Move to Jagran APP

Family Aaj Kal Review: मध्यमवर्गीय परिवार में रिश्तों की बुनावट का खूबसूरत एहसास है फैमिली आज कल

सोनी-लिव पर प्रसारित हुआ शो फैमिली आज कल एक मध्यमवर्गीय परिवार को समर्पित शो है जिसमें नितेश पांडे सोनाली सचदेवा और अपूर्वा अरोड़ा मुख्य भूमिकाओं में हैं। शो का निर्देशन परीक्षित जोशी ने किया है। शो में एक परिवार की उलझन दिखाई गई है जो बेटी के प्रेम को लेकर असमंजस में है। बेटी का प्रेमी कैब ड्राइवर है जो मिडिल क्लास परिवार के लिए स्वीकार्य नहीं है।

By Manoj Vashisth Edited By: Manoj Vashisth Updated: Thu, 04 Apr 2024 06:21 PM (IST)
Hero Image
फैमिली आज कल सोनी-लिव पर आ गई है। फोटो- इंस्टाग्राम
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। देश का मध्यम वर्ग सिर्फ आर्थिक परिभाषा के आधार पर मध्यम नहीं है, बल्कि सोच और परम्पराओं के निर्वहन के मामले में भी मध्यम ही नजर आता है, जैसे समाज संतुलन की अघोषित जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले ली हो।

मध्यम वर्ग को एक तरफ परम्पराओं का पालन करना होता है, वहीं वक्त के साथ कदमताल मिलाने और आधुनिक दिखाने की अघोषित जिम्मेदारी भी अपने ऊपर ओढ़ लेता है। नतीजा दो पीढ़ियों के बीच सोच का अंतर और द्वंद्व मध्यमवर्गीय परिवारों में टकराव की स्थिति ले आता है। 

सोनी लिव पर प्रसारित हुई सीरीज फैमिली आज कल एक मध्यमवर्गीय परिवार के सदस्यों के बीच पीढ़ियों के इसी टकराव को हल्के-फुल्के अंदाज में दिखाती है। परीक्षित जोशी निर्देशित शो में अपूर्वा अरोड़ा, नितेश पांडे और सोनाली सचदेव मुख्य किरदारों में हैं। 

क्या है शो की कहानी?

कथाभूमि दिल्ली है, जहां कश्यप फैमिली में शेखर (दिवंगत नितेश पांडे), उसकी पत्नी फैजा (सोनाली सचदेव) अपने दो बच्चों मेहर (अपूर्वा अरोड़ा) और साहिर (आकर्षण सिंह) के साथ रहते हैं।

मेहर जब बताती है कि उसका एक ब्वॉयफ्रेंड है तो माता-पिता नॉरमल होने की कोशिश करते हुए स्वीकृति दे देते हैं, लेकिन जैसे ही यह खुलासा होता है कि मेहर कैब ड्राइवर से प्यार करती है, सबके पैरों तले जमीन खिसक जाती है। पांच एपिसोड्स की सीरीज की कहानी इसी सिचुएशन से निपटने की है। 

यह भी पढ़ें: OTT Releases: नेटफ्लिक्स पर पहुंची 'द गाजी अटैक'... इस हफ्ते ओटीटी पर आ रही फिल्मों और सीरीज की पूरी लिस्ट

कैसा है स्क्रीनप्ले और अभिनय?

फैमिली आज कल का लेखन मनोज कलवानी ने किया है। लेखक ने शो के जरिए मध्यमवर्गीय परिवार की सोच और मानसिकता को दिलचस्प अंदाज में पेश किया है। तेजी से बदलते दौर में अपनी प्रासंगिकता बनाये रखने की जद्दोजहद के साथ जूझती पुरानी मान्यताएं दृश्यों को ह्यमूर देती हैं। 

मेहर के खुलासा करने पर उसकी मां की प्रतिक्रिया इस परिस्थिति को सटीक तरीके से दिखाती है। शो जैसे-जैसे आगे बढ़ता है, परिवार के सदस्य अपने-अपने ढंग से इस सिचुएशन पर रिएक्ट करते हैं। शो में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं हैं, मगर इसके बावजूद कलाकारों की परफॉर्मेंस प्रभावित करती है और शो में रवानगी बनी रहती है। फिल्म धार्मिक प्राथमिकता के मुद्दे पर भी सार्थक कमेंट करती है।

यह भी पढे़ं: Maamla Legal Hai Season 2: वीडी त्यागी बनकर लौट रहे हैं Ravi Kishan, 'मामला लीगल है' के सीजन 2 का हुआ एलान

शो में कलाकारों के अभिनय का भी पूरा योगदान है। निर्देशक परीक्षित जोशी ने शो में स्क्रिप्ट के दायरे में कलाकारों से अच्छा काम लिया है। नितेश पांडे, अपूर्वा अरोड़ा, प्रखर सिंह, सोनाली सचदेवा ने मध्यमवर्गीय परिवार की भावनाओं और हाव-भाव को कामयाबी के साथ पेश किया है।