Mission Majnu Review: रोमांच नहीं जगाता इस 'मजनू' का मिशन, सिद्धार्थ मल्होत्रा की 'मासूम' अदाकारी
Mission Majnu Review मिशन मजनू नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो गयी है। यह स्पाइ थ्रिलर फिल्म है। गुडबाय से डेब्यू करने वाली रश्मिका मंदाना की यह दूसरी फिल्म है। मिशन मजनू की कहानी पाकिस्तान के परमाणु परीक्षण के प्लान को नेस्तनाबूद करने पर आधारित है।
By Manoj VashisthEdited By: Manoj VashisthUpdated: Fri, 20 Jan 2023 02:58 PM (IST)
स्मिता श्रीवास्तव, मुंबई। 18 मई 1974 को राजस्थान के पोखरण में भारत ने पहला सफल परमाणु परीक्षण किया था। इस ऑपरेशन का कोड नेम स्माइलिंग बुद्धा रखा गया था। ऐसे में भारत से तीन जंग हारने के बावजूद पाकिस्तान ने गुपचुप तरीके से परमाणु बम बनाने का फैसला किया था।
हालांकि, उसके नापाक मंसूबों को देश के जांबाज जासूसों ने सफल नहीं होने दिया था। ऐसे ही बहादुर जासूस को समर्पित है फिल्म मिशन मजनू।
पिता की गद्दारी का बोझ उठाकर चलने वाला जासूस
कहानी का आरंभ वर्ष 1974 में रावलपिंडी में बसे तारिक उर्फ अमनदीप (सिद्धार्थ मल्होत्रा) के परिचय (बेहतरीन दर्जी) के साथ होता है, जो रॉ एजेंट है। उसके पिता ने गद्दारी के आरोप के चलते आत्महत्या कर ली थी। यह दर्द उसे सालता रहता है। उसे रॉ के चीफ आर एन काव (परमीत सेठी) का संरक्षण प्राप्त है।बॉस शर्मा (जाकिर हुसैन) पिता की गद्दारी की वजह से उस पर यकीन नहीं रखता है। तारिक को नेत्रहीन नसरीन (रश्मिका मंदाना) से मोहब्बत हो जाती है। उधर, भारत में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में सफल परमाणु परीक्षण की खबर से पाकिस्तान बौखला जाता है।
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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री भुट्टो (रजत कपूर) गुपचुप और गैरकानूनी तरीके से परमाणु बम बनाने का निर्णय लेते हैं। लीबिया का तानाशाह गद्दाफी इसमें पाकिस्तान का साथ देता है। पाकिस्तान अपनी मंजिल के करीब था, उसी दौरान वहां पर तख्तापलट हो जाता है।
पाकिस्तान की कमान सेना प्रमुख जिया उल हक के हाथों में आ जाती है। काव को यूरोप से खबर मिलती है कि पाकिस्तान परमाणु बम बनाने की तैयारी में हैं। तारिक से सूचना जुटाने को कहा जाता है। इधर भारत में में इमरजेंसी लागू हो जाती है। सत्ता परिवर्तन् हो जाता है।
रॉ को मिशन बंद करने के लिए कहा जाता है। पाकिस्तान में परमाणु बम बनाने की खबर को पुख्ता करने में तारिक को रॉ के दो अन्य सहयोगी मौलवी साहब (कुमुद मिश्रा) और असलम उस्मानिया (शारिब हाशमी) का साथ मिलता है।