Hanu Man Review: भारतीय सिनेमा में नये सुपर हीरो की जोरदार दस्तक, भगवान हनुमान की शक्तियां लेकर आया 'हनु मैन'
Hanu Man Review साउथ में सुपर हीरो कॉन्सेप्ट पर कई फिल्में आ चुकी हैं जिनमें अब हनु मैन भी शामिल हो गई है। यह फिल्म भारतीय माइथोलॉजी और तकनीक का बेहतरीन मेल है। फिल्म का कमजोर नायक भगवान हनुमान की शक्तियों के साथ बुराई से लड़ता है। तेज सज्जा ने फिल्म में लीड रोल निभाया है जबकि निर्देशन प्रशांत वर्मा का है।
प्रियंका सिंह, मुंबई। हॉलीवुड से इतर भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में सुपरहीरो वाली फिल्में गिनती की ही बनी हैं। 11 क्षेत्रीय और विदेशी भाषाओं में रिलीज हुई फिल्म हनु मैन के निर्देशक प्रशांत वर्मा के लिए इस फिल्म को बनाने का सबसे बड़ा कारण यही रहा कि वह सुपरहीरो फिल्मों की संख्या बढ़ाना चाहते हैं। इस फिल्म के साथ उन्होंने अपने सिनेमैटिक यूनिवर्स का आगाज भी किया है।
क्या है हनु मैन की कहानी?
फिल्म की कहानी शुरू होती है साल 1998 में, जहां एक बच्चा माइकल सुपरहीरो बनना चाहता है। जब माइकल (विनय राय) बड़ा होता है, तो उसे एहसास तक नहीं होता है कि वह सुपरहीरो से कब सुपरविलेन बन चुका है। उसे वह शक्तियां चाहिए, जो सुपरहीरो में होती हैं। वहां से कहानी अंजनाद्रि पहुंचती है, जहां हनुमंत (तेजा सज्जा) अपनी बड़ी बहन (वरलक्ष्मी सरथकुमार) के साथ रहता है।
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हनुमंत कमजोर है, अक्सर उसकी पिटाई हो जाती है। हनुमंत के बचपन के प्यार मीनाक्षी (अमृता अय्यर) पर एक दिन हमला होता है। उसे बचाने में हनुमंत समंदर में जा गिरता है। वहां उसे रुद्रमणि मिलती है।
इसे पाने के बाद उसमें भगवान श्रीराम भक्त हनुमान की शक्तियां आ जाती हैं। माइकल को उसकी शक्तियों की भनक लगती है। क्या माइकल रुद्रमणि के बारे में जान पाएगा? हनुमंत अपने शहर अंजनाद्रि को कैसे बचाएगा? इस पर कहानी आगे बढ़ती है।