Gullak Season 4 Review: 'गुल्लक' में बाकी है किस्सों की चिल्लर, मिश्रा परिवार की दुनिया को अब विस्तार की दरकार
टीवीएफ के पंचायत 3 के बाद गुल्लक का चौथा सीजन सोनी लिव पर स्ट्रीम हो गया है। पंचायत जहां गांव की कहानी है वहीं गुल्लक उत्तर भारत के एक शहर में मिडिल क्लास फैमिली की रोजमर्रा की जिंदगी दिखाती है। घटनाक्रम कुछ ऐसे हैं कि छोटे शहरों से महानगर आने वाले लोग खूब कनेक्ट करते हैं। इसीलिए इस गुल्लक में यादों की खनक कभी कम नहीं होती।
स्मिता श्रीवास्तव, मुंबई। जब डिजिटल प्लेटफॉर्म पर क्राइम, सेक्स, हिंसा से ओतप्रोत शो की भरमार थी, उस समय यानी साल 2019 में आया वेब शो गुल्लक दर्शकों के लिए राहत और चेहेरे पर मुस्कान लेकर आया था। उसने बचपन से जुड़ी कई यादों को ताजा किया था।
गुल्लक की कहानी उत्तर भारत के एक छोटे शहर में मध्यम वर्गीय मिश्रा परिवार के रोजमर्रा के अनुभवों और चुनौतियों के इर्द-गिर्द घूमती है। जब परिवार कई उतार-चढ़ावों का अनुभव करता है, जो उन्हें एक साथ रखता है उनका एक-दूसरे के प्रति अटूट प्यार और समर्थन।
इसकी सफलता में शानदार लेखन के साथ उसे जीवंत करने वाले कलाकारों का अहम योगदान रहा। तीन सीजन की सफलता के बाद अब अब इस शो का चौथा सीजन सोनी लिव पर आ चुका है। गुल्लक का तीसरा सीजन साल 2022 में आया था। चौथे सीजन को सर्दी में दर्शाया गया है। इस बार यह एडल्टरिंग (वयस्कता) और पैरेंटिंग के मुद्दे पर आधारित है। वक्त के साथ किरदार आगे बढ़े हैं।
कहां पहुंची मिश्रा परिवार की कहानी?
कहानी इस बार भी संतोष मिश्रा (जमील खान), उनकी पत्नी (गीतांजलि कुलकर्णी) और उनके दो बेटों आनंद मिश्रा (वैभव राज गुप्ता) और अमन (हर्ष मायर) की मध्यमवर्गीय जिंदगी और उनकी समस्याओं और छोटी-छोटी खुशियों पर आधारित है।
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अन्नू यानी आनंद की नौकरी तो पिछले सीजन में लग ही चुकी थी। एमआर (मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव) के तौर बॉस के साथ नौकरी में तनाव को झेल रहा है। वहीं, अमन किशोरावस्था की वजह से उग्र हो गया है। इस बार कहानी दर्शकों को एक रोमांचक सफर पर ले जाती है, जहां माता-पिता को एहसास है कि बच्चे बड़े हो रहे हैं।
वहीं, बच्चे अपने आस-पास के बदलावों के साथ तालमेल बैठाने की कोशिश करते हैं। यह सीजन संवेदनशीलता के साथ परिपक्व विषयों से हल्के-फुल्के अंदाज में निपटता है। उसे अतिनाटकीय नहीं होने देता।इस बार शो के लेखक विदित त्रिपाठी हैं। वह पुरानी यादों को ताजा करने के साथ उसमें हृयूमर का तड़का अच्छे से लगाते हैं। उन्होंने इस बार भी जीवन से जुड़े प्रसंगों को सरल अंदाज में प्रस्तुत किया है, जो बहुत कुछ कह जाते हैं।
इनमें घर के अवैध निर्माण को लेकर नगर निगम का नोटिस, गले से सोने की चेन छीनने का प्रकरण, फिर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने को लेकर शांति का जाना या माता-पिता से छुपकर अमन का दोस्त के साथ काफी शॉप में जाना जैसे प्रसंग शामिल है।
अभी खाली नहीं हुई गुल्लक, बाकी है किस्सों की चिल्लर
इस सीजन में शो रनर श्रेयांश पांडे ने पांचों एपिसोड्स का निर्देशन भी किया है। उन्होंने रोजमर्रा की घरेलू और पेशेवर जिंदगी की दिक्कतों को जटिल नहीं बनने दिया है। लगभग 30 मिनट तक चलने वाले प्रत्येक एपिसोड के साथ वे पुरानी यादों को फिर से ताजा कर जाते हैं। चाहे वो वर्षों से जमा कबाड़ बेचते समय हर किसी का कुछ चीजों के प्रति जुड़ाव और ना बेचने का फैसला हो या गुस्से में घर को छोड़कर जाने जैसे प्रसंग। इस बार शो से हेली शाह को जोड़ा गया है। वहां से आनंद और उनके पात्र के बीच कुछ तार जुड़ने के कयास लगाए जा सकते हैं। उसके अलावा आनंद के बॉस और अमन के दोस्त सूर्य नारायण के किरदारों को इस बार जोड़ा गया है।सभी पात्रों ने स्क्रीन जीवन को इतने दृढ़ विश्वास के साथ जिया है कि आप उन्हें दोबारा देखते ही उनसे प्यार करने लगेंगे। गीतांजलि कुलकर्णी एक बार फिर गृहिणी शांति के रूप में दिल जीत लेती हैं। जमील खान संतोष मिश्रा के रूप में प्रभावित करते हैं। उन्हें बेहतरीन वन-लाइनर दिए गए हैं, खासकर उनकी पत्नी के साथ मसालेदार बातचीत में, जो व्यंग्यात्मक टिप्पणियों से भरपूर है। वैभव राज गुप्ता ने अन्नू के रूप में बॉस के साथ खटपट और अपने गुस्से को पी जाने के भावों को बेहतर तरीके से जिया है। साथ ही एक कर्तव्यनिष्ठ बेटे और बड़े भाई के रूप में भावनाओं को हमेशा की तरह बेहतर तरीके से पेश किया है। अमन बने हर्ष मायर के लेखक बनने की शुरुआत की झलक लव लेटर से मिली है।यह भी पढ़ें: Gullak Season 4- 'पंचायत' के बाद अब देखने को मिलेगा 'गुल्लक 4' का जलवा, Jameel Khan ने बताया कैसा होगा नया सीजनउस उम्र में अमन का बदलता मिजाज और माता-पिता के साथ बर्ताव दिल को छू जाता है। बिट्टू की मम्मी के रूप में सुनीता राजवर अपनी हरकतों से मिश्रा परिवार और दर्शकों का मनोरंजन करती रहती हैं। उनका स्क्रीन टाइम थोड़ा बढ़ाने की जरूरत है। मिट्टी के पैसे का बैंक उर्फ गुल्लक (शिवांकित सिंह परिहार द्वारा दी गई आवाज) इन कहानियों के कथाकार के रूप में लौटता है, जो सीरीज की वास्तविकता को बनाए रखता है। कुल मिलाकर गुल्लक इस बार भी अपने पिछले तीन सीजन की तरह रियलिस्टिक रहने का यथासंभव प्रयास करता है। यह दुनिया मुख्य रूप से संतोष मिश्रा के परिवार पर सिमटी है। अब इसे और विस्तार देने की जरूरत है।
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