Lootere Review: इंडियन OTT स्पेस में सोमालिया के समुद्री लुटेरों का आतंक, नया एंगल लेकर आई हंसल मेहता की सीरीज
Disney+ Hoststar की सीरीज लुटेरे (Lootere Review) का निर्देशन जय मेहता ने किया है। हंसल मेहता शो-रनर हैं। ओटीटी स्पेस में यह अलग तरह की कहानी पेश करती है जिसमें सोमालिया के आपराधिक धरातल पर पाइरेट्स की उपजाऊ खेती को एक्सप्लोर किया गया है। कहानी के केंद्र में सोमालिया में बसा एक भारतीय बिजनेसमैन और हाइजैक जहाज का क्रू है जिसे रजत कपूर लीड कर रहे हैं।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। दुनियाभर में कुख्यात सोमालियाई पाइरेट्स को केंद्र में रखकर बॉलीवुड में फिल्म बनाने की एक कोशिश 2017 में हुई थी। निर्माता सिद्धार्थ रॉय कपूर ने हसीन दिलरुबा के निर्देशक विनिल मैथ्यू के साथ सोमालियाई पाइरेट्स पर फिल्म की घोषणा की थी।
यह कहानी मर्चेंट नेवी ऑफिसर ओडुम्बर भोई के अनुभवों के आधार पर गढ़ी गई थी, जिनके शिप पर सोमालियाई पाइरेट्स ने हमला किया था। हालांकि, फिल्म घोषणा से आगे नहीं बढ़ सकी।
अब इसके सात साल बाद डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर लुटेरे वेब सीरीज (Lootere Web Series) रिलीज हो गई है, मालवाहक जहाज को हाइजैक करने की कहानी दिखाती है।
हालांकि, शो-रनर हंसल मेहता की आठ एपिसोड्स की सीरीज सिर्फ पाइरेट्स के खतरे तक सीमित नहीं है, इसके पीछे के कारणों पर भी सरसरी तौर पर नजर घुमाती है, जिसमें सोमालिया की आर्थिक स्थिति और अपराध की सत्ता रेखांकित होती है।
यह संयोग ही है कि अंतरराष्ट्रीय खबरों में सोमालिया के पाइरेट्स (Somalian Pirates) की वापसी के बीच लुटेरे रिलीज हुई है। MSN की एक रिपोर्ट के अनुसार, नवम्बर से अभी तक हाइजैक की 20 कोशिशें हो चुकी हैं, जिससे मालवाहक जहाजों के क्रू की सुरक्षा को लेकर चिंता और लागत दोनों बढ़ चुकी हैं।
क्या है लुटेरे की कहानी?
लुटेरे की कथाभूमि अफ्रीकी देश सोमालिया की राजधानी मोगादिशु शहर है और प्रमुख किरदार वहां बसे कुछ भारतीय, सोमालिया के स्थानीय नागरिक और यूक्रेन के मालवाहक जहाज यूके किवाल का क्रू है, जिसमें भारतीय, पाकिस्तानी और बांग्लादेशी नागरिक शामिल हैं।
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बिजनेसमैन विक्रांत गांधी यानी विक (Vivek Gomber) मोगादिशु में अपने ससुर रॉबर्ट शॉ की विरासत सम्भाले हुए है। महत्वाकांक्षी विक सोमलिया पोर्ट अथॉरिटी एसोसिएशन का प्रेसीडेंट है और अपनी इस पोजीशन का इस्तेमाल गैरकानूनी कामों के लिए करता है।विक का कार्यकाल खत्म होने वाला है और प्रेसीडेंट का चुनाव सिर पर है। विक्रांत किसी भी सूरत में प्रेसीडेंट का पद जीतना चाहता है, ताकि पोर्ट के जरिए होने वाले उसके गैरकानूनी धंधों का भांडा न फूटे। मगर, हवा उसके खिलाफ बह रही है। आर्थिक हालात भी अच्छे नहीं हैं।
उसकी सारी समस्याओं का इलाज एक कंटेनर में है, जो यूक्रेन के यूके किवाल जहाज से सोमालिया आ रहा है। इसमें उसकी मदद कर रहा है शिपिंग कम्पनी विस्टा के मालिक का अय्याश बेटा अजय कोतवाल (Chandan Roy Sanyal)।इस कंटेनर को जहाज से हासिल करने के लिए वो अपने पुराने साथी बिलाल की मदद लेता है। बिलाल इस काम के लिए पाइरेट्स का इस्तेमाल करता है, जो जहाज को हाईजैक करके 13 सदस्यीय क्रू को बंधक बना लेते हैं।