Film Review: रोमांच और कौतुहल से दूर दिखी डैनी डेन्जोंगपा के बेटे रिनजिंग की डेब्यू फिल्म 'स्क्वायड'
बीते दिनों जब फिल्म स्क्वायड का ट्रेलर रिलीज हुआ था तो फिल्म को देखने की काफी उत्सुकता जगी थी। इस फिल्म से अभिनेता डैनी डेन्जोंगपा के बेटे रिनजिंग हिंदी सिनेमा में पर्दापण कर रहे हैं। उन्हें एक्शन हीरो के तौर पर स्क्वायड से लांच किया गया है।
By Anand KashyapEdited By: Updated: Mon, 15 Nov 2021 07:29 AM (IST)
स्मिता श्रीवास्तव। बीते दिनों जब फिल्म स्क्वायड का ट्रेलर रिलीज हुआ था तो फिल्म को देखने की काफी उत्सुकता जगी थी। इस फिल्म से अभिनेता डैनी डेन्जोंगपा के बेटे रिनजिंग हिंदी सिनेमा में पर्दापण कर रहे हैं। उन्हें एक्शन हीरो के तौर पर स्क्वायड से लांच किया गया है। इस फिल्म से अनीता राज की भतीजी मालविका राज भी हिंदी सिनेमा में कदम रख रही हैं। मालविका ने फिल्म कभी खुशी कभी गम में पूजा (करीना कपूर) के बचपन का किरदार निभाया था।
यह फिल्म देशभक्ति का जज्बा रखने वाले युवाओं को केंद्र में रखकर लिखी गई है जो देश की खातिर अपना सर्वस्य न्योछावर करने के लिए तैयार रहते हैं। जार्जिया से छह साल की बच्ची मिमी बनर्जी को सुरक्षित देश वापस लाने के लिए युवा जाबांज का स्क्वायड तैयार किया जाता है। दरअसल, इस बच्ची के नाना डॉ बनर्जी प्रख्यात वैज्ञानिक होते हैं। उन्होंने सुपर ह़यूमन बनाया होता है, जो लगातार दुश्मनों से लड़ सकता है। उनके इस आविष्कार को नक्सलियों पर हमले में इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन वह नक्सली के साथ गांव के निर्दोष लोगों को भी मार देता है। उसके बाद से वैज्ञानिक अपने फॉर्मूले के साथ गायब हैं। मिमी के पीछे पूरी दुनिया की खुफिया एजेंसियां लगी हैं ताकि उसके जरिए वैज्ञानिक तक पहुंचा जा सके। नेशनल इमरजेंसी रिस्पांस ऑपरेशंस की मुखिया नंदिनी राजपूत (पूजा बत्रा) 'देश की बेटी' मिमी की सुरक्षित वापसी की कमान भीम (रिनजिंग डेन्जोंगपा) को सौंपती है। भीम की टीम में आरिया (मालविका राज), एडी (तनिषा ढिल्लो) और अमित दीक्षित (अमित गौर) शामिल हैं। यहां पर भी घर का भेदी लंका ढाए वाली स्थिति है। नंदिनी के साथ काम करने वाले नौकरशाह अभय भटनागर (मोहन कपूर) ही गद्दारी करते हैं।
गुजरे जमाने की अभिनेत्री जहीदा के बेटे नीलेश सहाय इस फिल्म के लेखक, निर्माता और निर्देशक हैं। वह फिल्म के एक्शन डायरेक्टर भी हैं। इतनी सारी जिम्मेदारियों को संभालने के फेर में वह कहानी साथ न्याय नहीं कर पाए। देशभक्ति की इस मनगढ़त कहानी में कोई रोमांच और कौतुहल नहीं है। फिल्म में सरकारी तंत्र और उसकी कार्यप्रणाली को बेहद कमजोर दिखाया गया है।
भीम के साथ सहयोगी भूमिका में आए कलाकारों के किरदारों को समुचित तरीके से गढ़ा नहीं गया है। फिल्म को एक्शन मूवी के तौर पर प्रचारित किया गया है, लेकिन एक्शन में कोई दम नहीं है। फिल्म में स्क्वायड पर स्पेशल फोर्स हमला करती हैं लेकिन वह कहीं से स्पेशल नहीं लगती हैं। दुश्मन एके 47 समेत कई अत्याधुनिक हथियारों से लड़ते हैं लेकिन भीम वम मैन आर्मी की तरह है। वह अकेले तमाम दुश्मनों को पटखनी देते हैं और उन्हें बीस फुट दूर फेंक देते हैं। वह हथियारों से ज्यादा हैंड टू हैंड फाइट करते हैं। रिनजिंग को अपने अभिनय और संवाद अदायगी पर अधिक मेहनत करने की जरुरत है। रिनजिंग के साथ मालविका को फिल्म में एक्शन के साथ रोमांस करने का मौका मिला है। हालांकि दोनों की प्रेम कहानी में कोई रस नहीं है। पूजा बत्रा के किरदार में भी कोई नयापन नहीं है। फिल्म का बैकग्राउंड संगीत भी कहानी साथ सुसंगत नहीं लगता है। फिल्म के बाल कलाकार और सिनेमेटोग्राफी जरूर मन मोहते हैं।
फिल्म रिव्यू : स्क्वायड (squad)
प्रमुख कलाकार : रिनजिंग डेन्जोंगपा, मालविका राज, पूजा बत्रा, अमित गौर, तनीषा ढिल्लोनिर्देशक : नीलेश जहीदा सहायअवधि : दो घंटा चार मिनटस्ट्रीमिंग प्लेटफार्म : जी5स्टार : डेढ़