IB 71 Review: गुमनाम नायकों की कहानी है विद्युत जामवाल की यह फिल्म, रोमांच के साथ होगा गर्व
IB 71 Movie Review विद्युत जामवाल ने इस फिल्म के साथ बतौर निर्माता भी डेब्यू किया है। वो फिल्म में एक भारतीय एजेंट के किरदार में नजर आये हैं जो भारत-पाक युद्ध के दौरान दुश्मनों की एक बड़ी साजिश को नाकाम करता है।
By Manoj VashisthEdited By: Manoj VashisthUpdated: Fri, 12 May 2023 01:25 PM (IST)
स्मिता श्रीवास्तव, मुंबई। अपनी एक्शन फिल्मों के लिए पहचान रखने वाले विद्युत जामवाल ने फिल्म आईबी 71 से फिल्म निर्माण में भी कदम रख दिया है। फिल्म में अभिनय करने के साथ वह इसके निर्माता भी हैं। यह सीक्रेट मिशन की कहानी है, जिसे खुफिया एजेंसी के गुप्तचरों ने अंजाम दिया।
भारत-पाक युद्ध की बैकग्राउंड पर है कहानी
शुक्रवार को सिनेमाघरों में पहुंची फिल्म की कहानी सच्ची घटना पर आधारित है और भारत-पाकिस्तान युद्ध की पृष्ठभूमि में दिखायी गयी है। भारतीय खुफिया एजेंटों को जानकारी मिलती है कि पाकिस्तान और चीन दस दिन बाद भारत पर दोतरफा हवाई हमला करने की तैयारी में हैं। ऐसे में एयरस्पेस को बंद करने का ही विकल्प था।
उधर, कश्मीर की आजादी की मांग को लेकर जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के सरगना मकबूल भट्ट ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर कश्मीर की समस्या को उठाने के लिए भारतीय विमान के अपहरण की योजना बनाई। इसके लिए 17 साल और 19 साल के दो कश्मीरी युवाओं को चुना था। दोनों कश्मीर से पाकिस्तान पहुंचे थे।
उन्हें मकबूल के खिलाफ सूचना एकत्र करने लिए भेजा गया था, पर मकबूल से मुलाकात के बाद वे उसके ही संगठन में शामिल हो गए। उन्हें पाकिस्तान में हाइजैकिंग का प्रशिक्षण दिया गया। श्रीनगर वापस लौटते समय इनमें एक युवक पकड़ा गया। वह सच कुबूल कर देता है कि कैसे मकबूल हाइजैकिंग की योजना बना रहा है।
उसने बताया था कि दो और लोग उस काम को अंजाम देने वाले हैं। वह पुलिस का इनफॉर्मर बन जाता है। उसे एयरपोर्ट पर तैनात किया गया, ताकि संगठन के लोगों की पहचान कर सकें। हालांकि, वह अपने मकसद की तैयारी में जुटा होता है। खुफिया एजेंट उसकी हाइजैकिंग की योजना को देशहित में इस्तेमाल करते हैं।वे गंगा विमान को अपहृत कराने की योजना बनाते हैं, जिसे सेवा से हटाया जा चुका है। अपहरणकर्ता विमान को रावलपिंडी की जगह लाहौर ले जाते हैं। पाकिस्तान से एक दिन बाद सभी यात्रियों को सुरक्षित भारत वापस भेज दिया गया, लेकिन मामला यहीं ठंडा नहीं हुआ।
हाइजैकिंग की खबर अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनी। भारत ने पाकिस्तान का एयर स्पेस बंद कर दिया। दरअसल, 1947 में पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान के बीच भारत की एयरस्पेस से ट्रेवल कर सकते थे। एयरस्पेस को बंद करने का मतलब था कि पाकिस्तानी जहाजों को अब श्रीलंका से घूमकर पूर्वी पाकिस्तान जाना पड़ता।यह पैसे और समय की बड़ी बर्बादी होती। इसने पाकिस्तानी योजनाओं पर भी पानी फेर दिया। आईबी 71 इसी घटनाक्रम पर है।