Ganapath Part-1 Review: 'ये कहां आ गये हम...', गणपत पार्ट-1 को देख गुनगुनाने लगेंगे ये गीत, पढ़िए क्यों?
Ganapath Part-1 Review गणपत पार्ट-1 सिनेमाघरों में रिलीज हो गयी है। इसका निर्देशन विकास बहल ने किया है जिनके नाम क्वीन और सुपर 30 जैसी फिल्में हैं। विकास इस बार एक अलग लाइन में चले गये हैं जहां डिस्टोपियन जॉनर को उन्होंने फिल्म का विषय बनाया है। भारतीय परिवेश में रची-बसी हॉलीवुड जैसी दिखने वाली फिल्म है। टाइगर श्रॉफ और कृति सेनन की दूसरी फिल्म है।
By Manoj VashisthEdited By: Manoj VashisthUpdated: Fri, 20 Oct 2023 12:48 PM (IST)
स्मिता श्रीवास्तव, मुंबई। फिल्म बाहुबली की सफलता के बाद कई फिल्ममेकर्स ने अपनी फिल्मों को दो पार्ट में बनाने की घोषणा की। इनमें गणपत पार्ट 1: ए हीरो इज बॉर्न भी शामिल है। सिनेमाघरों में तमिल, तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ में प्रदर्शित यह फिल्म लेखन से लेकर निर्देशन तक सभी पहलुओं पर निराश करती है।
शुरुआत में फिल्म देखते हुए लगता है कि विकास बहल इसे दक्षिण भारतीय फिल्मों की शैली में बनाना चाहते हैं। कहानी थोड़ा सा आगे बढ़ती है तो लगता है कि हालीवुड का प्रभाव आ गया है। फिल्म को लेकर प्रचार किया गया कि कृति सेनन ने टाइगर के बराबर एक्शन किया है।
इसमें कोई दोराय नहीं कि फिल्म में मिक्स्ड मार्शल आर्ट (एमएमए) भरपूर है, लेकिन सिर्फ एक्शन के दम पर फिल्म नहीं चलती। उसके लिए कहानी का दमदार होना बहुत जरूरी है। इसमें विकास पूरी तरह विफल साबित हुए हैं।
क्या है 'गणपत पार्ट-1' की कहानी?
कहानी अमीरी और गरीबी के बीच खाई पर आधारित है। यह अलग बात है कि विकास न तो गरीबी को समुचित तरीके से दिखा पाए न ही अमीरी को। कहानी यूं है कि एक जंग ने पूरी दुनिया में तबाही मचा दी। आबाद शहर बर्बाद हो गए और लोग देश-विदेश भटकने लगे। गिनी चुनी जगहों पर रहना संभव था।अमीरों ने अपने लिए नया शहर सिल्वर सिटी बनाया, जहां सब अमीर और ताकतवर लोग रहते थे, जबकि शहर के दूसरी ओर गरीब। अमीर और गरीब के बीच एक बड़ी दीवार खड़ी कर दी। गरीबों पर जुल्म किया जाता। उनसे काम कराया जाता और खाना कम दिया जाता।यह भी पढ़ें: Friday Releases- दशहरा पर सिनेमाघरों में 'टाइगर्स' की दहाड़,शुक्रवार को Ganapath समेत रिलीज होंगी ये मूवीज
गरीबों के नेता दलपत (अमिताभ बच्चन) ने भविष्यवाणी की होती है कि जब दुख और दर्द की सीमा पार हो जाएगी तो इस दीवार को तोड़ने योद्धा आएगा और लोग बोलेंगे गणपत आला रे। वहां से कहानी गुड्डू (टाइगर श्राफ) की ओर जाती है जो रंगीन मिजाज है।
डांस और पार्टी के शौकीन गुड्डू का काम अपने बॉस जान (जियाद बकरी) के लिए गरीबों की बस्ती से बेहतरीन फाइटर को ढ़ूंढना है। घटनाक्रम मोड़ लेते हैं और गुड्डू को गरीबों की बस्ती में आना पड़ता है। वहां जस्सी (कृति सेनन) को पहली मुलाकात में अपना दिल दे बैठता है। शिवा (रशीन रहमान) उसे कुश्ती की ट्रेनिंग देता है। हिंदी फिल्मों के प्रचलित फार्मूले की तरह यहां भी हीरो बाद में गरीबों के लिए लड़ता है।