Dange Review: कहानी एक, मुद्दे अनेक... इस दंगे में हैं बहुत पंगे! बिजॉय नांबियार की कमजोर फिल्म
दंगे का निर्देशन बिजॉय नांबियार ने किया है। कहानी गोवा के एक कॉलेज में दिखाई गई है और स्टूडेंट्स के बारे में है। बिजॉय ने इसकी कहानी भी लिखी है। हर्षवर्धन राणे और एहान भट्ट ने फिल्म में मुख्य किरदार निभाये हैं। निकिता दत्ता भी एक अहम रोल में हैं। फिल्म की कहानी स्टूडेंट लाइफ के साथ कई मुद्दे लेकर चलती है।
प्रियंका सिंह, मुंबई। Dange Movie Review: फिल्मकार करण जौहर ने जब कुछ कुछ होता है, स्टूडेंट आफ द ईयर फिल्मों में स्टाइल से भरपूर विद्यार्थियों के साथ आधुनिक दौर के कॉलेज को दिखाया था तो उनसे यही सवाल पूछा जाता था कि ऐसे कॉलेज कहां होते हैं।
करण ने कॉलेज की अपनी एक काल्पनिक दुनिया बनाई थी, जहां पढ़ाई और प्यार साथ-साथ चलते थे। एक कालेज बिजॉय नांबियार (Bijoy Nambiar) लेकर आए हैं, जिसमें पढ़ने का दिल यकीनन किसी का नहीं करेगा, क्योंकि यहां के विद्यार्थियों को भी नहीं पता कि कालेज पढ़ने के लिए होता है।
क्या है दंगे की कहानी?
कहानी गोवा में सेट है, जहां सेंट मार्टिन्स कालेज के विद्यार्थी, अक्सर एप्रन (डॉक्टर का सफेद कोट) पहने नजर आते हैं, अंदाजा लग जाता है कि वह मेडिकल के छात्र हैं। जेवियर (हर्षवर्धन राणे) चार साल से अपनी रिसर्च की थीसिस जमा करना चाह रहा है, लेकिन हर बार चूक जाता है।यह भी पढ़ें: Kaagaz 2 Review- आम आदमी से जुड़ा जरूरी मुद्दा उठाती है सतीश कौशिक और अनुपम खेर की फिल्म, आंखें भी करती है नम
उनकी बेस्ट फ्रेंड रिशिका (निकिता दत्ता) अजीबो-गरीब प्रयोग से ऐसी दवाएं बनाती है, जो किसी नशीले ड्रग्स से कम नहीं। गायत्री (टीजे भानू) किसी समाजसेविका की तरह दलित विद्यार्थियों के लिए लड़ती है। युवा (एहान भट्ट) नया-नया कालेज में आता है। वह जेवियर का जूनियर है, लेकिन उसके साथ बचपन का कनेक्शन रहा है।
जेवियर की वजह से युवा बचपन में रैगिंग का शिकार हुआ होता है। जेवियर, गायत्री को पसंद करता है। वहीं एहान और रिशिका एकदूसरे के करीब आ जाते हैं। अब केंद्र में मौजूद इन चार कलाकारों के साथ ढेर सारी सपोर्टिंग कास्ट भी है, जिसका जिक्र करने का कोई फायदा नहीं, क्योंकि उन्हें भी नहीं पता कि वह फिल्म में क्या कर रहे हैं।