Indiana Jones 5 Review: 'इंडी' को मिली शानदार विदाई, 'इंडियाना जोन्स' फ्रेंचाइजी में खत्म हुई फोर्ड की पारी
Indiana Jones 5 Review इंडियाना जोन्स हॉलीवुड की एक बेहद चर्चित फ्रेंचाइजी है। इसे जॉर्ज लूकस और स्टीवन स्पीलबर्ग ने शुरू किया था। पहली फिल्म 1981 में आयी थी। उस वक्त हैरीसन फोर्ड की उम्र 39 साल थी और अब आखिरी फिल्म करते समय फोर्ड 80 के हो चुके हैं। यह हॉलीवुड की सबसे लम्बी चलने वाली फेंचाइजी फिल्मों में भी शामिल है।
By Manoj VashisthEdited By: Manoj VashisthUpdated: Thu, 29 Jun 2023 06:37 PM (IST)
स्मिता श्रीवास्तव, मुंबई। एक्शन एडवेंचर फिल्म इंडियाना जोन्स एंड द डायल ऑफ डेस्टिनी के साथ ही इस फ्रेंचाइजी के लोकप्रिय किरदार इंडी को सुखद अंत के साथ विदा किया जा रहा है। इसकी कहानी पुरातत्व विभाग के प्रोफेसर डा. हेनरी वाल्टन ‘इंडियाना’ ऊर्फ इंडी (हैरीसन फोर्ड) को केंद्र में रखकर गढ़ी गई है।
फ्रेंचाइजी की शुरुआत साल 1981 में फिल्म रेडर्स ऑफ द लॉस्ट आर्क से हुई थी। साल 1984 में इसकी प्रीक्वल इंडियाना जोंस एंड द टेंपल ऑफ डूम रिलीज हुई। साल 1989 में इसका सीक्वल, इंडियाना जोंस एंड द लास्ट क्रूसेड और 2008 में चौथी फिल्म आई, जिसका शीर्षक था इंडियाना जोंस एंड द किंगडम ऑफ द क्रिस्टल स्कल।
इस सीरीज की पिछली चार फिल्मों का निर्देशन प्रख्यात हालीवुड निर्देशक स्टीवन स्पीलबर्ग ने किया था। अंतिम किस्त का निर्देशन जेम्स मैनगोल्ड ने किया है। 42 साल पुरानी इस फ्रेंचाइजी की अंतिम फिल्म के समय हैरीसन फोर्ड की उम्र 80 साल है।
उन्होंने कहा था कि वो भी इस किरदार का अंत देखना चाहते हैं। उनकी चाहत इस फिल्म के साथ पूरी हो गई है। हालांकि, इंडी का स्वरूप बदला है। वह इस बार झुर्रियों और भूरे बालों के साथ प्रकट होता है, लेकिन चपलता और स्फूर्ति के मामले में उसका कोई सानी नहीं है।
क्या है 'इंडियाना जोन्स 5' की कहानी?
फिल्म की शुरुआत द्वितीय विश्व युद्ध के आखिरी दिनों में जर्मनी (1944) में दुश्मन की वर्दी पहने इंडी से होती है, जैसा कि उसने "रेडर्स" में किया था। बेसिल शॉ (टोबी जोन्स) के साथ, वह लांस ऑफ लॉन्गिनस की खोज कर रहा है, जो वर्तमान में नाजियों के कब्जे में है। इसमें वैज्ञानिक जुर्गन वोलर (मैड्स मिकेलसेन) भी शामिल हैं।जैसे ही टीम को एहसास हुआ कि लांस नकली है, वे किसी और चीज की चाह में एक तेज रफ्तार ट्रेन में सवार हो गए। वह चीज है एंटीकिथेरा, ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी में ग्रीक गणितज्ञ आर्किमिडीज द्वारा आविष्कार किया गया टाइटैनिक डायल, जो फिल्म का फोकस है। इसका आधा हिस्सा यही है, बाकी आधा रहस्य है। बेसिल और इंडी इसे लेकर भागने में कामयाब हो जाते हैं। वोलर को इसकी जानकारी है।कहानी साल 1969 में तेजी से आगे बढ़ती है। इंडी मैनहट्टन के कॉलेज में पढ़ाता है। वह एक छोटे से अपार्टमेंट में रहता है, शराब पीता है और किसी भी चीज में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाता है। अचानक उसकी मुलाकात बेसिल शॉ की बेटी हेलेना शॉ (फोबे वालर-ब्रिज) से होती है, जिसे वह अपनी बेटी समान मानता है। हेलेना भी पुरातत्वविद है और डायल के दूसरे आधे हिस्से को खोजने में इंडी की मदद चाहती है।
उससे पहले वह उसे नीलामी में महंगे दामों पर बेचना चाहती है। वोलर भी शहर में है और नासा का एक अभिन्न अंग बन गया है। उससे भागते हुए इंडी और हेलेना ग्राफिकोस की खोज में लगते हैं, जोकि डायल का आधा भाग है। हेलेना के साथ उसका साथी टेडी (सिएथन इडोर) भी होता है। वे साहसिक यात्रा पर निकल पड़ते हैं। उनके पीछे वोलर और उसके गुंडे भी पड़े होते हैं। क्या वो डायल को हासिल कर पाएंगे? यह डायल क्या कमाल करेगा? यही कहानी का रोचक हिस्सा है।