Luka Chuppi Movie Review: कार्तिक आर्यन और कृति सनोन की लुका छुपी, मिले इतने स्टार्स
Luka Chuppi Movie Review कुल मिलाकर कार्तिक आर्यन और कृति सनोन की लुका छुपी एक हल्की फुल्की मनोरंजक फिल्म है जिसका आनंद आप ले सकते हैं।
By Hirendra JEdited By: Updated: Sat, 02 Mar 2019 06:25 AM (IST)
-पराग छापेकर
फ़िल्म का नाम- लुका छुपी (Luka Chuppi)स्टारकास्ट: कार्तिक आर्यन, कृति सनोन, अपारशक्ति खुराना, पंकज त्रिपाठी, विनय पाठक।
कहानी- रोहन शंकरनिर्देशक: लक्ष्मण उतेकर
निर्माता: दिनेश विजानछोटे शहरों का अपना एक नैतिक मापदंड होता है वहां की अपनी सामाजिकता होती है! महानगरों में भले ही आज का यूथ लिव इन रिलेशन जैसी व्यवस्था को आजमा लेता है, भले ही कानून ने लिव इन को कानूनी मान्यता दे दी है, मगर फिर भी छोटे शहरों में इसे आसानी से स्वीकार नहीं किया जाता! वहां आज भी ऐसे तमाम किस्से हैं जहां मां-बाप के कहने पर लड़का-लड़की बिना एक दूसरे को देखे भी शादी करने को तैयार हो जाते हैं। ऐसे में लिव इन जैसी चीजें उनके लिए सामाजिक और नैतिक अपराध की श्रेणी में आ जाती हैं।ऐसे में मथुरा का लोकल टेलीविज़न रिपोर्टर गुड्डू (कार्तिक आर्यन) और मथुरा के संस्कृति के ठेकेदार और नेता त्रिवेदी जी (विनय पाठक) की बेटी रश्मि (कृति सनोन) के मन में एक दूसरे के लिए प्यार के बीज पनपने लगते हैं। ऐसे में रश्मि चाहती है कि वह दोनों लिव-इन में रहे और तय करें कि वह आगे ज़िंदगी साथ बिता पाएंगे या नहीं? ना नुकुर के बाद गुड्डू भी तैयार हो जाता है और दोनों चल पड़ते हैं ग्वालियर। जहां उनका काम भी है और साथ-साथ उन्हें लिव-इन भी रहना है। मकान किराए पर लेकर दोनों शादीशुदा होने का नाटक करते हैं और इसके बाद क्या-क्या होता है.. इसी पर आधारित है फिल्म ‘लुका छुपी’।
ज़ाहिर है निर्देशक लक्ष्मण उतेकर ने एक सामाजिक मुद्दा पकड़ा है। फिल्म के फर्स्ट हाफ में तो बहुत ज्यादा कुछ घटित नहीं होता मगर जो सेकंड हाफ उन्होंने गढ़ा है उसमें आप मुस्कुराते रहते हैं और ठहाके लगाते रहते हैं। अभिनय की बात करें तो गुड्डू के किरदार में कार्तिक आर्यन पूरी तरह से ईमानदार नजर आते हैं। हर दृश्य चाहे वो कॉमेडी हो, रोमांटिक हो या बेबसी का हो उन्होंने हर रंग को बेहतरीन ढंग से निभाया है।कृति सनोन ने भी उनका साथ भरपूर दिया है! इन दोनों की जुगलबंदी आपको लगातार बांधे रखती है। साथ ही दोनों की केमिस्ट्री देखने लायक है। इसके अलावा अपारशक्ति खुराना, पंकज त्रिपाठी इस तड़के का स्वाद दुगना कर देते हैं। अतुल श्रीवास्तव, विश्वनाथ चटर्जी, नेहा सराफ और सपना सेंड जैसे कलाकार भी छोटे-छोटे किरदारों में आते हैं और अपनी उपस्थिति दर्ज़ करा जाते हैं।
तकनीकी स्तर पर मिलिंद जोग की सिनेमैटोग्राफी फिल्म को दर्शनीय बनाती है। मनीष प्रधान की एडिटिंग भी बेहतरीन है। प्रोडक्शन डिपार्टमेंट ने अपना काम अच्छे से निभाया है। कुल मिलाकर लुका छुपी एक हल्की फुल्की मनोरंजक फिल्म है, जिसका आनंद आप ले सकते हैं।जागरण डॉट कॉम रेटिंग: पांच (5) में से साढ़े तीन (3.5) स्टार
अवधि: 2 घंटे 7 मिनट