Neeyat Review: कमजोर कहानी ने विद्या बालन की 'नीयत' पर फेरा पानी, असरहीन रही एक्ट्रेस की वापसी
Neeyat Movie Review विद्या बालन चार साल बाद बड़े पर्दे पर लौटी हैं। उनकी आखिरी फिल्म 2019 में आयी मिशन मंगल है जिसमें वो साइंटिस्ट बनी थीं। इसके बाद विद्या की जो फिल्में ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुईं उनमें शकुंतला देवी शेरनी और जलसा शामिल हैं। इन सभी फिल्मों में विद्या के काम की तारीफ हुई। विद्या की ओटीटी पर आयी फिल्मों के मुकाबले नीयत कमजोर फिल्म है।
By Manoj VashisthEdited By: Manoj VashisthUpdated: Fri, 07 Jul 2023 12:33 PM (IST)
स्मिता श्रीवास्तव, मुंबई। ‘वेटिंग’, ‘शकुंतला देवी’ फिल्म की निर्देशक अनु मेनन ने पहली बार मर्डर मिस्ट्री जॉनर में हाथ आजमाया है। अनु के साथ प्रिया वेंकटरमण, अद्वैत कला और गिरवानी ध्यानी ने कहानी का सहलेखन किया है।
यह कहानी एक रात की है। अनु ने स्कॉटलैंड में एक आलीशान बंगले में अपने 11 किरदारों के साथ इस फिल्म को शूट किया है। नीयत में पहला घंटा मर्डर के इंतजार में चला जाता है। मध्यांतर के बाद उम्मीद बंधती है कि हम एक स्टाइलिश मर्डर मिस्ट्री देखेंगे। उसमें हत्यारे की खोज को लेकर कौतूहल रहेगा। वहीं पर नीयत थोड़ा मात खाती है।
क्या है नीयत की कहानी?
अरबपति आशीष कपूर उर्फ एके (राम कपूर) अपने जन्मदिन पर स्कॉटलैंड में एक आलीशान बंगले में अपने दोस्त और करीबी लोगों को बुलाता है। इनमें उसके सबसे अच्छे दोस्त संजय सूरी (नीरज काबी) और उनकी पत्नी नूर सूरी (दीपानिता शर्मा), साला जिमी (राहुल बोस), टैरो कार्ड रीडर जारा (निकी वालिया), प्रेमिका लीसा (शहाना गोस्वामी), बेटा रयान (शशांक अरोड़ा) और भतीजी साशा (इशिका मेहरा) शामिल हैं।उसके अलावा इवेंट मैनेजर तनवीर (दानेश रजवी), आशीष की सेक्रेटरी के (अमृता पुरी) और रयान की प्रेमिका गिगी (प्राजक्ता कोली) भी पार्टी में शामिल है। वहां मौजूद हर व्यक्ति के साथ एके की अपनी कहानी है। इस दौरान पता चलता है कि आशीष पर भारतीय बैंकों का बीस हजार करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है।
एके की कंपनी के आठ कर्मचारियों ने आत्महत्या की होती है, क्योंकि पिछले 27 महीनों से उन्हें वेतन नहीं मिला होता है, जबकि एके खुद लंदन में एशोआराम की जिंदगी बिता रहा है। खैर तूफान आने की वजह से बाहर जाने वाला एक मात्र ब्रिज बंद कर दिया जाता है। डिनर के दौरान एके बताता है, वह भारत सरकार को समर्पण करने वाला है।उसके प्रत्यर्पण के लिए सीबीआई अधिकारी मीरा राव (विद्या बालन) भी वहां पहुंची होती है। रयान के साथ आपसी कहासुनी के बाद आशीष बंगले के बाहर निकलता है। फिर कोहराम मचता है कि आशीष ने आत्महत्या कर ली है। मीरा मामले की जांच में जुटती है। वह पाती है कि आशीष ने आत्महत्या नहीं की, उसका मर्डर हुआ है? वहां मौजूद किस शख्स ने उसकी हत्या की है? हत्या के पीछे का रहस्य क्या है? मीरा कैसे अपराधी को पकड़ेगी? इन तमाम पहलुओं पर कहानी आगे बढ़ती है।