Blackout Review: भेजा फ्राई करती है एक रात की कहानी 'ब्लैकआउट', '12th फेल' विक्रांत मेसी इस बार नहीं हो सके पास
ब्लैकआउट जिओ सिनेमा पर रिलीज हो गई है। इस फिल्म में विक्रांत मेसी मौनी रॉय और सुनील ग्रोवर प्रमुख किरदारों में नजर आ रहे हैं। फिल्म का निर्देशन देवांग भावसार ने किया है। फिल्म की कहानी एक रात की घटनाओं को दिखाती है जिसमें कई किरदार एक-दूसरे से मिलते हैं। विक्रांत क्राइम रिपोर्टर के किरदार में हैं। 12th फेल के बाद विक्रांत की यह कमजोर परफॉर्मेंस है।
स्मिता श्रीवास्तव, मुंबई। कई बार कहानी कागजों पर बेहद रोमांचक लगती है, लेकिन परदे पर समुचित तरीके से आकार नहीं ले पाती और बर्दाश्त के बाहर हो जाती है। जिओ सिनेमा पर रिलीज हुई ब्लैकआउट उसी श्रेणी की फिल्म है।
क्या है फिल्म की कहानी?
फिल्म की कहानी एक रात की है। अचानक से पुणे शहर की बिजली गुल हो जाती है। कुछ हथियारबंद लोग एक आभूषण की दुकान में डकैती करके कार में भागते हैं।
उसी दौरान बारिश के बीच क्राइम रिपोर्टर लेनी डिसूजा (विक्रांत मैस्सी) की गाड़ी से उनकी गाड़ी टकराती है। सामने सोने-हीरे के जेवरात और नकदी देखकर उसकी आंखें चौंधिया जाती हैं। उसे लगता है कि उसका भाग्य बदल गया। वह एक पेटी अपनी गाड़ी में रख लेता है।
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उसके पीछे ब्योमकेश बख्शी की तरह एक जासूस लगा है। रास्ते में एक लाश को ठिकाने लगाना, एक शराबी (सुनील ग्रोवर), इंस्टाग्राम के दो इन्फ्लूएंसर, रात में संकट में फंसी अकेली महिला उसकी कार में आते हैं। फिर पत्नी से धोखा, प्रतिशोध में जल रही पूर्व विधायक, गैंगवार और बहुत सारी उलझनें एक रात की कहानी का हिस्सा बनते हैं।मध्यांतर के बाद किरदारों की परतें खुलना आरंभ होती हैं, लेकिन उसे देखकर कोई अचम्भा नहीं होता। फिल्म बेहद अव्यवस्थित और शोरगुल वाली है।