Lust Stories 2 Review: दो कहानियों ने घटाये पूरी एंथोलॉजी के नम्बर, कोंकणा और काजोल रहीं अव्वल
Lust Stories 2 Review लस्ट स्टोरीज नेटफ्लिक्स की एंथोलॉजी फिल्मों की फ्रेंचाइजी है। इसका पहला भाग 2020 में आया था जबकि दूसरे भाग गुरुवार को रिलीज हो गया है। इस फिल्म सीरीज में चाहतें ख्वाहिशें और वासना इर्द-गिर्द कहानियों को गढ़ा जाता है। इस बार कोंकणा सेन शर्मा अमित आर शर्मा सुजॉय घोष और आर बाल्की ने कहानियों का निर्देशन किया है।
By Manoj VashisthEdited By: Manoj VashisthUpdated: Thu, 29 Jun 2023 03:22 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। नेटफ्लिक्स की एंथोलॉजी फिल्म लस्ट स्टोरीज 2020 में आयी थी। प्रेम और वासना के बारीक फर्क को दिखाती कहानियों का दूसरा भाग लस्ट स्टोरीज 2 तीन साल बाद आ गया है। इन तीन सालों में ओटीटी स्पेस के कंटेंट में जो स्वच्छंदता आयी है, वो वैचारिक स्तर पर 'लस्ट स्टोरीज 2' में भी नजर आती है।
'लस्ट स्टोरीज' जैसे विषयों को गढ़ने में इस बात का पूरा रिस्क रहता है कि यह सड़कों पर बिकने वाले सस्ते साहित्य की बानगी ना बन जाएं। यहां ट्रीटमेंट बहुत मायने रखता है। ट्रीटमेंट से ही तय होता है कि कहानियों के जरिए जो संदेश दर्शक तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है, वो पहुंचा या नहीं। लस्ट स्टोरीज 2 में ऐसा कुछ नहीं है, जिसे देखकर 'कुछ नया या कुछ अलग देखने' का भाव जागे, मगर कहानियों का प्रवाह प्रभावित करता है। चार में से दो कहानियां अभिनय, लेखन, विषय और तकनीकी रूप से बेहतरीन हैं। बाकी दो इस पूरी एंथोलॉजी के नम्बर घटाने का काम करती हैं।
आर बाल्की की कहानी
अमिताभ बच्चन और तब्बू के साथ सोलह साल पहले चीनी कम बनाने वाले आर बाल्की ने जिस कहानी का निर्देशन किया है, उसमें मृणाल ठाकुर और अंगद बेदी लीड रोल्स में हैं। दोनों की शादी होने वाली है। अल्ट्रा कूल दादी दोनों को टेस्ट ड्राइव की सलाह देती हैं, क्योंकि उनके हिसाब से शादीशुदा जिंदगी की सफलता के लिए यौन जीवन पटरी पर रहना जरूरी है।
यह कहानी उस दोगली सोच पर प्रहार करती है, जिसमें बच्चों की की शादी तो धूमधाम से करवायी जाती है और पोते-पोतियों की कामना भी की जाती है, मगर जब यौन जीवन से जुड़ी दिक्कतों पर बात करने का मौका आता है तो एक हिचक साफ देखी जाती है। बाल्की ने कहानी को दिलचस्प और जिम्मेदारी के साथ संभाला है, जिससे ह्यूमर की परत बनी रहती है। इस कहानी की हीरो नीना गुप्ता ही हैं।
कोंकणा सेन शर्मा की कहानी
यौन जीवन की दबी हुई आकांक्षाओं को कई बार हालात के जरिए भी जाहिर किया जाता है और तृप्ति का भाव इन हालात में फंसने के लिए प्रेरित करता है। कोंकणा सेन शर्मा की कहानी इंसानी जज्बात के इसी पहलू पर फोकस करती है। तिलोत्तमा शोम और अमृता सुभाष इस कहानी की नायिकाएं हैं।
अमृता, तिलोत्तमा की मेड के किरदार में हैं। इस कहानी में संवादों की सबसे कम जरूरत पड़ी है। सारी बातचीत कैमरा करता है। अपनी मेड को उसके पति के साथ इंटिमेट होते देख तिलोत्तमा के चेहरे पर केंद्रित कैमरा बदलते भावों को जिस तरह कैप्चर करता है और फिर दृश्य बिना संवाद सब कुछ कहते रहते हैं, यह इस कहानी के कलाकारों के अभिनय का कमाल है। चाहतें, आर्थिक या सामाजिक वर्ग की बंदिशों में कैद होकर नहीं रह सकतीं।