Devara Movie Review: 'बाहुबली' जैसा सस्पेंस, कमजोर कहानी के बीच दमदार एक्शन का रोमांच
Devara Part 1 Review तेलुगु सिनेमा की लेटेस्ट पेशकश फिल्म देवरा पार्ट 1 को सिनेमाघरों में रिलीज कर दिया गया है। 6 साल बाद अभिनेता जूनियर एनटीआर (JR NTR) कोई सोलो मूवी लेकर आए हैं। जबकि सैफ अली खान ने फिल्म में विलेन की भूमिका को निभाया है। आइए इस लेख में देवरा का रिव्यू पढ़ते हैं और जानते हैं कि ये फिल्म कैसी है।
एंटरटेनमेंट डेस्क, मुंबई डेस्क। कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा? इस सवाल के साथ खत्म हुई फिल्म बाहुबली : द बिगनिंग ने अपने अगले भाग को लेकर दर्शकों के बीच कौतुहल कायम रखा था। अब दो पार्ट में बनी देवरा (Devara Part-1) में भी कुछ कुछ वैसा ही क्लाइमेक्स रखने की कोशिश हुई है कि आखिर बेटे ने अपने पिता को क्यों मारा? मगर क्लाइमेक्स तक आते आते देवरा के लेखक और निर्देशक कोरताला शिवा थोड़ा लड़खड़ा गए हैं।
क्या है देवरा की कहानी
कहानी 1996 के दौर में सेट है। आरंभ मुंबई में शीर्ष पुलिसकर्मियों, गृह मंत्री और रॉ मुखिया की बैठक के साथ होता है। देश क्रिकेट वर्ल्ड कप की मेजबानी कर रहा है। खुफिया एजेंसी को आशंका है कि गैंगस्टर भाइयों दया और येती उसमें कुछ बड़ी गड़बड़ी करने की तैयारी में हैं। सूचना के आधार पर पुलिस उनकी खोज में आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु की सीमा पर स्थित गांव रत्नागिरी पहुंचती है।
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वहां पर तस्कर मुर्गन (मुरली शर्मा) अवैध हथियारों की तस्करी समुद्र के जरिए करता है। लाल समुंदर के लोग मोटी रकम के बदले उसके लिए काम करते हैं। समुद्र तट के किनारे बसे चार गांव को लाल समुंदर कहा जाता है। पुलिसकर्मियों की मुलाकात सिंहअप्पा (प्रकाश राज) से होती हैं। वह बताते हैं गांववासियों ने यह काम बंद कर दिया है। उसके पीछे है देवरा (जूनियर एनटीआर)। गांव के एक बच्चे की गोली से हत्या के बाद देवरा को आघात पहुंचता है।
वह मुर्गन के लिए काम करने से इनकार कर देता है, गांव के बाकी लोगों को भी यह काम करने से रोक देता है। यह बात दूसरे गांव के मुखिया भैरा (सैफ अली खान) को रास नहीं आती। तिलमिलाया भैरा देवरा को मारने की साजिश रचता है। हालांकि दांव उल्टा पड़ता है। उसके बाद समुद्र में अपना खौफ बनाए रखने को लेकर देवरा रहस्यमय तरीके से गायब हो जाता है। कहानी 12 साल आगे बढ़ती है। भैरा का मिशन देवरा को मारना है। वहीं देवरा का बेटा वरा (जूनियर एनटीआर) जवान हो चुका है, लेकिन वह पिता जैसा नहीं है। बाद में उसकी सच्चाई सामने आती है।