Mr And Mrs Mahi Review: क्रिकेट के लिए जुनून की कहानी मियां-बीवी की कलह पर अटकी, कहां बिगड़ा संतुलन?
मिस्टर एंड मिसेज माही ऐसे पति-पत्नी की कहानी है क्रिकेट जिनका जुनून है। मिस्टर माही अपने पारिवारिक कारणों से क्रिकेटर नहीं बन पाते तो अपनी पत्नी को क्रिकेटर बनाने की कोशिश करते हैं। फिल्म का निर्देशन शरण शर्मा ने किया है। राजकुमार राव जाह्नवी कपूर और कुमुद मिश्रा मुख्य भूमिकाओं में हैं। मिस्टर एंड मिसेज माही के सामने बॉक्स ऑफिस पर सावी है।
स्मिता श्रीवास्तव, मुंबई। कई बार माता-पिता के दबाव की वजह से बच्चों के सपने दबे रह जाते हैं। ऐसे में वे कुंठाग्रस्त रहते हैं। जीवन के साथ समझौता कर लेते हैं, लेकिन जीवन का चक्र कई बार उन्हें ऐसे मोड़ पर ले आता है, जहां से वह दूसरों के जरिए अपने सपनों को पूरा करने का रास्ता तलाश लेते हैं।
ऐसे ही क्रिकेट और शादी के गठजोड़ पर फिल्म मिस्टर एंड मिसेज गढ़ी गई है। शरण शर्मा द्वारा निर्देशित यह फिल्म खेल के बारे में है, लेकिन यह वैवाहिक कलह की कहानी में बदल जाती है, जब विफल महत्वाकांक्षाएं दबी हुई भावनाओं से टकराती हैं। लेखन स्तर पर कमजोर होने की वजह से मिस्टर और मिसेज दोनों कन्फ्यूज नजर आते हैं।
क्या है Mr. And Mrs. Mahi की कहानी?
महेंद्र अग्रवाल ऊर्फ माही (राजकुमार राव) क्रिकेटर बनना चाहता है। उसके लिए उसने अपने पिता हरदयाल अग्रवाल (कुमुद मिश्रा) से दो साल का समय मांगता है। उनकी खेलों का सामान बेचने की दुकान है। महेंद्र का टीम में चयन नहीं हो पाता। पिता के दबाव की वजह से वह क्रिकेटर बनने का सपना छोड़ देता है।यह भी पढ़ें: Box Office Prediction- बॉक्स ऑफिस की पिच पर Mr and Mrs Mahi, लगेगा छक्का या होंगे क्लीन बोल्ड?
पेशे से डाक्टर महिमा गुप्ता (जाह्नवी कपूर) से उसकी अरेंज मैरिज होती है। शादी की पहली रात उसे पता चलता है कि महिमा भी क्रिकेट की शौकीन है। क्रिकेट के प्रति महेंद्र के लगाव को देखते हुए महिमा उसे क्रिकेट में फिर से हाथ आजमाने के लिए प्रोत्साहित करती है।महेंद्र अपने कोच बेनी दयाल शुक्ला (राजेश शर्मा) से मिलने जाता है, लेकिन उनकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरता। बेनी अपने पुराने शिष्य को कोच बनने का सुझाव देते हैं। महेंद्र इन्कार कर देता है। उसी दौरान मैदान पर वह महिमा को चौके-छक्के लगाते देखकर चौंकता है। उसे क्रिकेटर बनने को प्रोत्साहित करता है। वह उसका कोच बन जाता है।
महिमा का राज्य स्तर की टीम में चयन भी हो जाता है। महेंद्र को लगता है कि यहां से उसे शोहरत मिलेगी, पर वैसा नहीं होता। उसका असर उनके वैवाहिक जीवन पर पड़ने लगता है।