाजपेयी की फिल्म Bhaiyya Ji सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। लगभग 3 दशक से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय मनोज की यह 100वीं फिल्म है और पहली बार वो इस तरह के लार्जर दैन लाइफ किरदार में बड़े पर्दे पर नजर आ रहे हैं। इस फिल्म में मनोज ने जबरदस्त एक्शन किया है लेकिन क्या यह फिल्म और किरदार मनोज के अभिनय को जस्टिफाई करता है? पढ़ें रिव्यू।
स्मिता श्रीवास्तव, मुंबई। गैर फिल्मी पृष्ठभूमि से आए अभिनेता मनोज बाजपेयी ने अपने दमखम पर अभिनय जगत में अपनी पहचान बनाई। भैया जी उनकी सौंवी फिल्म है। इस फिल्म के वह निर्माता भी हैं। ज्यादातर धीर-गंभीर, सार्थक और अर्थपूर्ण सिनेमा का हिस्सा रहे मनोज की यह फिल्म प्रतिशोध ड्रामा है।
इसमें उन्होंने काफी एक्शन किया है। सीमित बजट में बनी दीपक किंगरानी और अपूर्व सिंह कार्की द्वारा लिखित यह फिल्म पिछली सदी के आठवें दशक की फिल्मों की याद दिलाती है, जब मां-बहन या भाई के साथ अन्याय होने पर नायक के मन में प्रतिशोध की ज्वाला धधकती रहती थी।अपने दुश्मनों से बदला लेने के बाद ही उसके मन को शांति मिलती थी। इस दौरान अपने प्रियजन के साथ गुजारा वक्त, मीठी यादें उसे अतीत में ले जाती थी। सत्य घटना पर आधारित ‘सिर्फ एक बंदा काफी है’ का निर्देशन कर चुके अपूर्व सिंह कार्की 'भैयाजी' में इस घिसे-पिटे फार्मूले पर ही सिमट गए हैं। उसमें कोई ताजगी या नयापन नहीं है। समस्या कहानी की पृष्ठभूमि के साथ किरदारों के गढ़ने में भी रही है।
क्या है भैया जी की कहानी?
फिल्म का आरंभ बिहार में अधेड़ उम्र के रामचरण उर्फ भैया जी (मनोज बाजपेयी) और पूर्व नेशनल शूटर मिताली (जोया अख्तर) की शादी की तैयारियों के साथ होता है। भैया जी मोबाइल फोन पर दिल्ली में पढ़ रहे अपने छोटे भाई वेदांत (आकाश मखीजा) से बात कर रहे होते हैं, जो रेलवे स्टेशन से गाड़ी पकड़कर अपने दो दोस्तों के साथ घर आने वाला होता है।अगले दिन दिल्ली के कमला नगर पुलिस थाने से फोन आता है कि उसके भाई का एक्सीडेंट हुआ है। तुरंत थाने आए। वहां पहुंचने पर भैया जी को पता चलता है कि वेदांत का निधन हो चुका है। फिर वेदांत के दोनों दोस्त भैया जी को कुछ सुराग देते हैं और कुछ घटनाक्रमों के बाद पता चलता है कि इलाके के दबंग चंद्रभान (सुरविंदर विक्की) के बिगड़ैल बेटे अभिमन्यु (जतिन गोस्वामी) ने उसे मारा है।यह भी पढ़ें: Bhaiyya Ji VS Furiosa- बदले की आग में जल रहे 'भैया जी' और 'फ्यूरिओसा', इस हफ्ते बॉक्स ऑफिस पर जमकर बवाल
वहां से भैया जी के अतीत की परतें खुलती हैं और उनकी असलियत सामने आती है। साधारण सा दिखने वाला भैया जी कभी अपने इलाके का दबंग था। उसके कई किस्से मशहूर होते हैं। दो बाहुबली आमने-सामने आते हैं और शुरू होता है रंजिश का खेल।