Munjya Review: मुन्नी तो यूं ही बदनाम हुई, असली मनचला तो निकला 'मुंजा', 'भेड़िया' से जुड़े Munjya के तार
मुंजा दिनेश विजन के प्रोडक्शन की फिल्म है और उनके हॉरर कॉमेडी यूनिवर्स को आगे बढ़ा रही है। इस बार कहानी कोंकण लोक कथा से ली गई है जिसका मुख्य पात्र मुंजा है। यह मुंजा आशिकमिजाज है और अपनी मुन्नी को ढूंढने निकला है। मुन्ना और मुंजा की परलौकिक प्रेम कहानी में बिट्टू और बेला की प्रेम कहानी भी है।
स्मिता श्रीवास्तव, मुंबई। हॉरर फिल्मों के साथ इन दिनों कॉमेडी का तड़का भी डाला जा रहा है, ताकि डर के साथ बीच में हल्के-फुल्के पलों से संतुलन साधा जा सके। निर्माता दिनेश विजन हॉलीवुड की तर्ज पर अपनी हॉरर कॉमेडी फिल्मों का यूनिवर्स बनाने की तैयारी में हैं।
स्त्री, रूही, भेड़िया के बाद इस कड़ी में 'मुंजा' चौथी फिल्म है। इस बार उन्होंने महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र की लोककथा को आधार बनाया है। हालांकि, फिल्म ना बहुत डरा पाती है, ना ही हंसा पाती है।
Munjya Story: मुन्नी की तलाश में लौटा मुंजा
पुणे में रह रहा बिट्टू (अभय वर्मा) डरपोक स्वभाव का है। वह ब्यूटी पार्लर चलाने वाली अपनी मां पम्मी (मोना सिंह) और आजी यानी दादी (सुहास जोशी) के साथ रहता है। वह विदेश में पढ़ाई करने जाना चाहता है, लेकिन उसकी मां चाहती है कि वह उसका बिजनेस संभाले। फिर गांव में अपने चाचा की बेटी की सगाई के लिए बिट्टू अपनी मां और दादी के साथ गांव जाता है।यह भी पढ़ें: जून से बदलेगा Box Office का गणित, पुष्पा 2 सहित 2024 की ये फिल्में कर सकती हैं इतने करोड़ का बिजनेस
गांव की जमीन को बेचने को लेकर उसकी दादी और चाचा के बीच बहस होती है। चेटूकवाड़ी के नाम से कुख्यात इस जगह को श्रापित माना जाता है। मान्यता है कि अगर किसी ब्राह्मण लड़के की मुंडन होने के 10 दिनों के भीतर ही मौत हो जाए तो वह ब्रह्मराक्षस यानी मुंजा बन जाता है।वह सिर्फ अपने खून के रिश्तेदारों को दिखता है। उस दौरान बिट्टू को अपने पिता की मौत के बारे में पता चलता है। वह चेटूकवाड़ी पहुंच जाता है। वहां पर मुंजा के बंधन खुल जाते है। दादी उसे बचाने जाती है। मुंजा उसकी जान ले लेता है। अपनी दादी की मौत से दुखी बिट्टू अपनी मां के साथ अपने घर लौटता है। तब उसे पता चलता है, मुंजा उसके साथ है।
वह सूर्यास्त के बाद आता है और सूर्योदय के समय गायब हो जाता है। वहां से उसकी ताकतों का अंदाजा होता है। वह मुन्नी नामक लड़की को ढूढ़ने को लेकर बिट्टू को प्रताड़ित करता है। वह उससे शादी करना चाहता है। बिट्टू अपने दोस्त स्पीलबर्ग (तरनजोत सिंह) की मदद से मुन्नी को खोजता है।मुन्नी की खोज के बाद मुंजा का दिल बिट्टू की बचपन की दोस्त बेला (शरवरी) पर आता है। वह बेला के साथ शादी की जिद करता है। इस दौरान बिट्टू मुंजा से छुटाकारा पाने को लेकर आधुनिक तांत्रिक पडरी (एस सत्यराज) के पास मदद के लिए जाता है। वे बेला को झूठ बोलकर गांव लाते हैं। यहां पर शादी होती है या वे उससे छुटकारा पा पाएंगे? कहानी इस संबंध में हैं।