Killer Soup Review: 'किलर' नहीं बन पाया अभिषेक चौबे का 'सूप', क्या उम्मीदों पर खरी उतरी मनोज-कोंकणा की जोड़ी?
Killer Soup Review अभिषेक चौबे ने इश्किया और उड़ता पंजाब में उत्तर भारत की कहानी दिखाई थी किलर सूप के साथ वो दक्षिण चले गये हैं। सीरीज भी हिंदी के साथ दक्षिण भारतीय भाषाओं में रिलीज की गई है लेकिन क्या ये ब्लैक कॉमेडी सीरीज अपेक्षाओं पर खरी उतरी है क्योंकि मनोज और कोंकणा का साथ दर्शकों की उम्मीदें बढ़ाने के लिए काफी है।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। Killer Soup Review: 2023 में मनोज बाजपेयी ओटीटी स्पेस के स्टार बनकर उभरे थे। गुलमोहर और सिर्फ एक बंदा काफी है में मनोज की एक्टिंग की रेंज को फैंस ने भी खूब एंजॉय किया। साल बदला और ओटीटी पर मनोज की पहली दस्तक किलर सूप है।
द फैमिली मैन के बाद मनोज की ये दूसरी वेब सीरीज है और इसके निर्देशक अभिषेक चौबे की पहली। अभिषेक मनोज को एंथोलॉजी फिल्म रे की एक कहानी में निर्देशित कर चुके है, मगर क्या अभिषेक, मनोज और कोंकणा का ये साथ उतना किलर रहा, जितना किलर काम ये दोनों अलग-अलग करते रहे हैं?
क्या है किलर सूप की कहानी?
किलर सूप शीर्षक से संकेत मिलता है कि कहानी का अहम अंग होगा या उसकी वजह से कोई झोल होगा। शुरुआत भी स्वाति शेट्टी (कोंकणा सेन शर्मा) द्वारा अपने बिजनेसमैन पति प्रभाकर शेट्टी (मनोज बाजपेयी) उर्फ प्रभु के लिए पाया सूप (नॉनवेज सूप) बनाने से होती है।यह भी पढ़ें: OTT Releases: इस हफ्ते ओटीटी पर मनोज बाजपेयी की 'किलर सूप' और टॉम क्रूज की Mission Impossible 7, पूरी लिस्ट
प्रभु उसे किलर कह कर बुलाता है। दरअसल, वह सूप किसी के गले नहीं उतरता है। हालांकि, वह खाना बनाना भी सीख रही है। स्वाति का सपना अपना रेस्तरां खोलने का है। वहीं, प्रभाकर का हमशक्ल उमेश मेहता जिमखाने में उसकी मसाज करता है। उमेश के साथ स्वाति का अफेयर है।
प्रभाकर अपनी पत्नी की जासूसी करा रहा होता है। वह अपना रिसॉर्ट खोलना चाहता है। उसका बड़ा भाई अरविंद (सयाजी शिंदे) उसमें पैसा लगाने से इनकार कर देता है। जासूस एक हादसे में मारा जाता है। उधर नाटकीय घटनाक्रम में उमेश के हाथों प्रभाकर का कत्ल हो जाता है। दोनों मिलकर जंगल में उसकी लाश को ठिकाने लगा लेते हैं। उमेश को स्वाति अपने पति प्रभाकर के तौर पर पेश करती है।