Dunki Review: बजते-बजते रह गया शाह रुख खान की 'डंकी' का डंका, राजकुमार हिरानी की सबसे कमजोर फिल्म
Dunki Movie Review शाह रुख खान की फिल्म डंकी सिनेमाघरों में रिलीज हो गयी है। राजकुमार हिरानी के निर्देशन में उन्होंने पहली बार काम किया है। हिरानी एक खास तरह का सिनेमा बनाने के लिए जाने जाते हैं जो भावनाओं के उतार-चढ़ाव के साथ सामाजिक संदेश भी देता है। मुन्नाभाई एमबीबीएस पीके और 3 ईडियट्स ऐसी ही फिल्में हैं। अब वो डंकी लेकर आये हैं।
स्मिता श्रीवास्तव, मुंबई। Dunki Movie Review: डॉन्की, जिसे आम बोलचाल में 'डंकी मारना' कहा जाता है, उसका अर्थ है- किसी देश में अवैध तरीके से प्रवेश लेना। अवैध तरीके से देश में प्रवेश पाने के लिए जिस रास्ते का इस्तेमाल किया जाता है, उसे डॉन्की रूट कहा जाता है।
दुनिया में ऐसे कई देश हैं, जहां डंकी रूट मशहूर हैं। डंकी रूट उन लोगों द्वारा अपनाया जाता है, जिन्हें उस देश का वीजा नहीं मिलता है। भारतीय सिनेमा को मुन्ना भाई एमबीबीएस, लगे रहो मुन्ना भाई, थ्री इडियट्स, पीके जैसी मनोरंजक, सार्थक और संदेशपरक फिल्में देने वाले राजकुमार हिरानी ने अब इसी विषय पर अपनी फिल्म डंकी बनाई है।
बेहतर जीवन की तलाश और ज्यादा पैसा कमाने की चाहत की वजह से कई लोग डंकी रूट अपनाते हैं। फिल्म का विषय संवेदनशील और अहम है, लेकिन पटकथा में कसाव ना होने की वजह से लड़खड़ा गई है।
क्या है डंकी की कहानी?
कहानी का आरंभ लंदन में उम्रराज मनु (तापसी पन्नू) के अस्पताल से भागने से होता है। वह वकील पटेल (देवेन भोजानी) से भारत का वीजा ना मिलने की स्थिति में हार्डी (शाह रुख खान) का नंबर निकालने को कहती है। कहानी पंजाब आती है।
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25 साल बाद अपने प्रेमी हार्डी को फोन करके दुबई आने के कहती है। मनु अपने दो दोस्तों बुग्गू लखनपाल (विक्रम कोचर) और बल्ली (अनिल ग्रोवर) से भी लंदन से दुबई साथ चलने को कहती है। वहां से उनके अतीत की परतें खुलनी आरंभ होती हैं। फौज में पदस्थ हार्डी पंजाब के लोल्टू में किसी का सामान लौटाने आया होता है।उसकी मुलाकात मनु से होती है, जो घर की खस्ता आर्थिक हालत की वजह से इंग्लैंड जाना चाहती है। बल्ली और बुग्गू की भी पारिवारिक दिक्कतें हैं। हार्डी उन्हें आइईएलटी (IELT) परीक्षा में शामिल होने को कहता है, ताकि छात्र वीजा पर वे इंग्लैंड जा सकें, पर सबका अंग्रेजी में हाथ तंग होता है।
वे अंग्रेजी की क्लास ज्वाइन करते हैं, जहां पर सुखी (विक्की कौशल) लंदन जाने के लिए बेचैन है। घटनाक्रम मोड़ लेते हैं और सुखी आत्मदाह कर लेता है। उसकी मौत हार्डी को झकझोर देती है। वह मनु और बाकी दोस्तों को डंकी रूट से लंदन ले जाने में जुट जाता है।