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Kalki 2898 AD Review: 6000 साल बाद 'भूल सुधार' के लिए लौटा 'अश्वत्थामा', कल्कि की दुनिया में छाये अमिताभ बच्चन

कल्कि 2898 एडी फ्यूचरिस्टिक साइ फाइ फिल्म है जिसकी कल्पना आज से सैकड़ों साल बाद के भारत में की गई है। फिल्म का निर्देशन नाग अश्विन ने किया है जबकि प्रभास और दीपिका पादुकोण मुख्य भूमिकाओं में हैं। अमिताभ बच्चन ने फिल्म में महाभारत के अश्वत्थामा का रोल निभाया है वहीं कमल हासन खलनायक की भूमिका में हैं। दिशा पाटनी भी एक अहम रोल में नजर आ रही हैं।

By Jagran News Edited By: Manoj Vashisth Published: Thu, 27 Jun 2024 04:08 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jun 2024 04:08 PM (IST)
कल्कि 2898 एडी सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। फोटो- इंस्टाग्राम

स्मिता श्रीवास्तव, मुंबई। महाभारत के अंत में पांडवों और कौरवों के गुरु द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा ने द्रौपदी के पुत्रों को पांडव समझकर मार डाला था। उसने अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा को भी मारने का प्रयास किया, ताकि अर्जुन का वंश समाप्त हो जाए। तब श्रीकृष्ण ने गुस्से में आकर अश्वत्थामा को चिरकाल तक धरती पर भटकने का श्राप दिया था।

कृष्ण के इसी श्राप की वजह से अश्वत्थामा अमर हो गया था। नाग अश्विन की कल्कि 2898 एडी की शुरुआत श्रीकृष्‍ण भगवान कृष्‍ण और अश्वत्थामा के बीच संवाद से होती है। श्रीकृष्‍ण अश्वत्थामा को अमर रहने का श्राप देते हैं। अश्वत्थामा पूछते हैं कि क्‍या कभी प्रायश्विचत होगा मेरा?

तक कृष्‍ण कहते हैं कि कभी तुम मुझे मारना चाहते थे। एक दिन तुम ही मुझे बचाने आओगे। कलयुग आ रहा है और कल्कि (भगवान विष्णु के दसवें और अंतिम अवतार) भी आएगा। जब अधर्म चरम सीमा पर होगा, तब धरती पर वह फिर अवतार लेंगे। उस युग में तुम्‍हें उस गर्भ की रक्षा करनी होगी। वहां से कहानी छह हजार साल आगे जाती है। यह दुनिया आधुनिक होने के साथ बहुत विचित्र नजर आती है।

सुप्रीम की दुनिया में स्वागत है आपका!

शंभाला की मरियम (शोभना) के सैनिक उस गर्भवती की तलाश में हैं जिसके गर्भ में कल्कि पल रहा है, जो दुष्ट शक्तियों से भरी इस अंधकारमय दुनिया के बीच एक नए युग की शुरुआत करेगा। विद्रोहियों के गढ़ शंभाला के मुठ्ठीभर लोग काशी पहुंचते हैं। 

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यहां का मुखिया दो सौ साल का राक्षस सुप्रीम (कमल हासन) है जो रहस्‍यमयी दुनिया में रहता हैं जिसे कांप्लेक्स कहते हैं। वह कल्कि के आने से वाकिफ है।

इस अंधेर नगरी में मां बनने की क्षमता रखने वाली लड़कियों को कैद कर लिया जाता है। उन्‍हें प्रयोग के तहत गर्भवती करते हैं। वे 150 दिनों तक गर्भावस्‍था टिकने वाली लड़की की खोज में हैं। यह गर्भ छुपा होता है सुमति (दीपिका पादुकोण) में।

यहां पर भैरव (प्रभास) भी है, जो बाउंटी हंटर है, यानी किसी विद्रोही पर इनाम घोषित होने के बाद उसे पकड़ने में जुट जाता है। इसमें उसका साथ देती है एक खास प्रकार की गाड़ी, जिसे वह बुज्‍जी (कीर्ति सुरेश की आवाज) बुलाता है।

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भैरव के पास कई ताकतें हैं। हालांकि, यह कहां से है उसके पीछे की वजह खोजने की कोशिश ना करें। उसकी तमन्‍ना सुप्रीम के खुशहाल साम्राज्‍य कॉम्प्‍लेक्‍स में बसने की है। किसी तरह सुमति भागने में कामयाब होती है। उसकी खोज में सुप्रीम का सैन्‍य कमांडर मानस (शाश्‍वत चटर्जी) लग जाता है।

उधर, अश्वत्थामा को एहसास हो जाता है कि भगवान अवतार लेने वाले हैं। वह सुमति से टकराते हैं और उसकी रक्षा करते हैं। सुमति को पकड़ने के लिए भैरव भी किसी तरह शंभाला में घुसने में कामयाब हो जाता है। फिर शुरू होती है सुमति को पकड़ने और बचाने को लेकर खींचतान।

पात्रों की भीड़ ने धीमी की फर्स्ट हाफ की रफ्तार

पौराणिकता के साथ आधुनिकता को जोड़कर साइंस फिक्‍शन फिल्‍म बनाने का नाग अश्विन का प्रयास अच्‍छी पहल है। फिल्‍म का अधिकतम हिस्‍सा विजुअल इफेक्‍ट्स पर आधारित है। उस पर काफी मेहनत की गई है, लेकिन भविष्य पर आधारित दुनिया में ढेर सारे पात्रों को शामिल करने से बहुत जटिल हो गई है और कहानी में भटकाव आता है।

कई किरदारों का कहानी से कोई जुड़ाव नजर नहीं आता। जैसे भैरव के मकान मालिक राजन (ब्रह्मनंदम)। उनके द्वारा कॉमेडी कराने की कोशिश ठूसी लगती है। भैरव और रॉक्‍सी (दिशा पाटनी) की प्रेम कहानी भी अधपकी और निरर्थक लगती है।

मध्‍यातंर के बाद कहानी थोड़ा रोमांचक होती है, जब अश्वत्थामा यानी अमिताभ बच्‍चन की एंट्री होती है। फिल्‍म पर हॉलीवुड का प्रभाव भी स्‍पष्‍ट नजर आता है। उसमें प्रयुक्‍त तकनीक मैट्रिक्स जैसी हॉलीवुड फिल्‍मों की यादों को ताजा करते हैं।

बाकी हैं कई सवालों के जवाब

क्‍लाइमेक्‍स में पात्रों को कर्ण, अर्जुन से जोड़ने का प्रयास अच्‍छा है। हालांकि, कई सवाल अनुत्‍तरित हैं। संभवत: दूसरे पार्ट में उसके जवाब मिलें, जिसके कुछ हिस्‍से की शूट करने की बात नाग अश्विन स्‍वीकार चुके हैं।

कहानी के बीच-बीच में अभिनेत्री मृणाल ठाकुर, दुलकर सलमान, फिल्‍ममेकर एसएस राजामौली और राम गोपाल वर्मा संक्षिप्‍त भूमिका में आकर चौंकाते हैं, लेकिन खास प्रभाव नहीं छोड़ पाते। एक गाने और दो-तीन दृश्‍यों के लिए दिशा पाटनी भी आती हैं।

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शुरुआत में लगता है कि कॉम्प्‍लेक्‍स की दुनिया में प्रवेश बहुत कठिन है, लेकिन जिस तरह से भैरव और रॉक्‍सी वहां पर घूमकर वापस अपनी दुनिया में आसानी से लौटते हैं, उससे उस दुनिया का चार्म खत्‍म हो जाता है।

सब पर भारी अमिताभ बच्चन 

रामायण पर आधारित फिल्‍म आदिपुरुष में भगवान राम की भूमिका निभाने के बाद अब प्रभास को महाभारत का पात्र बनने का मौका मिला है। यहां पर फिर एक्‍शन अवतार में जंचते हैं। उनके कुछ दृश्‍यों में दोहराव है। कमल हासन का लुक चौंकाता है।

दीपिका पादुकोण किरदार के अनुरुप डरी सहमी और शांत नजर आती हैं। फिल्‍म का सबसे बड़ा आकर्षण अश्वत्थामा बनें अमिताभ बच्‍चन हैं। उम्र के इस पड़ाव पर भी वह दमदार भूमिकाएं कर रहे हैं। उनके हिस्‍से में कई दमदार संवाद और एक्‍शन सीन आए हैं।

शाश्‍वत चटर्जी कमांडर की भूमिका में क्रूर कम कॉमिक ज्‍यादा लगे हैं। फिल्‍म का बैकग्राउंड संगीत कहानी के साथ सुसंगत है। फिल्‍म की प्रोडक्‍शन टीम बधाई की पात्र है। उन्‍होंने परिवेश को निर्देशक की मांग के अनुरुप विश्‍वसनीय बनाया है। पौराणिक कथाओं को तकनीक में गूंथकर नाग अश्विन ने जो काल्पनिक दुनिया गढ़ी है, उसका असर आने वाले समय में भी सिनेमा पर नजर आएगा।


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