Move to Jagran APP

Haddi Review: कमजोर कहानी में 'रीढ़ की हड्डी' है कलाकारों का अभिनय, नवाजुद्दीन सिद्दीकी हैं फिल्म की जान

Haddi Movie Review हड्डी जी 5 पर रिलीज हुई है। फिल्म में नवाजुद्दीन एक किन्नर के रोल में हैं जो अपने परिवार की हत्या का बदला लेता है। अनुराग कश्यप विलेन के किरदार में हैं। जियो सिनेमा पर पिछले दिनों रिलीज हुई ताली वेब सीरीज में सुष्मिता सेन ने भी किन्नर का किरदार निभाया था जिसे काफी पसंद किया गया था।

By Manoj VashisthEdited By: Manoj VashisthUpdated: Thu, 07 Sep 2023 06:09 PM (IST)
Hero Image
हड्डी जी5 पर आ गयी है। फोटो- इंस्टाग्राम
प्रियंका सिंह, मुंबई। कुछ समय पहले अभिनेत्री सुष्मिता सेन ने वेब सीरीज ताली में किन्नर श्रीगौरी सांवत की भूमिका निभाकर सराहना बटोरी थी। अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी की फिल्म हड्डी भी किन्नरों के आसपास रची गई है।

फिल्म के शुरुआती संवाद में बता दिया गया है कि किन्नरों का आशीर्वाद बहुत शक्तिशाली होता है और श्राप बहुत भयावह और उससे भी भयावह होता है उनका बदला। इसी बदले की कहानी है हड्डी।

क्या है हड्डी की कहानी?

हरिका उर्फ हड्डी (नवाजुद्दीन सिद्दीकी) ट्रांसजेंडर महिला है। प्रयागराज में वह शवों को चुराकर उनकी हड्डियां निकालने का काम करती है। एक दिन पुलिस का छापा पड़ता है, हड्डी वहां से निकलकर इंदर (सौरभ सचदेवा) के पास नोएडा पहुंचती है।

यह भी पढ़ें: OTT Web Series And Movies: 'हड्डी' से 'जेलर' तक, इस हफ्ते ओटीटी पर इन फिल्मों और सीरीज की रहेगी धूम

इंदर भी इंसानी हड्डियों को बेचने का गैरकानूनी धंधा करता है। उसे चुनाव लड़ने के लिए टिकट चाहिए, इसलिए वह नेता प्रमोद अहलावत (अनुराग कश्यप) के लिए काम करता है। हड्डी का नोएडा आने का मकसद है। वह प्रमोद से बदला लेना चाहता। सही कागज न होने की वजह से प्रमोद किन्नरों की जमीन को हड़प लेता है।

हड्डी जिस किन्नर घराने से होता है, उनकी जमीन हड़पने के लिए प्रमोद रेवती अम्मा (इला अरुण) और उस घराने में रहने वाले सभी किन्नरों को मार देता है। हड्डी के पति इरफान रिजवी (मोहम्मद जीशान अयूब) को भी गोली लग जाती है। क्या हड्डी, पावरफुल राजनेता प्रमोद से बदला ले पाएगा। वह क्या तरीके अपनाएगा, इस पर कहानी आगे बढ़ती है।

कैसे हैं हड्डी का स्क्रीनप्ले, एक्टिंग और डायलॉग?

फिल्म का लेखन निर्देशक अक्षत अजय शर्मा के साथ अदम्य भल्ला ने किया है। अच्छी बात यह है कि यह उस जोन में नहीं जाती है, जहां किन्नरों की हक की बात की जा रही हो या फिर उन्हें लाचार दिखाया गया हो। हड्डी अपनों के लिए बहुत सौम्य है, लेकिन जिसने उसे नुकसान पहुंचाया है, उनके लिए बेहद खतरनाक है।

कहानी का बार-बार अतीत और वर्तमान में आते-जाते रहना इसकी कमजोर कड़ी है। फिल्म की शुरुआत में एक के बाद एक कई घटनाएं होती चली जाती हैं, कई लोगों के नाम लिए जाते हैं, वह समझने में दिक्कत होती है। सारी जानकारियों का याद रखना पड़ता है, जैसे-जैसे फिल्म आगे बढ़ती है फिर वह किरदार पहचान में आते हैं।

हालांकि, कहानी में जैसे ही दिलचस्पी बढ़ने लगती है, वह फिर ऐसे किरदारों के बीच भटकती है, जिनका होना न होना मायने नहीं रखता है। क्लाइमेक्स से पहले कहानी कुछ महीने के लिए आगे बढ़ती है, लेकिन उन कुछ महीनों में क्या होता है कि हड्डी अचानक से अपनी पार्टी बनाकर प्रभावशाली हो जाती है, उसका कोई जिक्र नहीं है।

ऐसे में फिल्म का अंत कई प्रश्न छोड़ जाता है, जिसका कोई उत्तर नहीं मिलता। फिल्म की एडिटिंग कसी हुई नहीं है। हालांकि, इरफान और हड्डी के बीच प्रेम कहानी को बेहद खूबसूरती से दिखाया गया है।

नवाजुद्दीन सिद्दीकी अपनी हर फिल्म के साथ प्रयोगात्मक होते हैं। इसमें भी वह अपने अभिनय से हैरान करते हैं। ट्रांसजेंडर महिला की चाल-ढाल, हाव-भाव, बात करने के तरीके को उन्होंने बारीकी से समझकर निभाया है।

जब हड्डी का पूरा परिवार प्रमोद खत्म कर देता है, उस वक्त वह जिस तरह से ताली बजाकर भावुक होते हैं, वह दृश्य मार्मिक है, दिल दहला देता है। सौरभ सचदेवा, इंदर की भूमिका में शुरुआती फ्रेम से ही यह महसूस नहीं होने देते हैं कि वह अभिनय कर रहे हैं।

नेगेटिव रोल में अनुराग कश्यप प्रभावित करने में कामयाब नहीं होते हैं। उनके चेहरे के भाव हर सीन में एक जैसे ही लगते हैं। रेवती अम्मा की भूमिका में इला अरुण और इरफान की भूमिका में मोहम्मद जीशान अयूब को कम स्क्रीन स्पेस मिला है। उनकी भूमिका भी अधूरी सी लिखी गई है। फिल्म का गाना बेपर्दा परिस्थिति के अनुसार सटीक लगता है।

यह भी पढ़ें: Charlie Chopra Trailer: सोनी लिव की सीरीज 'चार्ली चोपड़ा' का ट्रेलर जारी, फैंस बोले- 'अब इंतजार नहीं हो रहा'