Kathal Movie Review: ठीक से पक नहीं पाया 'कटहल', बेस्वाद रहा व्यंग्य के साथ संदेश का तड़का
Kathal Movie Review कटहल में सान्या मल्होत्रा एक ऐसी पुलिस अफसर के रोल में हैं जो विधायक का खोया हुआ कटहल ढूंढ रही है। फिल्म की कहानी व्यवस्था और सामाजिक ताने-बाने पर व्यंग्य कसती है। नेटफ्लिक्स पर फिल्म रिलीज हो गयी है।
By Manoj VashisthEdited By: Manoj VashisthUpdated: Fri, 19 May 2023 05:27 PM (IST)
प्रियंका सिंह, मुंबई। Kathal Movie Review: छोटे शहरों और जरूरी मुद्दों पर बात करती कहानियों को दर्शकों तक पहुंचाने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म अहम भूमिका निभा रहा है। नेटफ्लिक्स पर आयी व्यंग्यात्मक कामेडी ड्रामा कटहल- अ जैकफ्रूट मिस्ट्री (Kathal- A Jackfruit Mystery) उन्हीं फिल्मों में से एक है, जो हंसाते हुए कुछ जरूरी मुद्दों पर सतही तौर पर बात करते हुए आगे बढ़ जाती है।
कटहल फिल्म की कहानी क्या है?
विधायक मुन्नालाल पटेरिया (विजय राज) के बगीचे में लगे कटहल के पेड़ से दो 15-15 किलो के कटहल चोरी हो जाते हैं। वह कटहल देसी नहीं, बल्कि मलेशिया के अंकल हॉन्ग नस्ल का था। विधायक के लिए कटहल इसलिए मायने रखता है, क्योंकि उसका अचार बनाकर उन्हें मुख्यमंत्री के घर भिजवाना है, ताकि वह उन्हें खुश करके मंत्री पद ले सके।
कटहल की खोज करने का जिम्मा सब इंस्पेक्टर महिमा बसोर (सान्या मल्होत्रा) को सौंपा जाता है। कॉन्स्टेबल से प्रमोट होकर सब इंस्पेक्टर बनी महिमा छोटी जाति की है। उसे कांस्टेबल सौरभ द्विवेदी (अनंतविजय जोशी) से प्यार है, लेकिन सौरभ के घरवालों को महिला की सौरभ से ऊंची पोस्ट और छोटी जाति दोनों से दिक्कत है।
छानबीन के दौरान महिमा को पता चलता है कि विधायक के घर में काम करने वाले माली की बेटी गायब है। पुलिस स्टेशन में बंद फाइलों में कई ऐसी लड़कियां हैं, जो गुमशुदा हैं। महिमा पर कटहल को खोजने का दबाव है। वह अब क्या करेगी? क्या वह माली की बेटी को खोजेगी या फिर कटहल को? कहानी इसी दिशा में आगे बढ़ती है।