Panchayat Season 3 Review: सियासत ने किया फुलेरा का बंटवारा, विधायक से लड़ाई में बलि चढ़ी 'सचिव जी' की मासूमियत
पंचायत प्राइम वीडियो की सबसे चर्चित सीरीजों में से एक है। इसकी शुरुआत 2020 में हुई थी। 2022 में दूसरा सीजन आया था और अब तीसरा सीजन प्राइम वीडियो पर रिलीज हो गया है। दीपक कुमार मिश्रा लिखित शो में नीना गुप्ता रघुबीर यादव जितेंद्र कुमार पंकज झा सान्विका फैसल मलिक और चंदन रॉय मुख्य किरदारों में हैं। इस बार शो में दुर्गेश कुमार का किरदार भी अहम हुआ है।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। सादगी में लिपटी कहानी, मगर चटपटे किरदारों के साथ फुलेरा गांव प्राइम वीडियो पर लौट आया है। देश में लोक सभा चुनाव का माहौल है तो फुलेरा में भी पंचायती चुनाव की दस्तक हो गई है। चुनाव तो चुनाव है, देश का हो या ग्राम पंचायत का, सभी जीतने के लिए लड़ते हैं और उस रास्ते पर चलते हैं, जो जीत की ओर ले जाता है।
रास्ता नहीं हो तो बनाया जाता है। कभी सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाकर तो कभी किसी विवाद के जरिए।फुलेरा में फिलहाल सियासत जोरों पर है। चुनावी मौसम के फैसले अक्सर विवादों में घिर जाते हैं। मौका ढूंढ रहे विरोधी इन विवादों को हवा देते हैं। विवादों ने फुलेरा को पूरब और पश्चिम में बांट दिया है।
सियासी बिसात के एक छोर पर मौजूदा पंचायत पदाधिकारी हैं तो दूसरे छोर पर प्रधान बनने के तलबगार और उन्हें समर्थन दे रहा स्थानीय विधायक है। बीच में फंसे हैं पंचायत सचिव जी, जो IIM में एडमिशन लेकर फुलेरा से फुर्र हो जाना चाहते हैं, मगर सवाल है, क्या फुलेरा उन्हें छोड़ेगा?
TVF की सीरीज पंचायत का तीसरा सीजन मुख्य रूप से प्रधानी चुनाव को लेकर शह-मात के खेल पर आधारित है, जो अंतिम एपिसोड में चौंकाने वाले घटनाक्रम के जरिए किरदारों के अलग रंग पेश करता है और चौथे सीजन की पुष्टि भी।
क्या है पंचायत के तीसरे सीजन की कहानी?
पंचायत की कथाभूमि है बलिया जिले के फकौली विकास खंड का गांव फुलेरा है। बाहुबली विधायक चंद्र किशोर सिंह (पंकज झा) के जोर लगाने के बाद सचिव अभिषेक त्रिपाठी (जितेंद्र कुमार) का ट्रांसफर हो गया है, मगर प्रधान और अन्य साथी नये सचिव को ज्वाइन नहीं करने देते, ताकि अभिषेक की वापसी फुलेरा में हो सके। इस बीच हत्या के पुराने केस में विधायक को जेल हो जाती है और विधायकी चली जाती है।यह भी पढे़ं: Web Series In June: IPL खत्म होने पर उदास होने की नहीं है जरूरत, जून में OTT पर आएंगी इतनी सीरीज
विधायक के जेल जाते ही अभिषेक का तबादला रद हो जाता है और वो गांव पहुंचता है। मगर, एमबीए प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए किताबों के साथ। गांव में प्रधानमंत्री गरीब आवास योजना के तहत लाभार्थियों की लिस्ट जारी होती है, जो पक्षपात के आरोपों में फंस जाती है।अपनी पत्नी क्रांति देवी (सुनीता राजभर) को प्रधान बनाने का सपना देख रहा भूषण शर्मा (दुर्गेश कुमार) इस मौके का फायदा उठाता है। जमानत पर छूटकर आने के बाद वो विधायक के पास शांति समझौते का प्रस्ताव लेकर जाता है। भूषण की राजनीति काफी हद तक सफल हो जाती है, मगर फिर कुछ ऐसा होता है कि उसे मुंह की खानी पड़ती है।