Jaanbaaz Hindustan Ke Review: जवानों के जज्बे और समर्पण को सलाम करती सीरीज, रेजिना कैसेंड्रा की दमदारी अदाकारी
Jaanbaaz Hindustan Ke Review गणतंत्र दिवस के लॉन्ग वीकेंड के लिए अगर ऐसी सीरीज की तलाश है जो देशभक्ति एक्शन और जज्बात से भरपूर हो तो जी5 पर जांबाज हिंदुस्तान के सीरीज आयी है। रीड रोल में रेजिना कैसेंड्राहैं। फोटो- इंस्टाग्राम
By Manoj VashisthEdited By: Manoj VashisthUpdated: Thu, 26 Jan 2023 01:58 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। 26 जनवरी को देश 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। यह मौका उन हीरोज को सलाम करने का होता है, जिन्होंने देश को यहां तक पहुंचाने में अपना बहुमूल्य योगदान दिया या निरंतर दे रहे हैं। देश के लिए समर्पण की जब बात चलती है तो सैन्य सुरक्षा बलों के जवानों का कोई सानी नहीं है।
ऐसे ही जांबाजों को सलाम करने के लिए जी5 ने गणतंत्र दिवस के मौके पर वेब सीरीज जांबाज हिंदुस्तान के रिलीज की है। भारत समेत दुनिया के कई मुल्क आतंकवाद के खतरे से जूझ रहे हैं। दहशत फैलाने वालों का पुलिस और सेना के जवान माकूल जवाब भी देते हैं और कई बार उनके नापाक इरादों को नेस्तनाबूद भी करते हैं।
मगर, इनका एक दूसरा पक्ष भी होता है। आम नागरिक की तरह इनका भी परिवार होता है, सपने होते हैं और निजी जिम्मेदारियां होती हैं। जांबाज हिंदुस्तान के सीरीज जहां सुरक्षा बलों के समर्पण और जज्बे को दिखाती है, वहीं आइपीएस अफसर काव्या अय्यर के जरिए जिम्मेदारियों और फर्ज का चित्रण भी करती है। जांबाज हिंदुस्तान के सीरीज के दोनों मुख्य किरदार महिलाएं हैं, जो इस शीर्षक को एक अलग मायने देता है।
आतंकियों के साथ चूहे-बिल्ली का खेल
जांबाज हिंदुस्तान के सीरीज की कहानी एक मिशन की है, जिसे लीड करती है काव्या अय्यर। शुरुआत मेघालय के घने जंगलों से होती है, जहां आतंकी छिपे हुए हैं। काव्या इन आतंकियों पर हमला करती है और पकड़ती है, मगर बात यहीं खत्म नहीं होती, क्योंकि यह एक बड़ी साजिश की तैयारी का हिस्सा है। काव्या को इस साजिश की परते उघाड़नी हैं और इसके पीछे छिपे मास्टरमाइंड को दबोचना है। आठ एपिसोड्स की सीरीज इसी प्लॉट के साथ आगे बढ़ती है। इस क्रम में कहानी में कहानी कई शहरों का सफर करती है।जांबाज हिंदुस्तान के एक तेज रफ्तार थ्रिलर सीरीज है, जो सुरक्षा एजेंसियों और आतंकियों के बीच सांप सीढ़ी के खेल जैसी है। दृश्यों के थ्रिल को पार्श्व में चलता गीत फतेह बढ़ाता है। नीरज उधवानी और आशीष पी वर्मा ने स्क्रीनप्ले को चुस्त और वास्तविकता के करीब रखा है।
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रेजिना का भावप्रद अभिनय
काव्या सिंगल पैरेंट है और उसका आठ साल बच्चा है। काव्या का किरदार सीरीज में काफी सख्त और कड़े फैसले लेने वाला दिखाया गया है, जिसकी वजह से वो निलम्बित भी होती है, मगर देश और अपने काम के लिए उसका समर्पण जज्बाती कमियों पर भारी पड़ता है। रेजिना कैसेंड्रा काव्या अय्यर के किरदार में खूब जमी हैं। उन्होंने चारित्रिक खूबियों और खामियों को बारीकी के साथ पकड़ा है। खासकर, एक आइपीएस अफसर को जिस तरह से पेश आना चाहिए, उन दृश्यों में रेजिना जमी हैं। निजी जीवन के द्वंद्वों को भी रेजिना ने भावनात्मक रूप से सफलता के साथ पेश किया है। रॉकेट ब्वॉयज और शूरवीर के बाद उनकी यह तीसरी हिंदी सीरीज है।काव्या के पति के किरदार में बरुण सोब्ती ने अपने अभिनय से प्रभावित किया है। ये किरदार एक आइएस अफसर है। तलाक के बावजूद पत्नी की उपलब्धियों को स्वीकार करना और फैसलों को सपोर्ट करना टूटे संबंधों के उजले पक्ष को दिखाता है।
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