Move to Jagran APP

Kingdom Of The Planet Of The Apes Review: बुद्धिमान होते ही सियासत करने लगे वानर, इंसान लड़ रहे अस्तित्व की जंग

प्लैनेट ऑफ द एप्स फिल्म सीरीज की रीबूट फिल्म राइज ऑफ द प्लैनेट ऑफ एप्स के साथ शुरू हुआ फ्रेंचाइजी का सफर किंगडम ऑफ द प्लैनेट ऑफ द एप्स तक पहुंच गया है। यह इस फिल्म सीरीज की चौथी मूवी है। कहानी बुद्धिमान हुईं वानर प्रजातियों और मानवों के बीच लड़ाई पर आधारित है। बुद्धि सोचने की ताकत लेकर आती है तो संघर्ष भी साथ आते हैं।

By Manoj Vashisth Edited By: Manoj Vashisth Updated: Fri, 10 May 2024 11:39 PM (IST)
Hero Image
किंगडम ऑफ द प्लैनेट ऑफ द एप्स रिलीज हो गई है। फोटो- इंस्टाग्राम
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। हॉलीवुड में सीक्वल और रीबूट फिल्म सीरीज बनाने की लम्बी परम्परा रही है। प्लैनेट ऑफ द एप्स हॉलीवुड की ऐसी ही फ्रेंचाइजी है, जिसे 2011 में रीबूट किया गया था और तब से इसके तीन सीक्वल आ चुके हैं।

किंगडम ऑफ द प्लैनेट ऑफ द एप्स, इस फिल्म सीरीज का चौथा सीक्वल है, जो शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हो चुका है। देश में फिल्म अंग्रेजी के साथ हिंदी में भी उतारी गई है। 

किंगडम ऑफ द प्लैनेट ऑफ द एप्स, 2017 में आई वॉर फॉर द प्लैनेट ऑफ द एप्स (War For The Planet Of The Apes) की सीधी सीक्वल फिल्म है और उसके बाद की घटनाओं को आगे बढ़ाती है। इंसानों और वानरों के बीच अस्तित्व की यह जंग तकनीकी तौर पर शानदार है। हालांकि, कहानी में नयापन नहीं है।

अलग-अलग समूहों के बीच सरवाइवल की लड़ाई पहले भी पर्दे पर देखी जाती रही है। यहां फर्क यह है कि इंसानों का मुकाबला इंसानों से नहीं, बल्कि सोचने-विचारने और साजिशें रचने वाले वानरों से है। वहीं, विभिन्न वानर समूह भी एक-दूसरे पर आधिपत्य करने के लिए जूझ रहे हैं।

क्या है 'किंगडम' की कहानी?

रीबूट सीरीज की चौथी फिल्म की कहानी सीजर की मौत के कई साल (लगभग 300 साल) बाद के कालखंड में दिखाई गई है। एप्स यानी वानरों का धरती पर राज हो चुका है। इंसान अल्पसंख्यक बन चुका है और अपने सरवाइवल के लिए लड़ रहा है। ईगल वंश का चिम्पैजी नोआ इंसानों को अपना दोस्त मानता है।

यह भी पढ़ें: Lord Of The Rings फैंस के लिए बेहतरीन खबर! Hobbit के बाद Gollum पर आ रही नई फिल्म सीरीज

नोआ की ट्राइब पर मास्कधारी चिम्पैजी और एप्स हमला बोलते हैं। नोआ के सामने अपने परिवार और ट्राइब को बचाने की जिम्मेदारी है। हालांकि, उसमें सीजर जैसे लीडरशिप स्किल नहीं हैं। नोआ के मकसद में कुछ इंसानी दोस्त मदद करते हैं। नोआ के सामने प्रोक्सिमस सीजर है, जो महत्वाकांक्षी बोनोबो (चिम्पैजी) है। प्रोक्सिमस सीजर इंसानों के हथियारों पर कब्जा करना चाहता है, ताकि उनका वजूद मिटा सके। 

कैसा है फिल्म का स्क्रीनप्ले?

2011 में आई राइज ऑफ द प्लैनेट ऑफ द एप्स की शुरुआत सीजर के साथ हुई थी, जिसकी बुद्धि एक साइंटिफिक प्रयोग के बाद इंसानों की तरह विकसित होती है। धीरे-धीरे एप्स की सभी प्रजातियों का इवॉल्यूशन होता है और वो इंसानों की तरह सोचने लगते हैं। बोलने लगते हैं और इंसानी जज्बात को महसूस करने लगते हैं।

प्लैनेट ऑफ द एप्स सीरीज की फिल्मों का सार यही है कि जैसे ही इंसानों की तरह उनका विकास होता है, बुराइयां भी आने लगती हैं। इंसानों के जुल्मों के खिलाफ जंग से शुरू हुआ सफर इंसानों के अस्तित्व को मिटाने पर आ जाता है। 

किंगडम ऑफ प्लैनेट ऑफ द एप्स उसी सिलसिले को आगे बढ़ाती है, मगर पहली फिल्मों के मुकाबले सतही लगती है। पूर्व की फिल्मों में इंसानों से जंग का जो मकसद था, वो इस फिल्म में नजर नहीं आता। वेस बाल निर्देशित फिल्म में वानर किरदारों का प्रेजेंटेशन इसकी सबसे बड़ी खूबी है।

एक-एक किरदार को उसकी शख्सियत के अनुसार तैयार करना और भाव देना, उसे अलग पहचान देना, साफ दिखता है। जॉश फ्राइडमैन ने एप्स की पॉलिटिक्स की एक अलग दुनिया रची है। अच्छे, बुरे हर तरह के वानर हैं।  इनमें वानरों की अलग-अलग प्रजातियों को किरदार में ढाला गया है। चिम्पैजी, ओरांगउटान, बोनोबो, गोरिल्ला शामिल हैं।

यह भी पढ़ें: Prime Video की हिस्टोरिकल ड्रामा सीरीज में नजर आएंगे एंथनी होपकिंस, प्लेटफॉर्म ने बताई रिलीज डेट

नोआ को उसकी जर्नी में मे या नोवा का साथ मिलता है, जो इंसानी लड़की है। इस किरदार को फ्रेया एलन ने निभाया है। फ्रेया को दर्शक द विचर सीरीज में प्रिंसेस सीरी के किरदार में देख चुके हैं। नोआ के किरदार को ओवेन टीग ने निभाया है, जबकि प्रोक्सिमस सीजर के किरदार में केविन डुरंड हैं। किंगडम ऑफ द प्लैनेट ऑफ द एप्स स्टैंडएलोन सीक्वल है, लेकिन इसके तीन पार्ट देखने वाले दर्शक चौथी फिल्म में सीजर को जरूर मिस करेंगे।