इन लड़ाइयों में हजारों सैनिक शहीद हुए। पांच मई 1821 को ब्रिटिश द्वीप
सेंट हेलेना में निर्वासन में रह रहे नेपोलियन बोनापार्ट की मृत्यु हो गई। उनके अंतिम शब्द थे फ्रांस, सेना और जोसेफिन (
नेपोलियन की पहली पत्नी)। उस समय उनकी आयु 51 वर्ष की थी।
हालांकि, उनकी मृत्यु का कारण अनसुलझा रहस्य रहा। कुछ लोगों के लिए कोर्सिका (Corsica) में जन्मे नेपोलियन शानदार सैन्य शासक और राजनीतिक रणनीतिकार थे, दूसरों के लिए वह युद्धोन्मादी तानाशाह थे।एक वर्ग उन्हें राष्ट्रीय नायक मानता है, जिनके नेतृत्व और विरासत ने फ्रांस को मानचित्र पर ला खड़ा किया, जबकि दूसरा धड़ा उन्हें निरंकुश मानता है, जो गुलामी की बहाली का समर्थन करता था।
उनकी शख्सियत विवादस्पद रही। इस सैन्य शासक की उपलब्धियों से लेकर मृत्यु तक के सफर पर रिडली स्कॉट ने फिल्म नेपोलियन का निर्देशन किया है।
क्या है नेपोलियन की कहानी?
साल 1793 में फ्रांसीसी क्रांति के बीच फ्रांस की आखिरी रानी का सरेआम सिर कटते हुए युवा सेना अधिकारी नेपोलियन बोनापार्ट (J
oaquin Phoenix) देखता है। क्रांतिकारी नेता पॉल बर्रास (ताहर रहीम) नेपोलियन से टूलान शहर की घेराबंदी करने को कहता है।
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नेपोलियन अपने लक्ष्य में कामयाब रहता है और सफलतापूर्वक अंग्रेजों को खदेड़ देता है। तोपों के दम पर वह शाही विद्रोह को भी दबा देता है। राजनीतिक उठापटक के बीच उसका दिल विधवा
जोसेफिन (वैनेसा किर्बी) पर आ जाता है। दोनों शादी कर लेते हैं।नेपोलियन पत्नी से बेइंतहा प्रेम करता है। वह 1798 में मिस्र में पिरामिडों की लड़ाई में फिर से विजयी होता है, लेकिन जब उसे पता चलता है कि उसकी पत्नी का विवाहेत्तर संबंध है, वह बौखलाकर घर लौट आता है। फ्रांस की डायरेक्टरी (Directory) अपने सैनिकों का साथ छोड़ने के लिए उनकी आलोचना करती है।
इस पर नेपोलियन फ्रांस में उनके खराब नेतृत्व के लिए उनकी निंदा करता हैं। फिर साजिश के तहत तख्तापलट करके देश की सत्ता पर काबिज हो जाता है। उसे फ्रांस के सम्राट की उपाधि दी जाती है। हालांकि, शादी के 15 साल बाद भी वह निसंतान रहता हैं।उत्तराधिकारी के दबाव के बीच तलाक लेकर वह दूसरी शादी करता है, लेकिन पहली पत्नी के संपर्क में रहता है। निजी जिंदगी और विरोधियों के बीच उसका जीवन संघर्ष दिखता है। जून 1815 में
वाटरलू की लड़ाई में नेपोलियन हार जाता है और उसे ब्रिटिश हिरासत में सेंट हेलेना में निर्वासित कर दिया जाता है।
कैसा है स्क्रीनप्ले?
सिनेमा की नजर से देखें तो प्रसिद्ध ऐतिहासिक व्यक्तित्व नेपोलियन ने
एबेल गांस की 1927 की मूक फिल्म के बाद से फिल्मों में केवल क्षणिक उपस्थिति दर्ज की है। हालांकि, स्कॉट ने नेपोलियन को भव्यता के साथ सिनेमाई परदे पर उतारा है।स्कॉट और उनकी तकनीकी टीम ने 18वीं सदी की वास्तुकला, युद्ध कला के मैदान, वेशभूषा, सामाजिक आचरण और व्यवहार, राजनीतिक उठापटक को चित्रित करने में बहुत बारीकी से काम किया है।
स्कॉट और पटकथा लेखक डेविड र्स्कापा (
David Scarpa) ने नेपोलियन की पहली महान उपलब्धि के लिए टूलॉन में अंग्रेजों पर दुस्साहसिक हमले के लिए रोमांचक एक्शन ड्रामा का मंचन किया, जिसने उन्हें शानदार सैन्य रणनीतिकार के तौर पर स्थापित किया। साथ ही अंग्रेजों के प्रति उनकी आक्रामता को दर्शाया।संभवत: बायोपिक फिल्म को सम्मान देने के लिए स्कॉट और उनके पटकथा लेखक डेविड स्कार्पा ने फ्रांसीसी उपनिवेशों में दासता को फिर से शुरू करने के उनके सभी उल्लेखों को दबा दिया है। दो घंटे चालीस मिनट की फिल्म में नेपोलियन की जिंदगी के कई पहलुओं को समेटने के चक्कर में कहानी बहुत तेजी से आगे बढ़ती है।
नेपोलियन की दूसरी शादी और बच्चे होने का प्रसंग बहुत जल्दबाजी में निपटाया गया है। दूसरी पत्नी के साथ संबंधों का जिक्र नहीं है। युद्ध आधारित इस फिल्म में इमोशन का काफी अभाव है।
कैसा है अभिनय?
कलाकारों की बात करें तो जोक्विन फीनिक्स ने सैनिक अधिकारी से सम्राट बनने, जुनूनी पति और देश के प्रति समर्पित शख्स की भूमिका को बहुत शिद्दत से निभाया है।यह भी पढ़ें:
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वहीं, उनकी पत्नी की भूमिका में
वैनेसा किर्बी प्रभावित करती हैं। हालांकि, उनके किरदार की कुछ चीजें अनुत्तरित रह गयी हैं। उदाहरण के तौर पर नेपोलियन में उन्हें क्या पसंद आया, विवाहेत्तर संबंध में रहने की क्या वजह रही? उनके बच्चों का शुरुआत में जिक्र है, बीच में कहीं भी नहीं। फिल्म की सिनेमेटोग्राफी शानदार है। युद्ध के दृश्य रोमांचक हैं। हालांकि, इस फिल्म को देखने के लिए इतिहास की थोड़ी जानकारी होना आवश्यक है।