Bholaa Movie Review: अजय देवगन और तब्बू का शानदार एक्शन 'भोला' की जान, 'कैथी' के हिंदी रीमेक में कई ट्विस्ट
Bholaa Movie Review भोला सिनेमाघरों में रिलीज हो गयी है। इस फिल्म का निर्देशन अजय ने किया है और खुद मुख्य भूमिका भी निभायी है। भोला तमिल फिल्म कैथी का रीमेक है मगर इसमें मूल फिल्म से अलग काफी कुछ बदलाव किये गये हैं।
By Manoj VashisthEdited By: Manoj VashisthUpdated: Thu, 30 Mar 2023 10:43 AM (IST)
स्मिता श्रीवास्तव, मुंबई। Bholaa Movie Review: अजय देवगन अभिनीत फिल्म 'दृश्यम' भी इसी नाम से बनी मलयालम फिल्म की रीमेक थी। पिछले साल इस फिल्म का सीक्वल बॉक्स आफिस पर सफल रहा था। अब सिनेमाघरों में रिलीज तमिल फिल्म 'कैथी' की हिंदी रीमेक भोला के निर्माता और निर्देशक अजय देवगन हैं।
वह फिल्म के नायक भी हैं। रीमेक फिल्मों में निर्देशक की मौलिकता इतनी रहती है कि वह मूल के करीब रहे और उसकी लोकप्रियता को भुना सके। 'भोला' में कहानी की पृष्ठभूमि बदलने के साथ उन्होंने आमूल-चूल बदलाव किए हैं। मसलन एसपी पुलिस अधिकारी को पुरुष की जगह महिला बना दिया गया है। यहां पर उस किरदार को तब्बू ने निभाया है। उसके अलावा अमला पॉल का किरदार जोड़ा गया है।
क्या है 'भोला' की कहानी?
कहानी का आरंभ इस दृश्य से होता है कि कोकीन से लदे ट्रक को पकड़ने के लिए एसपी डायना (तब्बू) अपने साथियों के साथ उसका पीछा कर रही है। ट्रक को पकड़ने में सफल रहते हैं। इस कोकीन की कीमत एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा है। इस आपरेशन के दौरान डायना के कंधे में गोली भी लग जाती है।
कोकीन के जखीरे के साथ वह सात लोगों को गिरफ्तार करती है। इस मिशन को डायना समेत पांच पुलिसकर्मी अंजाम देते हैं। डायना कोकीन को लालगंज थाने में बने बंकर में छुपाती है। अंग्रेजों के जमाने में बनायी गयी यह जेल काफी मजबूत पत्थर की इमारत है। अंग्रेजों ने अपनी सुरक्षा के लिए उसमें नीचे बंकर बनाया होता है।
उस बिल्डिंग में सेंध लगाना असंभव है। उसके खुफिया रास्ते की किसी को जानकारी नहीं है। डायना का बॉस (किरण कुमार) उससे कहता है कि जब तक अदालत माल की कस्टडी नहीं लेती, उसकी जानकारी गुप्त रहनी चाहिए। उसके बाद बॉस की पार्टी के दौरान ही एक पुलिसकर्मी शराब में नशे की गोली मिला देता है, जिससे वहां मौजूद सारे पुलिसकर्मी बेहोश हो जाते हैं।
डायना उसका सेवन नहीं करती, इसलिए बच जाती है। नाटकीय घटनाक्रम में वह भोला (अजय देवगन) की मदद से सभी पुलिसकर्मियों को ट्रक में अस्पताल ले जाने के लिए निकलती है। अपने साथ वह कैटरिंग का काम करने वाले करछी (अमीर खान) को भी ले आती है। भोला की जिंदगी की परतें खुलती हैं।जेल में दस साल की सजा काटकर भोला अनाथालय में पल रही अपनी बेटी से मिलने लखनऊ जा रहा है। उधर खतरे को भांप कर थाने में मौजूद पुलिसकर्मी भाग खड़े होते हैं। उसी दौरान ट्रांसफर होकर आया कांस्टेबल अंगद यादव (संजय मिश्रा) वहां होता है। उसके साथ वहां पर पहले से मौजूद एक लड़की समेत चार छात्र होते हैं। डायना की लोकेशन ट्रक में मौजूद पुलिसकर्मी दीप सिंह (लोकेश मित्तल) ही ड्रग माफिया को दे रहा है।
कोकीन की तस्करी के पीछे निठारी (विनीत कुमार) का हाथ है, जिसे किसी ने देखा नहीं है। उसका भाई आशु (दीपक डोबरियाल) डायना को पकड़ने के लिए दस करोड़ रुपये का एलान करता है। इनाम के लालच में कई गैंग उसे पकड़ने के लिए पूरी ताकत लगा देते हैं। लालगंज तक पहुंचने में डायना और भोला को किस प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है? क्या माफिया कोकीन के जखीरे को हासिल कर पाएंगे? कहानी इस संबंध में है।