Move to Jagran APP

CTRL Review: सोशल मीडिया से ऑब्सेस्ड हो चुकी हैं Ananya Panday, फिल्म की कहानी में सबकुछ अनकंट्रोल्ड

बॉलीवुड के साथ-साथ अनन्या पांडे इन दिनों ओटीटी प्लेटफॉर्म पर भी अपनी पकड़ मजबूत बना रही हैं। गहराइयां और कॉल मी बे के बाद उनकी थ्रिलर फिल्म CTRL भी ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स (Netflix) पर रिलीज हो चुकी है। विक्रमादित्य मोटवानी के निर्देशन में बनी ये फिल्म AI और उनके खतरों के बारे में बताती है। अनन्या की फिल्म देखने से पहले यहां पर पढ़ें पूरा रिव्यू-

By Priyanka singh Edited By: Tanya Arora Updated: Fri, 04 Oct 2024 10:10 PM (IST)
Hero Image
कैसी है अनन्या पांडे की फिल्म CTRL/ फोटो- जागरण ग्राफिक्स
एंटरटेनमेंट डेस्क, मुंबई। इंटरनेट मीडिया की दखलअंदाजी या यूं कहें कि आदत लोगों की जिंदगियों में इस कदर है कि उससे खुद को अलग कर पाना संभव नहीं हो पा रहा है। लोग अब इंटरनेट मीडिया डिटॉक्स (कुछ समय के लिए इंटरनेट मीडिया से ब्रेक लेना) जाने लगे हैं।

इंटरनेट मीडिया और तकनीक के इस जाल को अंग्रेजी फिल्मों अनफ्रेंडेड, सर्चिंग में बखूबी दिखाया गया है। विक्रमादित्य मोटवानी की इस फिल्म की कहानी भी उसी दुनिया पर है।

क्या है CTRL की कहानी?

नेला (अनन्या पांडे) और जो (विहान समत) कॉलेज में दोस्त बनते है, प्यार होता है, फिर दोनों इंटरनेट मीडिया इंफ्लुएंसर बनकर इतना पैसा कमाते हैं कि मुंबई में खुद का एक घर खरीद लेते हैं।

यह भी पढ़ें: CTRL में Ananya Panday की परफॉर्मेंस देख शॉक हुए Anurag Kashyap, पोस्ट शेयर कर तारीफों के बांधे पुल

नेला को जब पता चलता है कि जो उसे धोखा दे रहा है, तो वह उसे डिजिटली अपनी जिंदगी से मिटाना चाहती है यानी उसके पास जो से जुड़ी जितनी तस्वीरें या वीडियो है, उसे डिलीट करना चाहती है। इसके लिए वह कंट्रोल नाम का एक ऐप डाउनलोड करती है और बिना नियम और शर्ते पढ़े उसे मानकर, अपने लैपटॉप से जुड़े सारे कंट्रोल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से बने साथी एलेन को दे देती है।

ctrl

इस दौरान नेला को पता चलता है कि जो गायब है। उसे जो से जुड़े कई राज पता चलते हैं, लेकिन तब तक वह खुद फंस चुकी होती है।

AI के खतरों को सही तरह से नहीं बता पाई अनन्या की फिल्म 

फिल्म में विक्रमादित्य ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के खतरे और तकनीक के दुष्परिणामों को दर्शाया है कि कैसे किसी वीडियो या ऑडियो को एआई के जरिए बदल कर किसी की जिंदगी में भूचाल लाया जा सकता है। मुद्दा प्रासंगिक है, लेकिन उसे रोमांचक कहानी के जरिए दिखाने में विक्रमादित्य के साथ उनकी लेखन टीम से अविनाश संपत और सुमुखी सुरेश चूक जाते हैं।

सिनेमा या वेब सीरीज केवल मनोरंजन के साथ मुद्दा उठाने वाला माध्यम नहीं, बल्कि उस मुद्दे को लेकर सवाल खड़े करना और जाते-जाते अहम अहम संदेश दे जाना भी है। एआई के खतरों के साथ उम्मीद की एक किरण भी दिखानी चाहिए थी। विक्रमादित्य अपनी फिल्मों या सीरीज के क्लाइमैक्स के लिए जाने जाते हैं, लेकिन इस बार वह बेहतरीन क्लाइमेक्स नहीं दे पाए हैं।

ctrl review

अनन्या सहित सभी सितारों ने कैसा किया है काम? 

ज्यादातर सीन में अनन्या का पात्र अकेले स्क्रीन पर चीजें टाइप करके ढूंढती या बात करती है, ऐसे में अगर एक घंटा 39 मिनट में अगर आपकी नजर स्क्रीन से हटी, तो कई चीजें मिस कर जाएंगे। जो को खतरे में देखकर नेला साइबर पुलिस में न जाकर खुद खोजबीन करने लग जाती है, इसका कारण समझ नहीं आता है।

खो गए हम कहां, कॉल मी बे और अब कंट्रोल समेत इंटरनेट मीडिया के फायदों और नुकसान को लेकर अनन्या ने काफी बात कर ली। वह कमर्शियल कंटेंट से अलग अभिनय में वैरायटी दिखाने की कोशिशों में लगी हैं, लेकिन कामयाब नहीं हो पा रही हैं। विहान समत अपने आधे-अधूरे से पात्र के साथ अपना बेस्ट देने का प्रयास करते हैं। एलेन की आवाज में अपारशक्ति खुराना प्रभावशाली लगते हैं।

यह भी पढ़ें: CTRL Trailer: AI ने झंड की Ananya Panday की जिंदगी, परेशानी का हल ढूंढने निकली एक्ट्रेस यूं फंसी जाल में